Russia Ukraine War: कोरोना के बाद अब चिप इंडस्ट्री पर यूक्रेन युद्ध की मार, गहराएगा संकट
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विस्तार
दुनिया में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के कारोबार में नई रुकावटें पैदा होने की सूरत बन गई है। कोरोना महामारी के दौरान इस उद्योग के कामकाज में भारी बाधा पड़ी। उसकी वजह से सेमीकंडक्टर्स की सप्लाई अभी तक सामान्य नहीं हो पाई थी। इसका असर ऑटोमोबाइल समेत कई आधुनिक उद्योगों पर पड़ा। अब यूक्रेन संकट की वजह से ये समस्या और गहरी होती दिख रही है।
नियोन और पैलेडियम खनिजों का इस्तेमाल
सेमीकंडक्टर्स माइक्रोचिप से संचालित होते हैं। माइक्रोचिप के उत्पादन में नियोन और पैलेडियम खनिजों का इस्तेमाल होता है। यूक्रेन और रूस इन दोनों खनिजों का सबसे बड़ा स्रोत हैं। सेमीकंडक्टर बाजार के जानकारों के मुताबिक नियोन के बिना चिप का उत्पादन नहीं हो सकता। नियोन रूस में स्टील उत्पादन के दौरान पैदा होने वाला बाइ प्रोडक्ट है। इस बाइ प्रोडक्ट का यूक्रेन में शुद्धिकरण किया जाता है। फिलहाल, ये दोनों देश युद्ध या प्रतिबंधों की वजह से विश्व सप्लाई चेन से बाहर हो गए हैं। पैलेडियम का सबसे बड़ा स्रोत रूस है। इसका इस्तेमाल सेंसर, मेमोरी, और अन्य एप्लीकेशंस बनाने में होता है।
विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन युद्ध लंबा खिंचा, तो दुनिया भर में चिप सप्लाई की स्थिति और बिगड़ सकती है। मार्केट रेटिंग एजेंसी मूडीज एनालिटिक्स ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में बताया है कि रूस दुनिया की कुल जरूरत का 40 फीसदी पैलेडियम सप्लाई करता है। यूक्रेन दुनिया की कुल जरूरत का 70 फीसदी नियोन सप्लाई करता है। मूडीज एनालिटिक्स के विश्लेषक टिम यूइ ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है- ‘यूक्रेन में 2014-15 के युद्ध के समय नियोन की कीमत कई गुणा बढ़ गई थी। इससे ये संकेत मिलता है कि अब सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए कितनी गंभीर स्थिति खड़ी हो सकती है। युद्ध से जो कंपनियां प्रभावित हुई हैं, वे नियोन की 70 फीसदी मांग पूरी करती हैं। नियोन चिप बनाने की लिथोग्राफिक प्रक्रिया का अभिन्न अंग है।’
चिप की किल्लत होगी गंभीर
कोविड-19 महामारी के कारण 2020-21 की पूरी अवधि में दुनिया को चिप की कमी का सामना करना पड़ा। महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम के बढ़े चलन के कारण डिजिटल उत्पादों की मांग बढ़ी। उन सभी में चिप का इस्तेमाल होता है। एक तरफ चिप की मांग बढ़ी, दूसरी तरफ सप्लाई चेन टूटने का असर चिप इंडस्ट्री पर पड़ा। अब मूडीज एनालिटिक्स ने आशंका जताई है कि चिप की किल्लत और गंभीर रूप ले लेगी। उसका असर उन तमाम उद्योगों पर पड़ेगा, जो सेमीकंडक्टर्स पर निर्भर हैं। दूसरे विशेषज्ञों ने भी कहा है कि यूक्रेन युद्ध के कारण बने हालात से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, इलेक्ट्रॉनिक उद्योग, फोन निर्माता कंपनियों और ऐसे कई अन्य सेक्टरों को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ेगा। ये तमाम उद्योग चिप पर निर्भर हैं।
बाजार विशेषज्ञों ने ध्यान दिलाया है कि कोरोना महामारी से उबरने के बाद दुनिया भर में चिप की मांग तेजी से बढ़ी है। पिछले महीने सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि 2021 में कंप्यूटर चिप उद्योग की वैश्विक बिक्री 555.9 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। 2020 की तुलना में यह 26.2 फीसदी की बढ़ोतरी थी।