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तालिबान की हिमायत: अफगानिस्तान मुद्दे पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री की चेतावनी, बोले- दुनिया को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Fri, 10 Sep 2021 06:21 PM IST
सार
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में नई वास्तविकता को पहचानने और शांति के लिए तालिबान के साथ जुड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि डराने-धमकाने, दबाव और बलपूर्वक शासन की नीति यहां काम नहीं करेगी।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे अफगानिस्तान को लेकर सकारात्मक रवैया दिखाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अफगानिस्तान को अलग-थलग करने के अफगान लोगों, क्षेत्र और विश्व के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं। कुरैशी का यह बयान एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया, जहां वे स्पैनिश विदेश मंत्री जोस मैनुएल अल्बारेस के साथ पहुंचे थे। स्पैनिश विदेश मंत्री अफगानिस्तान मुद्दे पर चर्चा के लिए शुक्रवार को ही इस्लामाबाद पहुंचे हैं। मीडिया से बात करने से पहले दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत भी हुई।
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कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्तान को अलग-थलग करने से हमें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे और यह अफगान लोगों के लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमें अफगानिस्तान के प्रति नए दृष्टिकोण को अपनाने की जरूरत है। अब वहां डराने-धमकाने, दबाव और बलपूर्वक शासन की नीति यहां काम नहीं करेगी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में नई वास्तविकता को पहचानने और शांति के लिए तालिबान के साथ जुड़ने का आग्रह किया।
कुरैशी ने दुनिया से अफगानिस्तान में मानवीय संकट को टालने पर फोकस करने को कहा और संतोष जाहिर किया कि देश के लिए धन जुटाने के लिए जिनेवा में एक सम्मेलन होने वाला है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हालात सुधारने के लिए पाकिस्तान अपनी ओर से पूरा योगदान दे रहा है। पाकिस्तान ने नौ सितंबर को खाना और दवा की आपूर्ति के लिए एक विमान भी भेजा था। पाकिस्तान ने अफगान को हवाई और सड़क मार्गों के माध्यम से अधिक मानवीय सहायता देने का वादा किया।
कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान के आर्थिक पतन को रोकने के लिए कदम उठाने के लिए अपना आह्वान दोहराया, जो कि संसाधन उपलब्ध कराकर और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अफगान के फंड का रोकना बिल्कुल भी मददगार कदम नहीं होगा और इस पर दोबार विचार किया जाना चाहिए।
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कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्तान को अलग-थलग करने से हमें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे और यह अफगान लोगों के लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमें अफगानिस्तान के प्रति नए दृष्टिकोण को अपनाने की जरूरत है। अब वहां डराने-धमकाने, दबाव और बलपूर्वक शासन की नीति यहां काम नहीं करेगी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में नई वास्तविकता को पहचानने और शांति के लिए तालिबान के साथ जुड़ने का आग्रह किया।
कुरैशी ने दुनिया से अफगानिस्तान में मानवीय संकट को टालने पर फोकस करने को कहा और संतोष जाहिर किया कि देश के लिए धन जुटाने के लिए जिनेवा में एक सम्मेलन होने वाला है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हालात सुधारने के लिए पाकिस्तान अपनी ओर से पूरा योगदान दे रहा है। पाकिस्तान ने नौ सितंबर को खाना और दवा की आपूर्ति के लिए एक विमान भी भेजा था। पाकिस्तान ने अफगान को हवाई और सड़क मार्गों के माध्यम से अधिक मानवीय सहायता देने का वादा किया।
कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान के आर्थिक पतन को रोकने के लिए कदम उठाने के लिए अपना आह्वान दोहराया, जो कि संसाधन उपलब्ध कराकर और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अफगान के फंड का रोकना बिल्कुल भी मददगार कदम नहीं होगा और इस पर दोबार विचार किया जाना चाहिए।