पाकिस्तान की नसीहत: अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अफगान तालिबान को कूटनीतिक मान्यता देने के लिए तैयार करे रोडमैप
एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को दिए गए इंटरव्यू में कुरैशी ने तालिबान को नसीहत देने के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी ये दलील दी है कि उसे अफगान तालिबान से बातचीत करने का एक रोडमैप तैयार करना होगा। कुरैशी को भरोसा है कि आने वाले दिनों में तालिबान अपना नजरिया बदलेगा और खासकर महिलाओं की आजादी को लेकर अप्रैल में उसने जो वादे किए थे उसे पूरा करेगा...
विस्तार
अफगान तालिबान को लेकर पाकिस्तान ने बेहद सब्र के साथ नजरिया बनाने और आगे की रणनीति तय करने की बात कही है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कहा है कि उसे अफगानिस्तान की जमीनी हकीकत समझनी चाहिए। जब वहां तालिबान की सरकार बन गई है और बगैर किसी खून-खराबे के सत्ता परिवर्तन हो गया है, तो इस सच्चाई से कबतक मुंह मोड़ा जा सकता है। पाकिस्तान ने तमाम देशों को प्रस्ताव दिया है कि अफगान तालिबान को कूटनीतिक मान्यता दिलवाने के लिए कोई न कोई ठोस रोडमैप तैयार किया जाना चाहिए।
पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में अफगानिस्तान के मसले को शिद्दत से उठाने की जरूरत है। कुरैशी ने साफ कर दिया है कि तालिबान सरकार को अपने रवैये में बदलाव लाना ही होगा और अगर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता चाहिए और अपनी सरकार आसानी से चलानी है तो उसे अंतर्राष्ट्रीय नियम कानूनों के तहत काम करना होगा और अपनी छवि सुधारनी होगी। उसे इस बात की गारंटी लेनी होगी कि उसकी ज़मीन का इस्तेमाल अब कभी भी आतंकवाद के लिए न हो।
एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को दिए गए इंटरव्यू में कुरैशी ने तालिबान को नसीहत देने के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी ये दलील दी है कि उसे अफगान तालिबान से बातचीत करने का एक रोडमैप तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि ये समझना होगा कि अब विकल्प क्या है? आगे का रास्ता क्या है और क्या इस स्थिति को वापस पलटना संभव है? कुरैशी को भरोसा है कि आने वाले दिनों में तालिबान अपना नजरिया बदलेगा और खासकर महिलाओं की आजादी को लेकर अप्रैल में उसने जो वादे किए थे उसे पूरा करेगा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की बहुत बड़ी सीमा अफगानिस्तान से लगी है और दोनों मुल्कों के बीच रिश्ते कभी मधुर तो कभी तल्ख रहे हैं। लेकिन जब से तालिबान की सरकार बनी है, पाकिस्तान ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। वह लगातार अफगान तालिबान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने में लगा है। कुरैशी ने अमेरिका, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक से अपील की है कि वह तालिबान सरकार को मदद देने को लेकर लगाई गई पाबंदियों को खत्म करे और वहां की सरकार को अफगानिस्तान की जनता के लिए काम करने में मदद करे। वहां एक लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से सरकार चलाने की दिशा में सभी को प्रयास करने होंगे।
पाकिस्तान बार-बार तालिबान सरकार को ये भी नसीहत दे रहा है कि वह अपनी सरकार में सभी कबीलों को उचित जगह दे। उज्बेक, ताजिक और हाजरा समुदायों को उचित प्रतिनिधित्व दे, महिलाओं को सम्मानजनक दर्जा दे। जाहिर है जबतक तालिबान ऐसा नहीं करेगा, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसे अलग-थलग रखा जाएगा। इसी स्थिति को बदलने के लिए पाकिस्तान ने पूरी ताकत लगा रखी है। वह खुलकर अपने इस पड़ोसी देश को हर संभव मदद का भरोसा दिला रहा है और दुनिया को ये नसीहत देने की कोशिश कर रहा है कि उसे तालिबान सरकार के वजूद को मान लेना चाहिए।