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Gen-Z Protest: सत्ता परिवर्तन के बाद एक्शन जारी, अब इस मामले में बढ़ी केपी ओली और पूर्व गृह मंत्री की मुश्किल?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: लव. गौर Updated Tue, 07 Oct 2025 07:27 PM IST
सार

नेपाल में सत्ता परिवर्तन के बाद पूर्व पीएम और पूर्व मंत्रियों के खिलाफ एक्शन जारी है। ऐसे में अब पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक के खिलाफ काठमांडू जिला पुलिस कार्यालय, भद्रकाली में एफआईआर दर्ज की गई है।

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Nepal Gen-Z protests Case registered against Ex PM KP Sharma Oli and home minister Ramesh Lekhak
केपी शर्मा ओली, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री - फोटो : ANI
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विस्तार
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नेपाल में युवाओं के भारी आक्रोश बाद सत्ता छोड़ने को मजबूर हुए पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उनके खिलाफ एक के बाद कई मामले दर्ज किए जा चुके हैं। ऐसे में अब मंगलवार (07 अक्तूबर) को अपदस्थ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और तत्कालीन गृह मंत्री रमेश लेखक के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। साथ ही जेन-जेड प्रदर्शनों के दौरान हुई मौतों के लिए उनकी आपराधिक जवाबदेही की मांग की है।
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काठमांडू जिला पुलिस कार्यालय में मामला दर्ज

पिछले महीने नेपाल में ओली सरकार के विरोध के युवाओं ने जनरेशन-जेड प्रोटेस्ट किया था। इस प्रदर्शन में कई लोगों की जान गई थी। ऐसे में अब काठमांडू जिला पुलिस मंडल प्रवक्ता,पुलिस अधीक्षक पवन भट्टाराई ने पुष्टि करते हुए बताया है कि यूएमएल अध्यक्ष ओली और नेपाली कांग्रेस नेता लेखक के खिलाफ काठमांडू जिला पुलिस कार्यालय, भद्रकाली में मामला दर्ज किया गया है।
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उन्होंने बताया कि क्योंकि मामले की जांच के लिए एक जांच आयोग का गठन पहले ही किया जा चुका है, इसलिए पुलिस ने एफआईआर को न्यायमूर्ति गौरी बहादुर कार्की की अध्यक्षता वाले उच्च-स्तरीय न्यायिक जांच आयोग को भेज दिया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश त्रिपाठी ने कहा, "जनरेशन-जेड के युवाओं की ओर से पुलिस में दर्ज कराई गई प्राथमिकी उनकी (ओली और लेखक की) आपराधिक जवाबदेही स्थापित करेगी और 8 व 9 सितंबर को हुए अपराध की जांच का मार्ग प्रशस्त करेगी।" उन्होंने आगे कहा, "राज्य के एजेंटों द्वारा किए गए गंभीर अपराध को बिना सजा के नहीं छोड़ा जाना चाहिए।"

युवाओं के विरोध प्रदर्शन में गई थी 76 लोगों की जान

आपको बता दें कि जनरेशन-जेड के विरोध प्रदर्शनों के पहले दिन 8 सितंबर को पुलिस की गोलीबारी में 19 प्रदर्शनकारी की मौत हुई थी। वहीं 8 और 9 सितंबर को दो दिन के विरोध प्रदर्शनों में कुल 76 लोग मारे गए थे। गौरतलब है कि सुरक्षाकर्मियों ने 8 सितंबर को भ्रष्टाचार को खत्म करने और सोशल मीडिया पर सरकारी प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं थीं।

दूसरे दिन और भी हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, जिनमें और भी लोग मारे गए और कई अहम सरकारी दफ्तरों में आग लगा दी गई थी, जिसके नतीजा यह रहा था कि  ओली सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था।
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