Gaza Ceasefire: संघर्षविराम पर इस्राइल की चुप्पी से कतर नाराज; इस्राइली रक्षा मंत्री और IDF प्रमुख के बीच बैठक
गाजा में जारी युद्ध को रोकने की कोशिशों को उस वक्त झटका लगा, जब कतर ने इस्राइल पर कोई ठोस जवाब न देने का आरोप लगाया। कतर के मुताबिक, हमास संघर्षविराम के लिए तैयार है, लेकिन इस्राइल न प्रस्ताव को स्वीकार कर रहा, न खारिज। वहीं दूसरी ओर इस्राइल के रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज और आईडीएफ के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल के मतभेद की खबरों के बीच अहम बैठक भी हुई।

विस्तार
इस्राइल और हमास के बीच बीते 23 महीनों से चल रहे संघर्ष में गाजा की स्थिति दिन-प्रतिदिन और घातक होती जा रही है। गाजा में युद्ध को खत्म करने को लेकर किए जा रहे प्रयास भी असफल होते दिख रहे हैं। क्योंकि अभी तक इस मामले में इस्राइल का साफ रुख सामने नहीं आया है। इसी कारण युद्ध को खत्म करने की इन कोशिशों के बीच कतर ने भी इस्राइल के रवैये से नाराजगी जताई है। मामले में कतर ने कहा कि इस्राइल अब तक संघर्षविराम प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं दे रहा है।

मीडिया रिपोर्ट की माने तो कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने कहा कि इस्राइल ना प्रस्ताव को स्वीकार कर रहा है, ना ही खारिज कर रहा है और ना ही कोई नया प्रस्ताव सामने ला रहा है। उन्होंने बताया कि हमास पहले ही इस महीने मिस्र और कतर को सूचित कर चुका है कि वह संघर्षविराम के प्रस्ताव को मान चुका है और बातचीत फिर से शुरू करने को तैयार है। बता दें कि इस बार के संघर्षविराम प्रस्ताव के तहत इस्राइली सेना 60 दिनों तक सैन्य कार्रवाई बंद करेगी, इस दौरान राहत सामग्री पहुंचने दी जाएगी और बचे हुए बंधकों में से आधे को रिहा कर दिया जाएगा।
अब गेंद इस्राइल के पक्ष में- कतर
कतर का कहना है कि यह वही प्रस्ताव है जिसे पहले इस्राइल ने भी मंजूरी दी थी और अब हमास ने 98% हिस्से पर सहमति जता दी है। अल-अंसारी ने कहा कि अब गेंद इस्राइल के पाले में है, लेकिन इस्राइल न तो सहमत दिखता है, न कोई जवाब दे रहा है।
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कतर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से की अपील
इसके साथ ही कतर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह इस्राइल पर दबाव बनाए ताकि वह युद्ध रोकने के लिए आगे आए। मीडिया रिपोर्ट की माने तो हमास की सहमति के बाद से संघर्षविराम प्रस्ताव पिछले 10 दिनों से टेबल पर है, लेकिन इस्राइल की तरफ से सिर्फ और अधिक हमले, तबाही और गाजा के और जमीन पर कब्जे की योजना सामने आई है, समाधान की दिशा में कोई कदम नहीं। इसको लेकर कतर ने दोहराया कि वह शांति की कोशिशें जारी रखेगा, लेकिन समय निकलता जा रहा है और हालात और भी बदतर होते जा रहे हैं।
इस्राइल के रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख के बीच अहम बैठक
वहीं दूसरी ओर मंगलवार को इस्राइल के रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज और इस्राइली सेना (आईडीएफ) के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल एयाल जामीर के बीच एक अहम बंद कमरे में बैठक हुई। इस बैठक में दोनों अधिकारियों ने सेना में वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्तियों की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया।
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि अब भी रक्षा मंत्री से पूर्व सलाह लेना इस प्रक्रिया का हिस्सा बना रहेगा। इसका उद्देश्य सेना में नेतृत्व की निरंतरता बनाए रखना, पूर्ण सहयोग सुनिश्चित करना और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की सेना की क्षमता को मजबूत करना है। इस दौरान दोनों नेताओं ने कहा कि आईडीएफ की नियुक्ति प्रक्रिया हमारे सैन्य संसाधनों की देखभाल का एक मूल स्तंभ है, और हम इसे पेशेवर तरीके से आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करते रहेंगे।
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मतभेद की खबरों के बीच अहम बैठक
गौरतलब है कि यह बैठक ऐसे समय हुई है जब इस्राइली रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख के बीच कथित मतभेद की कई खबरें सामने आ रही थीं, खासतौर पर वरिष्ठ पदोन्नति और सैन्य नीतियों को लेकर। अब माना जा रहा है कि इस बैठक से दोनों के बीच तनाव कम हुआ है और IDF में नियुक्तियों की प्रक्रिया सुचारू रूप से आगे बढ़ेगी।