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Pakistan: भ्रष्टाचार के दोषियों की 10 साल की अयोग्यता बरकरार, कोर्ट के फैसले का नवाज-इमरान मामले पर भी असर

वर्ल्ड न्यूज, अमर उजाला, इस्लामाबाद Published by: आदर्श शर्मा Updated Thu, 04 Jan 2024 06:56 PM IST
सार

1999 के राष्ट्रीय जवाबदेही अध्यादेश ने भ्रष्टाचार के दोषी व्यक्ति के लिए 10 वर्ष की अयोग्यता का प्रावधान किया था, लेकिन पिछले वर्ष अप्रैल माह में इस्लामाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने चुनाव कानूनों में किए गए संशोधनों के बाद एक मामले की सुनवाई करते हुए इसे घटाकर पांच वर्ष कर दिया था।

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Pak court rescinds 10-year disqualification for convicts under anti-corruption laws
इस्लामाबाद हाईकोर्ट - फोटो : Social Media
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विस्तार
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पाकिस्तान में सार्वजनिक पद धारकों के लिए चुनाव कानूनों में बदलावों के बाद अयोग्यता की अवधि को लेकर असमंजस खत्म हो गया है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपने पहले आदेश को रद्द करते हुए भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के तहत एक दोषी के लिए 10 साल की अयोग्यता को बहाल कर दिया हैं। साफतौर पर इस फैसले का असर आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले इमरान खान और नवाज शरीफ सहित कई राजनेताओं द्वारा दायर कई मामलों पर पड़ने की संभावना हैं।
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गौरतलब है कि 1999 के राष्ट्रीय जवाबदेही अध्यादेश ने भ्रष्टाचार के दोषी व्यक्ति के लिए 10 वर्ष की अयोग्यता का प्रावधान किया था, लेकिन पिछले वर्ष अप्रैल माह में इस्लामाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने चुनाव कानूनों में किए गए संशोधनों के बाद एक मामले की सुनवाई करते हुए इसे घटाकर पांच वर्ष कर दिया था। नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पिछली सरकार द्वारा किए गए बदलावों में अयोग्यता की अधिकतम पांच साल की अवधि अनिवार्य थी, जिससे जाहिर तौर पर हर दोषी को राहत मिलती थी।
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राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने पिछले साल 25 जुलाई को इस्लामाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें राष्ट्रीय जवाबदेही अध्यादेश एनएओ के प्रावधान के अनुसार अयोग्यता को 10 साल से घटाकर पांच साल कर दिया गया था। एनएबी की अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी और न्यायमूर्ति समन रफत इम्तियाज की खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले को खारिज कर दिया । मूल अयोग्यता की बहाली भ्रष्टाचार के मामलों का सामना कर रहे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को प्रभावित कर सकती हैं।

बता दें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नवाज शरीफ हैं, अपने चार साल के आत्म निर्वासन को खत्म करने अक्तूबर में लंदन से पाकिस्तान लौट आएं। नवाज शरीफ पाकिस्तान में आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव में भाग ले रहे हैं। 

हाईकोर्ट के फैसले को इमरान की पार्टी देगी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने गुरुवार को उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। एक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को चुनाव आयोग (ईसीपी) के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। बता दें, ईसीपी ने पीटीआई पार्टी के आंतरिक चुनाव और उसके 'क्रिकेट बैट' चुनाव चिह्न को रद्द कर दिया है। पेशावर उच्च न्यायालय (पीएचसी) द्वारा बुधवार को पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के आदेश को बहाल करने और लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) द्वारा इसे चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी द्वारा याचिका दायर की गई थी। 

पार्टी प्रमुख गौहर खान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमने अपना चुनाव चिन्ह वापस पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैं। हमें आशा है कि हमें जल्द न्याय मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने पीटीआई की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार के लिए तय की है।
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