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सवालों में निज्जर हत्याकांड की जांच: 90 सेकंड में 34 गोली मारकर चले गए हमलावर, पुलिस गवाहों से मिली तक नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवेंद्र तिवारी
Updated Wed, 27 Sep 2023 06:08 PM IST
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निज्जर की हत्या का मामला
- फोटो :
AMAR UJALA
विस्तार
बीते कुछ दिनों से खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मामला दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी मामले ने भारत और कनाडा को आमने-सामने ला दिया। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडे द्वारा भारत पर आरोप लगाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते काफी बिगड़ गए। अब इस मामले में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में कनाडा को खरी-खरी सुनाई है। वहीं, घटना से जुड़ा एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।निज्जर की हत्या को लेकर फुटेज में क्या है? इसमें कनाडाई एजेंसियों को क्या मिला? आखिर कौन था हरदीप सिंह निज्जर? इस मामले में भारत-कनाडा के बीच अभी क्या हो रहा है? आइये जानते हैं...

ऐसे दिया गया निज्जर की हत्या को अंजाम
- फोटो :
amarujala.com
निज्जर की हत्या को लेकर क्या खुलासा हुआ है?
हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसे कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया के सरी स्थित गुरुनानक सिख गुरुद्वारा के पास दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी। निज्जर इस गुरुद्वारे का संचालन करने वाली कमेटी का प्रधान भी था।
अब निज्जर की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट ने वीडियो फुटेज के हवाले से एक रिपोर्ट जारी की है। इस घटना के जो सीसीटीवी वीडियो सामने आए हैं, उसमें निज्जर की हत्या के लिए हत्यारों की तरफ से की गई तैयारियों को साफ देखा जा सकता है। फुटेज से पता चलता है कि निज्जर को मारने के लिए एक बड़ा और संगठित ऑपरेशन चलाया गया। पूरी घटना गुरुद्वारे के सिक्योरिटी कैमरों में कैद हुई है। रिपोर्ट में बताया गया कि फिलहाल यह फुटेज कनाडा की जांच एजेंसियों के पास हैं।
हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसे कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया के सरी स्थित गुरुनानक सिख गुरुद्वारा के पास दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी। निज्जर इस गुरुद्वारे का संचालन करने वाली कमेटी का प्रधान भी था।
अब निज्जर की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट ने वीडियो फुटेज के हवाले से एक रिपोर्ट जारी की है। इस घटना के जो सीसीटीवी वीडियो सामने आए हैं, उसमें निज्जर की हत्या के लिए हत्यारों की तरफ से की गई तैयारियों को साफ देखा जा सकता है। फुटेज से पता चलता है कि निज्जर को मारने के लिए एक बड़ा और संगठित ऑपरेशन चलाया गया। पूरी घटना गुरुद्वारे के सिक्योरिटी कैमरों में कैद हुई है। रिपोर्ट में बताया गया कि फिलहाल यह फुटेज कनाडा की जांच एजेंसियों के पास हैं।
कैसी अंजाम दी गई घटना?
इस पूरी घटना की जानकारी देते हुए वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा कि वीडियो 90 सेकेंड का है। इसमें निज्जर को एक कत्थई रंग के पिकअप ट्रक को पार्किंग से बाहर ड्राइव करते देखा जा सकता है। इसके बाद उसके ट्रक के पास एक सफेद रंग की सेडान आकर रुकती है, जो ट्रक के बराबर पर चलती है। पहले ये दोनों गाड़िया अलग-अलग रास्ते पर दिखती हैं। लेकिन जब निज्जर का ट्रक आगे निकलता है, तब सेडान इसकी बराबरी पर आती है। इसके बाद ट्रक और सेडान एक ही लेन पर आ जाते हैं। इसी दौरान सेडान को ट्रक के बराबर पर लाया जाता है।
इसके बाद वीडियो में टीशर्ट पहने दो लोगों को ट्रक के पास आते देखा जा सकता है। ये दोनों लोग ड्राइवर की सीट पर बैठे निज्जर की तरफ बंदूक तानते हैं। इसी दौरान सामने खड़ी सेडान पार्किंग से बाहर निकल जाती है और कैमरे की नजर से दूर हो जाती है। इसके बाद गोलीबारी करने वाले दोनों लोग भी एक ही दिशा में भागते देखे गए। कहा गया कि हमलावरों ने 90 सेकंड में 34 गोलियां मारीं।
इस पूरी घटना की जानकारी देते हुए वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा कि वीडियो 90 सेकेंड का है। इसमें निज्जर को एक कत्थई रंग के पिकअप ट्रक को पार्किंग से बाहर ड्राइव करते देखा जा सकता है। इसके बाद उसके ट्रक के पास एक सफेद रंग की सेडान आकर रुकती है, जो ट्रक के बराबर पर चलती है। पहले ये दोनों गाड़िया अलग-अलग रास्ते पर दिखती हैं। लेकिन जब निज्जर का ट्रक आगे निकलता है, तब सेडान इसकी बराबरी पर आती है। इसके बाद ट्रक और सेडान एक ही लेन पर आ जाते हैं। इसी दौरान सेडान को ट्रक के बराबर पर लाया जाता है।
इसके बाद वीडियो में टीशर्ट पहने दो लोगों को ट्रक के पास आते देखा जा सकता है। ये दोनों लोग ड्राइवर की सीट पर बैठे निज्जर की तरफ बंदूक तानते हैं। इसी दौरान सामने खड़ी सेडान पार्किंग से बाहर निकल जाती है और कैमरे की नजर से दूर हो जाती है। इसके बाद गोलीबारी करने वाले दोनों लोग भी एक ही दिशा में भागते देखे गए। कहा गया कि हमलावरों ने 90 सेकंड में 34 गोलियां मारीं।
चश्मदीदों ने क्या कहा?
निज्जर की हत्या के संबंध में छपी रिपोर्ट में गुरुद्वारे के एक स्वयंसेवक भूपिंदरजीत सिंह का भी हवाला दिया गया है। वे निज्जर के ट्रक तक पहुंचने वाले पहले गवाह थे। सिंह ने ड्राइवर साइड का दरवाजा खोला और निज्जर के कंधों को पकड़ लिया। सिंह के हवाले से कहा गया, 'ऐसा लग रहा था कि निज्जर की सांसें नहीं चल रही थीं।' गुरुद्वारा समिति के एक अन्य सदस्य मलकीत सिंह ने बताया कि उन्होंने दो लोगों को पड़ोस के कौगर क्रीक पार्क की ओर भागते देखा। उसने उनका पीछा किया। उन्होंने दावा किया कि हमलावरो 'सिख वेश-भूषा' में थे और उनके 'दाढ़ी वाले चेहरे' पर मास्क लगा हुआ था।
मलकीत के हवाले से कहा गया है कि हत्यारे इंतजार कर रही ग्रे कलर की एक कार में सवार हो गए जिसमें तीन अन्य लोग पहले से ही इंतजार कर रहे थे। उधर निज्जर की जान जा चुकी थी और उसके शव के पास गुरुद्वारे के कार्यवाहक चरणजीत सिंह आ चुके थे। कुछ समय बाद लोग घटनास्थल का वीडियो रिकॉर्ड करने लगे जिससे मिनटों में हत्या की खबर सोशल मीडिया पर फैल गई।
निज्जर की हत्या के संबंध में छपी रिपोर्ट में गुरुद्वारे के एक स्वयंसेवक भूपिंदरजीत सिंह का भी हवाला दिया गया है। वे निज्जर के ट्रक तक पहुंचने वाले पहले गवाह थे। सिंह ने ड्राइवर साइड का दरवाजा खोला और निज्जर के कंधों को पकड़ लिया। सिंह के हवाले से कहा गया, 'ऐसा लग रहा था कि निज्जर की सांसें नहीं चल रही थीं।' गुरुद्वारा समिति के एक अन्य सदस्य मलकीत सिंह ने बताया कि उन्होंने दो लोगों को पड़ोस के कौगर क्रीक पार्क की ओर भागते देखा। उसने उनका पीछा किया। उन्होंने दावा किया कि हमलावरो 'सिख वेश-भूषा' में थे और उनके 'दाढ़ी वाले चेहरे' पर मास्क लगा हुआ था।
मलकीत के हवाले से कहा गया है कि हत्यारे इंतजार कर रही ग्रे कलर की एक कार में सवार हो गए जिसमें तीन अन्य लोग पहले से ही इंतजार कर रहे थे। उधर निज्जर की जान जा चुकी थी और उसके शव के पास गुरुद्वारे के कार्यवाहक चरणजीत सिंह आ चुके थे। कुछ समय बाद लोग घटनास्थल का वीडियो रिकॉर्ड करने लगे जिससे मिनटों में हत्या की खबर सोशल मीडिया पर फैल गई।
जांच में अब तक पुलिस को क्या मिला?
रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) की इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (IHIT) ने निज्जर की हत्या के मामले की शुरुआती जांच की है। वहीं इस जांच में मदद के लिए टीम ने आरसीएमपी की फोरेंसिक आइडेंटिफिकेशन सर्विस और बीसी कोरोनर्स सर्विस के साथ साझेदारी की है।
जांचकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने उस वाहन की पहचान कर ली है जो घटनास्थल के नजदीक 121 स्ट्रीट पर संदिग्धों का इंतजार कर रहा था। वाहन की पहचान सिल्वर 2008 टोयोटा कैमरी के रूप में हुई है। इसके साथ ही पुलिस ने वाहन और वाहन चालक की तस्वीरें भी जारी की हैं।
जांच में शामिल IHIT अधिकारी टिमोथी पिएरोटी ने बताया कि इस वाहन का चालक हत्या से पहले और हत्या के समय कैमरी कार में 121 स्ट्रीट पर दो संदिग्धों का इंतजार कर रहा था। जांचकर्ताओं ने अब कहा है कि हत्या में तीसरा संदिग्ध शामिल था। वहीं जांच कर रही टीम ने इस वाहन या ड्राइवर को पहचानने के लिए लोगों से मदद मांगी है।
रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) की इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (IHIT) ने निज्जर की हत्या के मामले की शुरुआती जांच की है। वहीं इस जांच में मदद के लिए टीम ने आरसीएमपी की फोरेंसिक आइडेंटिफिकेशन सर्विस और बीसी कोरोनर्स सर्विस के साथ साझेदारी की है।
जांचकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने उस वाहन की पहचान कर ली है जो घटनास्थल के नजदीक 121 स्ट्रीट पर संदिग्धों का इंतजार कर रहा था। वाहन की पहचान सिल्वर 2008 टोयोटा कैमरी के रूप में हुई है। इसके साथ ही पुलिस ने वाहन और वाहन चालक की तस्वीरें भी जारी की हैं।
जांच में शामिल IHIT अधिकारी टिमोथी पिएरोटी ने बताया कि इस वाहन का चालक हत्या से पहले और हत्या के समय कैमरी कार में 121 स्ट्रीट पर दो संदिग्धों का इंतजार कर रहा था। जांचकर्ताओं ने अब कहा है कि हत्या में तीसरा संदिग्ध शामिल था। वहीं जांच कर रही टीम ने इस वाहन या ड्राइवर को पहचानने के लिए लोगों से मदद मांगी है।

निज्जर की हत्या का मामला
- फोटो :
AMAR UJALA
पुलिस की जांच पर क्यों उठी उंगली?
IHIT टीम ने कहा कि पुलिस को गोलीबारी की पहली रिपोर्ट रात 8:27 बजे मिली। वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गोलियों की आवाज के बाद पुलिस अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने में 12 से 20 मिनट का समय लगा।
हालांकि, टाइमिंग पर सवाल उठे क्योंकि स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़ी संख्या में पुलिसवाले नियमित रूप से पड़ोस में गश्त करते हैं। इसके बावजूद सरे पुलिस और आरसीएमपी के बीच घंटों तक खींचतान चली। वे यह तय नहीं कर सके कि जांच का नेतृत्व कौन करेगा, इसलिए देरी हुई।
पुलिस का ढुलमुल रवैया यहीं तक सीमित नहीं रहा बल्कि आगे की जांच भी कछुआ चाल से हुई। हत्या के एक महीने से अधिक समय बाद 21 जुलाई को पुलिस अधिकारियों ने आम लोगों से दो बंदूकधारियों की पहचान करने में मदद मांगी। वहीं 16 अगस्त को पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त सिल्वर 2008 टोयोटा कैमरी और ड्राइवर की पहचान करने में मदद मांगी।
वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि उसने उन 39 व्यवसायी प्रतिष्ठानों और घरों का दौरा किया, जिस रास्ते से हमलावर भागने के दौरान गुजरे थे। इनमें से अधिकांश लोगों ने कहा कि अधिकारियों ने उनसे संपर्क नहीं किया है।
अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा नहीं की है कि सफेद सेडान कार को कौन चला रहा होगा। न ही उन्होंने उन दो बाकी लोगों का उल्लेख किया है जिनके बारे में प्रत्यक्षदर्शी मलकीत का कहना है कि उन्होंने उन्हें घटना के बाद फरार हुई कार में देखा था। गवाहों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उन्हें 18 जून की घटना की जांच के बारे में बहुत कम बताया है।
IHIT टीम ने कहा कि पुलिस को गोलीबारी की पहली रिपोर्ट रात 8:27 बजे मिली। वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गोलियों की आवाज के बाद पुलिस अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने में 12 से 20 मिनट का समय लगा।
हालांकि, टाइमिंग पर सवाल उठे क्योंकि स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़ी संख्या में पुलिसवाले नियमित रूप से पड़ोस में गश्त करते हैं। इसके बावजूद सरे पुलिस और आरसीएमपी के बीच घंटों तक खींचतान चली। वे यह तय नहीं कर सके कि जांच का नेतृत्व कौन करेगा, इसलिए देरी हुई।
पुलिस का ढुलमुल रवैया यहीं तक सीमित नहीं रहा बल्कि आगे की जांच भी कछुआ चाल से हुई। हत्या के एक महीने से अधिक समय बाद 21 जुलाई को पुलिस अधिकारियों ने आम लोगों से दो बंदूकधारियों की पहचान करने में मदद मांगी। वहीं 16 अगस्त को पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त सिल्वर 2008 टोयोटा कैमरी और ड्राइवर की पहचान करने में मदद मांगी।
वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि उसने उन 39 व्यवसायी प्रतिष्ठानों और घरों का दौरा किया, जिस रास्ते से हमलावर भागने के दौरान गुजरे थे। इनमें से अधिकांश लोगों ने कहा कि अधिकारियों ने उनसे संपर्क नहीं किया है।
अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा नहीं की है कि सफेद सेडान कार को कौन चला रहा होगा। न ही उन्होंने उन दो बाकी लोगों का उल्लेख किया है जिनके बारे में प्रत्यक्षदर्शी मलकीत का कहना है कि उन्होंने उन्हें घटना के बाद फरार हुई कार में देखा था। गवाहों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उन्हें 18 जून की घटना की जांच के बारे में बहुत कम बताया है।

हरदीप निज्जर
- फोटो :
twitter
आखिर कौन था हरदीप सिंह निज्जर?
हरदीप सिंह निज्जर जालंधर के फिल्लौर के गांव भारसिंहपुरा का रहने वाला था और खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था। भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 40 मोस्ट वांटेड आतंकियों की जो लिस्ट जारी की थी, उसमें निज्जर का नाम था। सितंबर 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निज्जर को आतंकी घोषित कर दिया। इसके बाद निज्जर की जालंधर के भारसिंहपुरा गांव की प्रॉपर्टी भी कुर्क कर ली गई। एनआईए निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर चुकी थी। मोहाली स्थित पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर और कई थानों पर ग्रेनेड हमले करवाने वाला अर्शदीप डल्ला भी निज्जर का सहयोगी है। पहला मामला गांव भारसिंहपुरा में पुजारी की हत्या का था, जिसमें निज्जर की भूमिका सामने आई थी।
हरदीप सिंह निज्जर ने 2013-14 में पाकिस्तान की भी यात्रा की थी। इस यात्रा का पूरा खर्च पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उठाया था। इस दौरान निज्जर की मुलाकात पाकिस्तान में छिपे हुए आतंकी जगतार सिंह तारा से हुई थी। तारा को 2015 में थाईलैंड से गिरफ्तार किया गया था। हरदीप सिंह निज्जर ने दिसंबर 2015 में ब्रिटिश कोलंबिया के मिसजेन हिल्स में खालिस्तानी उग्रवादियों के लिए एक ट्रेनिंग कैंप भी लगाया था। इस दौरान खालिस्तान समर्थक उग्रवादियों को छोटे हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई थी।
हरदीप सिंह निज्जर जालंधर के फिल्लौर के गांव भारसिंहपुरा का रहने वाला था और खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था। भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 40 मोस्ट वांटेड आतंकियों की जो लिस्ट जारी की थी, उसमें निज्जर का नाम था। सितंबर 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निज्जर को आतंकी घोषित कर दिया। इसके बाद निज्जर की जालंधर के भारसिंहपुरा गांव की प्रॉपर्टी भी कुर्क कर ली गई। एनआईए निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर चुकी थी। मोहाली स्थित पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर और कई थानों पर ग्रेनेड हमले करवाने वाला अर्शदीप डल्ला भी निज्जर का सहयोगी है। पहला मामला गांव भारसिंहपुरा में पुजारी की हत्या का था, जिसमें निज्जर की भूमिका सामने आई थी।
हरदीप सिंह निज्जर ने 2013-14 में पाकिस्तान की भी यात्रा की थी। इस यात्रा का पूरा खर्च पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उठाया था। इस दौरान निज्जर की मुलाकात पाकिस्तान में छिपे हुए आतंकी जगतार सिंह तारा से हुई थी। तारा को 2015 में थाईलैंड से गिरफ्तार किया गया था। हरदीप सिंह निज्जर ने दिसंबर 2015 में ब्रिटिश कोलंबिया के मिसजेन हिल्स में खालिस्तानी उग्रवादियों के लिए एक ट्रेनिंग कैंप भी लगाया था। इस दौरान खालिस्तान समर्थक उग्रवादियों को छोटे हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई थी।