सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   World ›   Rest of World ›   Parenting in these time is extremely difficult; Use of mobile, economic aspects are important challenges

Parenting: आज के दौर में बच्चों की परवरिश बेहद कठिन; मोबाइल का इस्तेमाल, आर्थिक पहलू-आक्रामकता अहम चुनौतियां

न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस Published by: शिव शुक्ला Updated Tue, 17 Sep 2024 04:42 AM IST
विज्ञापन
सार

शोध के मुताबिक हथियारों के इस्तेमाल की खबरों का असर बच्चों पर होता है। इससे बच्चों के मन में हिंसक प्रवृत्ति पैदा होती है। इच्छाएं पूरी नहीं होने पर उनका गुस्सा व जिद्दीपन घातक हो जाता है।  

Parenting in these time is extremely difficult; Use of mobile, economic aspects are important challenges
शिशु प्रतीकात्मक - फोटो : एएनआई
loader
Trending Videos

विस्तार
Follow Us

भारत ही नहीं, दुनियाभर में आज के समय में माता-पिता बनना बेहद कठिन और तनावपूर्ण है। बच्चों में बढ़ते मोबाइल फोन के इस्तेमाल (स्क्रीन टाइम), इंटरनेट पर आक्रामक व हिंसक सामग्री से सीधा जुड़ाव, गुस्सैल मिजाज व दवाओं में इस्तेमाल हो रहे केमिकल अभिभावकों का बड़ा डर बन गए हैं। भारतवंशी अमेरिकी सर्जन डॉ. विवेक मूर्ति का कहना है कि ये कुछ ऐसी चिंताएं हैं जिनका तुरंत समाधान नहीं हुआ तो बच्चों की परवरिश माता-पिता के लिए और मुश्किल हो जाएगी।
Trending Videos


डॉ. मूर्ति ने माता-पिता के मानसिक स्वास्थ्य पर किए गए शोध में उनके सामने आ रही चुनौतियों की तुलना सिगरेट की लत व एड्स जैसे खतरों से की है। वह मानते हैं कि हमेशा से परिवार की भलाई सबकी प्राथमिकता रही है। लेकिन पिछली पीढ़ी की तुलना में मौजूदा दौर में बच्चों की परवरिश अधिक चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि बच्चों को इंटरनेट व सोशल मीडिया के जरिये जो जानकारी उपलब्ध है उसका उनके दिलो-दिमाग पर असर पड़ता है। इसके अलावा बच्चे माता-पिता से कुछ अलग व अधिक की मांग करते हैं। डॉ. मूर्ति ने अगस्त के अंत में प्यू रिसर्च सेंटर पर जारी शोध रिपोर्ट में लिखा कि इन अनुचित अपेक्षाओं के पीछे भागने से कई परिवार थके हुए, हताश व हमेशा पिछड़े महसूस करते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


हथियारों के इस्तेमाल की खबरों से प्रभावित हो रहे बच्चे
शोध के मुताबिक हथियारों के इस्तेमाल की खबरों का असर बच्चों पर होता है। इससे बच्चों के मन में हिंसक प्रवृत्ति पैदा होती है। इच्छाएं पूरी नहीं होने पर उनका गुस्सा व जिद्दीपन घातक हो जाता है। डॉ. मूर्ति ने सलाह दी कि माता-पिता बच्चों के चिड़चिड़ेपन को शुरुआती दौर में पहचानेंं।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed