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ईरान की बातों में यूं ही न आएं: इसराइल
Updated Mon, 17 Jun 2013 01:14 PM IST
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इसराइल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ईरान में हुए राष्ट्रपति चुनाव में सुधारवारवादी नेता हसन रुहानी की जीत के बाद भी उस पर से अंतरराष्ट्रीय दवाब कम नहीं होना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को किसी भी तरह रोका जाना चाहिए और रुहानी की जीत से बहुत उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।
ईरान में शुक्रवार को हुए चुनाव में हसन रुहानी राष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्होंने अपनी जीत को अतिवाद पर संयम की जीत बताया था।
रुहानी के चुनावी वादे
परमाणु कार्यक्रमों की वजह से ईरान पर लगे प्रतिबंधों में ढील दिलवाना रुहानी के चुनावी वादों में से एक था। उन्होंने पश्चिमी देशों के साथ संबंध सुधारने का भी वादा किया है।
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रविवार को नेतन्याहू ने कहा, ''अंतराष्ट्रीय समुदाय को रुहानी की जीत जैसी भ्रामक बातों में नहीं आना चाहिए और परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए ईरान पर दबाव कम नहीं करना चाहिए।''
उन्होंने कहा, ''ईरान का फ़ैसला उसके कार्यकलाप से आंका जाएगा। अगर वह अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखने पर ज़ोर देता है, तो जवाब साफ़ होना चाहिए कि उसके परमाणु कार्यक्रम को किसी भी तरह रोका जाए।''
वहीं इजराइली राष्ट्रपति शिमोन पेरेज़ ने उम्मीद जताई है कि हसन रुहानी का चुनाव कुछ बदलाव लाएगा।
उन्होंने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, ''वे उन अतिवादी नीतियों का पालन नहीं करेंगे। मैं इस बात को लेकर बहुत आश्वस्त नहीं हूं। उन्होंने अपनी नीतियों का साफ़-साफ़ उल्लेख भी नहीं किया है। लेकिन मेरा मानना है कि वो बेहतर होंगे। इसी वजह से लोगों ने उन्हें वोट दिया है।''
इसराइल और कुछ पश्चिमी देशों को संदेह है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम की आड़ में परमाणु हथियार बना रहा है। वहीं ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांति के कामों के लिए है।
सैन्य कार्रवाई
इसराइल ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध और कूटनीतिक प्रयासों के बावजूद ईरान द्वारा यूरेनियम का संवर्धन जारी रखने के स्थिति में सैनिक कार्रवाई से इनकार नहीं किया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की वजह से ईरान को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा रहा है। वहां बेरोजगारी बढ़ी है, मुद्रा का अवमूल्यन हुआ है और महंगाई भी बढ़ी है।
अमेरिका, रूस और यूरोपिय संघ जैसी पश्चिमी ताक़तों ने ईरान के नए राष्ट्रपति के साथ मिलकर काम करने के संकेत दिए हैं।
ईरान में शुक्रवार को हुए मतदान में पांच करोड़ मतदाताओं में से 72.2 फ़ीसदी मतदाताओं ने मतदान कर महमूद अहमदीनेजाद का उत्तराधिकारी चुना था। हसन रुहानी को 50.71 फ़ीसदी वोट मिले।