Nepal Protest: 'लाठी लेकर दौड़ी भीड़', नेपाल में फंसी भारतीय पर्यटक की आपबीती; प्रदर्शनकारियों ने होटल फूंका
नेपाल में जेन जी के आंदोलन का सामना भारतीय पर्यटक को करना पड़ा। भारतीय पर्यटक ने सोशल मीडिया के जरिये आपबीती साझा करते हुए कहा कि मैं जिस होटल में रुकी थी, उसमें आग लगा दी गई। जब मैं स्पा से लौटी तो भीड़ मेरे पीछे लाठी लेकर दौड़ी। मैंने जैसे-तैसे भागकर जान बचाई। उन्होंने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
विस्तार
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सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में उपासना गिल नाम की महिला ने कहा कि वह नेपाल में वॉलीबाल लीग में भाग लेने आई थी। मैं पोखरा के जिस होटल में ठहरी हुई थी, वह जलकर खाक हो गया है। कमरे में रखा मेरा सारा सामान जल गया। मैं स्पा में गई थी। जब मैं वहां से वापस लौटी तो लोग बड़ी-बड़ी लाठियां लेकर दौड़ रहे थे। मैंने बड़ी मुश्किल से वहां से भागकर अपनी जान बचाई।
उपासना गिल ने प्रफुल्ल गर्ग के साथ साझा किए वीडियो में कहा कि यहां हालात बहुत खराब हैं। हर जगह सड़कों पर आग लगाई जा रही है। प्रदर्शनकारी पर्यटकों को भी नहीं बख्श रहे हैं। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई पर्यटक है या कोई काम से आया है। वे बिना सोचे-समझे हर जगह आग लगा रहे हैं। हमें नहीं पता कि हम कब तक किसी और होटल में रहेंगे। लेकिन मैं भारतीय दूतावास से विनती करती हूं कि कृपया यह वीडियो, संदेश उन तक पहुंचा दिया जाए। आप सभी से हाथ जोड़कर विनती है। हमारी मदद करें। मेरे साथ यहां बहुत से लोग हैं, और हम सब यहां फंसे हुए हैं।
#WATCH | Nepal: Hilton Hotel in Kathmandu all charred after it was set on fire during the recent anti-corruption protest. pic.twitter.com/N7AuwVj5Td
— ANI (@ANI) September 10, 2025
भारतीय दूतावास ने जारी की सलाह
नेपाल के हालात को लेकर काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने नेपाल में सभी भारतीय नागरिकों के लिए आपातकालीन नंबर जारी किए हैं। दूतावास ने कहा कि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने या सहायता की आवश्यकता होने पर : +977- 980 860 2881, +977- 981 032 6134 पर संपर्क कर सकते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे सावधानी बरतें और नेपाली अधिकारियों द्वारा जारी किए गए कदमों और दिशानिर्देशों का पालन करें।
कैसे शुरू हुआ आंदोलन
फेसबुक और यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया मंचों पर पाबंदी के बाद सोमवार को शुरू हुआ जेन-जी आंदोलन सोमवार देर रात सरकार की ओर से पाबंदी हटाने के बावजूद मंगलवार को और उग्र हो गया। राजधानी काठमांडो में कर्फ्यू और भारी सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए प्रदर्शनकारियों ने सिंह दरबार, संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, विशेष अदालत, राष्ट्रपति आवास, शीर्ष नेताओं के घर और विभिन्न दलों के दफ्तरों में आगजनी और तोड़फोड़ की। सिंह दरबार पूरी तरह से राख हो गया है। इसमें पीएम व मंत्रियों के दफ्तर हैं। पीएम ओली के बालकोट और जनकपुर स्थित निजी घरों, पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड, संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग, पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक, ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का का बुढानीलकंठ घर और कांग्रेस महासचिव गगन थापा के रातोपुल निवास तक को निशाना बनाया। अब तक हिंसा में 25 लोगों की मौत हो चुकी है।
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