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किम जोंग-उन ने नीतिगत विफलताओं के बाद पांच साल में किया पहली कांग्रेस का आयोजन

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, प्योंगयांग Published by: Tanuja Yadav Updated Wed, 06 Jan 2021 08:55 AM IST
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north korean kim jong un opens congress with policy failures admission
kim jong un - फोटो : ANI
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उत्तरी कोरिया के किम जोंग-उन ने पांच साल में अपने देश की पहली सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के सम्मेलन का आयोजन किया। नीतिगत विफलताओं के बाद किम ने यह फैसला लिया है। पांच साल में यह पहली बैठक होगी, इससे पहले 2016 में हुई बैठक 36 साल बाद की गई थी।

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मंगलवार को पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुलाकात की, इसमें हजारों प्रतिनिधि और प्रेक्षक शामिल थे। इस बैठक में किम जोंग उन ने कहा कि हमें अपनी उनकी जीत और सफलताओं को आगे बढ़ाना और विस्तृत करना चाहिए, जो हमने अपने अथक प्रयासों के माध्यम से हासिल की हैं।
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एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किम ने अगले पांच साल के लिए एक योजना बनाई है, जिसके माध्यम से कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़े असर को सुधारा जाएगा। किम ने उत्तरी कोरिया के मेटल, केमिकल, इलेक्ट्रिक और दूसरे मुख्य इंडस्ट्री के मौजूदा हालात की समीक्षा की और भविष्य में विकास के लिए कुछ अनिर्दिष्ट कार्यों को निर्धारित किया।

इस साल की कांग्रेस बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अपने नौ साल के कार्रयकाल में किम ने कई सारे संकटों का सामना किया है, इसमें महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था का रुकना, सीमाओं का बंद होना, पिछले गर्मी के मौसम में प्राकृतिक आपदाओं का आना और अमेरिका राष्ट्रपति की ओर से लगाए गए प्रतिबंध शामिल हैं।

मंगलवार को हुई इस बैठक में किम ने अपने भाषण में इन आपदाओं को सबसे खतरनाक बताया। इसके अलावा किम अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के तहत अमेरिकी नीति पर भी नजर रखेंगे। औपचारिक तौर पर कांग्रेस, पार्टी के उच्च निर्णय लेने वाला निकाय है। एक साल में कांग्रेस की एक अवधि रहती है, जैसे कि 2006 में ये चार दिनों के लिए थी, 1980 में पांच दिनों के लिए और 1970 में 12 दिनों के लिए थी।

चीन से निकले कोरोना वायरस की वजह से उत्तरी कोरिया ने चीन से सटी सभी सीमाओं को बंद कर दिया, जिसकी वजह से उत्तरी कोरिया की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा। कई जानकारों का कहना है कि अगर महामारी ऐसे ही चलती रही तो उत्तरी कोरिया के पास सीमाओं को बंद करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तरी कोरिया की स्वास्थ्य प्रणाली पहले से ही बदतर हालत में है।

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