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Nepal: नेपाल में पूर्व पीएम ओली के खिलाफ नहीं थम रहा आक्रोश, जेन-जी ने की गिरफ्तारी और संपत्ति की जांच की मांग

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, काठमांडो Published by: बशु जैन Updated Sat, 20 Sep 2025 11:15 PM IST
सार

जेन-जी का पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ आक्रोश कम नहीं हुआ है। आंदोलनकारियों ने ओली की गिरफ्तारी और संपत्ति की जांच की मांग की। 

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Outrage against former PM Oli is not stopping in Nepal, Gen z demands his arrest and investigation of property
केपी शर्मा ओली, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री - फोटो : ANI
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नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन के बाद भी जेन-जी का पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ आक्रोश कम नहीं हुआ है। शनिवार को जेन-जी के एक समूह ने 8 सितंबर को काठमांडो के नया बानेश्वर में विरोध के दौरान 19 प्रदर्शनकारियों के मौत मामले में 73 वर्षीय ओली, पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक, मुख्य जिलाधिकारी छबी रिजाल की गिरफ्तारी की मांग की।
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एक दिन पहले पूर्व पीएम ओली ने सफाई दी थी कि उनकी सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था। सवाल उठाया था कि हमारी पुलिस के पास ऑटोमैटिक हथियार भी नहीं थे तो गोलियां कैसे चलीं। उन्होंने इसके पीछे बड़ी साजिश बताते हुए जांच की मांग की है। ओली ने 9 सितंबर को पीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था।
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दूसरी ओर आंदोलनकारियों की मांग है कि 1990 से बड़े पदों पर रहे नेताओं और सरकारी अधिकारियों की संपत्ति की जांच के लिए उच्चस्तरीय जांच आयोग गठित किया जाए। गौरतलब है कि 8 और 9 सितंबर को हुए हिंसक प्रदर्शनों में 72 लोग मारे गए थे। इनमें तीन पुलिसकर्मी भी थे। ये विरोध-प्रदर्शन भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ हुए थे।

सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध के बाद फूटा गुस्सा
दरअसल, ओली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए 26 सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद 8 सितंबर को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। हालांकि, यह प्रतिबंध उसी रात में हटाया गया था। मामले पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत ने कहा कि कोर्ट ने सोशल मीडिया साइटों को बंद करने का आदेश नहीं दिया था। कोर्ट ने सिर्फ सरकार से सोशल मीडिया को नियंत्रित करने को जरूरी कानून बनाने के लिए कहा था, जो सामान्य अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया है।
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