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BRICS: 16 साल बाद वियतनाम को ब्रिक्स समूह में शामिल करने पर जोर, रूस ने की पहल; परमाणु ऊर्जा सहयोग पर भी सहमति
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, हनोई
Published by: शुभम कुमार
Updated Thu, 16 Jan 2025 02:27 AM IST
सार
रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन ने वियतनाम की ब्रिक्स समूह में शामिल करने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रूस वियतनाम की ब्रिक्स समूह में भागीदारी को सुगम बनाने के लिए तैयार है। साथ ही वियतनाम में एक राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा उद्योग स्थापित करने में भाग लेने की अपनी इच्छा भी जताई।
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रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन
- फोटो : ANI
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विस्तार
रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन की हनोई की दो दिवसीय यात्रा के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि रूस वियतनाम की ब्रिक्स समूह में भागीदारी को सुगम बनाने के लिए तैयार है। रूस ने वियतनाम को भागीदार देश के रूप में ब्रिक्स में शामिल करने के लिए अपनी तत्परता जताई है और 2024 में वियतनाम की ब्रिक्स कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी का स्वागत किया है।
साथ ही मिशुस्तिन की यात्रा के दौरान रूस और वियतनाम ने परमाणु ऊर्जा पर सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई। रूस ने वियतनाम में एक राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा उद्योग स्थापित करने में भाग लेने की अपनी इच्छा जताई।
वियतनाम को सता रही चिंता
हालांकि वियतनाम ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनने के लिए थोड़ा सतर्क है, क्योंकि उसे चिंता है कि अमेरिका इस बारे में क्या सोचेगा और इसके संभावित नतीजे क्या हो सकते हैं। वियतनाम को एक तरफ अपनी आर्थिक और रक्षा महत्वाकांक्षाओं के लिए अमेरिका से समर्थन की आवश्यकता है।
बता दें कि ब्रिक्स की स्थापना 2009 में हुआ था, जिसके घटक ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका है। जहां पिछले कुछ वर्षों में इस समूह में कई अन्य देशों को जोड़ा गया है, जैसे ईरान, मिस्र, इथियोपिया, संयुक्त अरब अमीरात, और सऊदी अरब को शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है। साथ ही सऊदी अरब को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। तुर्किये, अजरबैजान और मलेशिया ने औपचारिक रूप से सदस्य बनने के लिए आवेदन किया है, और कुछ अन्य ने रुचि व्यक्त की है।
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साथ ही मिशुस्तिन की यात्रा के दौरान रूस और वियतनाम ने परमाणु ऊर्जा पर सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई। रूस ने वियतनाम में एक राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा उद्योग स्थापित करने में भाग लेने की अपनी इच्छा जताई।
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वियतनाम को सता रही चिंता
हालांकि वियतनाम ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनने के लिए थोड़ा सतर्क है, क्योंकि उसे चिंता है कि अमेरिका इस बारे में क्या सोचेगा और इसके संभावित नतीजे क्या हो सकते हैं। वियतनाम को एक तरफ अपनी आर्थिक और रक्षा महत्वाकांक्षाओं के लिए अमेरिका से समर्थन की आवश्यकता है।
बता दें कि ब्रिक्स की स्थापना 2009 में हुआ था, जिसके घटक ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका है। जहां पिछले कुछ वर्षों में इस समूह में कई अन्य देशों को जोड़ा गया है, जैसे ईरान, मिस्र, इथियोपिया, संयुक्त अरब अमीरात, और सऊदी अरब को शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है। साथ ही सऊदी अरब को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। तुर्किये, अजरबैजान और मलेशिया ने औपचारिक रूप से सदस्य बनने के लिए आवेदन किया है, और कुछ अन्य ने रुचि व्यक्त की है।