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Tanzania: विपक्ष का दावा- चुनाव बाद हिंसा में मारे गए सैकड़ों लोग, शव गुप्त तरीके से ठिकाने लगा रहे सुरक्षा बल

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नैरोबी (तंजानिया)। Published by: निर्मल कांत Updated Wed, 05 Nov 2025 03:52 PM IST
सार

Tanzania: तंजानिया में चुनाव के बाद भड़की हिंसा पर तनाव बढ़ता जा रहा है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि सुरक्षाबलों ने सैकड़ों लोगों की हत्या की और शवों को गुपचुप तरीके से ठिकाने लगा रहे हैं। सरकार चुप है, जबकि अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने हिंसा और अत्यधिक बल प्रयोग की निंदा की है।

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Tanzanian opposition claims security forces are secretly dumping bodies after election violence
तंजानिया में चुनाव के बाद मांगों को लेकर प्रदर्शन करते लोग। - फोटो : अमर उजाला प्रिंट
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तंजानिया में पिछले हफ्ते हुए आम चुनावों के बाद फैली हिंसा को लेकर मंगलवार को हालात और तनावपूर्ण हो गए। विपक्षी दलों ने दावा किया है कि सुरक्षाबलों ने विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के दौरान सैकड़ों लोगों की हत्या की और अब वे शवों को गुपचुप तरीके से ठिकाने लगा रहे हैं ताकि मौतों का वास्तविक आंकड़ा सामने न आ सके।
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आम चुनाव के बाद कई दिनों तक चले हिंसक प्रदर्शन
देशभर में 29 अक्तूबर को हुए मतदान के बाद कई दिनों तक हिंसक प्रदर्शन हुए। ज्यादातर युवा सड़कों पर उतर आए और चुनाव में कथित धांधली के खिलाफ प्रदर्शन किया। अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों का कहना है कि चुनाव लोकतांत्रिक मानकों पर खरे नहीं उतरे, क्योंकि विपक्ष के प्रमुख नेताओं को चुनाव लड़ने से रोका गया था। 
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विपक्षी दल का दावा- एक हजार से ज्यादा लोगों की गई जान
सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया। सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े। विपक्षी दल चाडेमा का दावा है कि एक हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। पार्टी ने आरोप लगाया कि सुरक्षाबल शवों को रातों-रात गुप्त ठिकानों पर फेंक रहे हैं। सरकार ने अब तक इन आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

विपक्ष ने राष्ट्रपति हसन की जीत को बताया था अवैध
चाडेमा की प्रवक्ता ब्रेंडा रुपिया ने कहा, तंजानिया के लोग सदमे में हैं। हमारे देश के लिए यह स्थिति पूरी तरह नई है। उन्होंने कहा कि केवल म्बेया क्षेत्र के तुंडुमा इलाके में ही करीब 400 मौत की सूचना है। राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन को 97 फीसदी से अधिक वोट मिले हैं। यह उनका पहला चुनाव था। वह 2021 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन मागुफुली की अचानक मौत के बाद उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति बनी थीं। हालांकि विपक्ष ने हसन की जीत को 'गैरकानूनी' बताया। चाडेमा के प्रमुख नेता तुंडू लिस्सू को देशद्रोह के आरोप में जेल में रखा गया है और उनके सहयोगी जॉन हेचे को मतदान से पहले गिरफ्तार किया गया था।

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ह्यूमन राइट्स वॉच ने की प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की आलोचना
मानवाधिकार संगठन 'ह्यूमन राइट्स वॉच' ने बयान जारी कर प्रदर्शनकारियों पर हुई कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। संगठन ने कहा कि सुरक्षाबलों द्वारा अत्यधिक और जानलेवा बल का इस्तेमाल किया गया और सरकार को इसकी जवाबदेही तय करनी चाहिए।

ब्रिटेन, नॉर्वे और कनाडा ने भी हिंसा में बड़ी संख्या में लोगों की मौत की विश्वसनीय रिपोर्ट का हवाला दिया है। वहीं कैथोलिक चर्च ने कहा है कि 'सैकड़ों लोग' मारे गए हैं। हालांकि उसने भी सटीक आंकड़े की पुष्टि नहीं की है।

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