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Nepal: भारी बारिश-भूस्खलन ने हिमालयी राष्ट्र में मचाई तबाही; अब तक 200 लोगों की जान गई, 30 से ज्यादा लापता
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, काठमांडू
Published by: श्वेता महतो
Updated Mon, 30 Sep 2024 11:05 AM IST
सार
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने कहा कि परिवहन को फिर से चालू करने के लिए राजमार्गों को साफ किया जा रहा है। काठमांडू की प्रमुख नदी बागमती बारी बारिश के बाद से अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
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नेपाल में बाढ़
- फोटो : PTI
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विस्तार
नेपाल में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जान गंवाने वालों की संख्या 200 के करीब हो चुकी है। पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी भी 30 लोग लापता हैं। पिछले शुक्रवार से भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हिमालयी राष्ट्र में तबाही मच गई। नेपाल पुलिस ने बताया कि लगातार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण अबतक 192 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि इस आपदा में 94 लोग घाल भी हुए हैं।
घायलों-पीड़ितों को मुफ्त इलाज और खाना
नेपाल सरकार तलाशी, बचाव और राहत अभियानों को प्राथमिकता दे रही है। राहत-बचाव कार्यों के लिए सुरक्षा एजेंसियों को विभिन्न इलाकों में भेजा गया है। अबतक 4500 से अधिक लोगों को बचाया गया है। घायलों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को मुफ्त में भोजन और अन्य चीजें प्रदान की जा रही है। बाढ़ और भूस्खलन के कारण सड़के क्षतिग्रस्त हैं, जिसके कारण काठमांडू की तरफ जाने वाली मार्ग अवरुद्ध हो गई। हजारों की संख्या में लोग फंसे हुए हैं।
बागमती नदीं खतरे के निशान से ऊपर बह रही
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने कहा कि परिवहन को फिर से चालू करने के लिए राजमार्गों को साफ किया जा रहा है। काठमांडू की प्रमुख नदी बागमती बारी बारिश के बाद से अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे एशिया में बारिश की मात्रा और समय में बदलाव हो रहा है। बाढ़ के प्रभाव में वृद्धि का एक कारण निर्मित पर्यावरण है, जिसमें अनियोजित निर्माण भी शामिल है। देश के कई इलाकों में बाढ़ और भारी बारिश के कारण जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सैकड़ों घर और पुल बाढ़ के पानी में बह गए। सड़क बाधित होने के कारण हजारों की संख्या में लोग विभिन्न स्तानों में फंसे हुए हैं।
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घायलों-पीड़ितों को मुफ्त इलाज और खाना
नेपाल सरकार तलाशी, बचाव और राहत अभियानों को प्राथमिकता दे रही है। राहत-बचाव कार्यों के लिए सुरक्षा एजेंसियों को विभिन्न इलाकों में भेजा गया है। अबतक 4500 से अधिक लोगों को बचाया गया है। घायलों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को मुफ्त में भोजन और अन्य चीजें प्रदान की जा रही है। बाढ़ और भूस्खलन के कारण सड़के क्षतिग्रस्त हैं, जिसके कारण काठमांडू की तरफ जाने वाली मार्ग अवरुद्ध हो गई। हजारों की संख्या में लोग फंसे हुए हैं।
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बागमती नदीं खतरे के निशान से ऊपर बह रही
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने कहा कि परिवहन को फिर से चालू करने के लिए राजमार्गों को साफ किया जा रहा है। काठमांडू की प्रमुख नदी बागमती बारी बारिश के बाद से अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे एशिया में बारिश की मात्रा और समय में बदलाव हो रहा है। बाढ़ के प्रभाव में वृद्धि का एक कारण निर्मित पर्यावरण है, जिसमें अनियोजित निर्माण भी शामिल है। देश के कई इलाकों में बाढ़ और भारी बारिश के कारण जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सैकड़ों घर और पुल बाढ़ के पानी में बह गए। सड़क बाधित होने के कारण हजारों की संख्या में लोग विभिन्न स्तानों में फंसे हुए हैं।
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