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US-China Tariff Wars: चीनी एयरलाइंस को सरकार का आदेश, बोइंग से विमान और अमेरिका में बने विमानन सामान न खरीदें
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: पवन पांडेय
Updated Tue, 15 Apr 2025 09:14 PM IST
सार
US-China Tariff Wars: अमेरिका और चीन में टैरिफ युद्ध का असर अन्य क्षेत्रों में दिखने लगा है। बता दें कि, चीन ने अपने घरेलू एयरलाइंस कंपनियों को साफ निर्देश दिया है कि वे सभी बोइंग और अमेरिका में बने विमान के पार्ट्स न खरीदें।
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बोइंग एयरलाइन
- फोटो : Freepik
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विस्तार
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार विवाद के बीच एक नई और बड़ी खबर सामने आई है। चीन ने अपने घरेलू एयरलाइंस को आदेश दिया है कि वे अब अमेरिकी कंपनी बोइंग से कोई नया विमान न लें। इसके साथ ही, चीन ने यह भी कहा है कि अमेरिकी कंपनियों से हवाई जहाज़ों के पार्ट्स और उपकरणों की खरीदारी भी तुरंत बंद कर दी जाए।
अमेरिका ने लगाए भारी टैरिफ, चीन का जवाब सख्त
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से चीन पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामान पर 125 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है। इस तरह दोनों देशों के बीच टैरिफ वॉर और भी ज्यादा तेज हो गया है।
यह भी पढ़ें - US-Iran Nuke Talks: अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता जारी रखने का खामेनेई ने किया समर्थन, सतर्कता बरतने की दी सलाह
बोइंग पर असर: 50 साल से चीन का साथी
बोइंग कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी हवाई जहाज बनाने वाली कंपनियों में से एक है। पिछले 50 वर्षों से बोइंग के विमान चीन की पैसेंजर और कार्गो सेवाओं का अहम हिस्सा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, चीन में उड़ने वाले 10,000 से ज्यादा बोइंग विमानों में चीन में बने पार्ट्स लगे होते हैं। बोइंग की चीन में गतिविधियां चीन की अर्थव्यवस्था को सालाना 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 12,500 करोड़ रुपये) का प्रत्यक्ष समर्थन देती हैं। इसमें सप्लायर्स, ज्वाइंट वेंचर, ट्रेनिंग, और रिसर्च जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
चीन की सख्ती: अब और विमान या पार्ट्स नहीं
रिपोर्ट के अनुसार, चीन की सरकार ने साफ कह दिया है कि अब कोई भी चीनी एयरलाइन बोइंग के विमान नहीं खरीदेगी और न ही अमेरिकी कंपनियों से किसी भी तरह के एविएशन उपकरण या पार्ट्स मंगवाएगी। यह आदेश मौजूदा व्यापारिक तनाव को और बढ़ाने वाला माना जा रहा है।
ट्रंप बोले- चीन हमें नुकसान पहुंचाना चाहता है
डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए चीन पर आरोप लगाया कि वह अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहा है। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और वियतनाम के राष्ट्रपति टो लाम की बैठक पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'यह बैठक बहुत शानदार है। जैसे कि वह यह सोच रहे हों कि अमेरिका को कैसे नुकसान पहुंचाया जाए।'
यह भी पढ़ें - Bangladesh: शेख हसीना और बेटे के खिलाफ गिरफ्तारी का नया वारंट जारी, भ्रष्टाचार के इन आरोपों में कार्रवाई तेज
शी जिनपिंग की विदेश यात्रा: वियतनाम में 'एकतरफा दबाव' का विरोध
इस बीच, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग वियतनाम, मलयेशिया और कंबोडिया की यात्रा पर हैं। वियतनाम में उन्होंने बयान दिया कि चीन और वियतनाम को 'एकतरफा दबाव और धमकी' का मिलकर विरोध करना चाहिए और वैश्विक मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना चाहिए। यह बयान अमेरिका के खिलाफ चीन के रुख को और स्पष्ट करता है।
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यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से चीन पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामान पर 125 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है। इस तरह दोनों देशों के बीच टैरिफ वॉर और भी ज्यादा तेज हो गया है।
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बोइंग कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी हवाई जहाज बनाने वाली कंपनियों में से एक है। पिछले 50 वर्षों से बोइंग के विमान चीन की पैसेंजर और कार्गो सेवाओं का अहम हिस्सा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, चीन में उड़ने वाले 10,000 से ज्यादा बोइंग विमानों में चीन में बने पार्ट्स लगे होते हैं। बोइंग की चीन में गतिविधियां चीन की अर्थव्यवस्था को सालाना 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 12,500 करोड़ रुपये) का प्रत्यक्ष समर्थन देती हैं। इसमें सप्लायर्स, ज्वाइंट वेंचर, ट्रेनिंग, और रिसर्च जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
चीन की सख्ती: अब और विमान या पार्ट्स नहीं
रिपोर्ट के अनुसार, चीन की सरकार ने साफ कह दिया है कि अब कोई भी चीनी एयरलाइन बोइंग के विमान नहीं खरीदेगी और न ही अमेरिकी कंपनियों से किसी भी तरह के एविएशन उपकरण या पार्ट्स मंगवाएगी। यह आदेश मौजूदा व्यापारिक तनाव को और बढ़ाने वाला माना जा रहा है।
ट्रंप बोले- चीन हमें नुकसान पहुंचाना चाहता है
डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए चीन पर आरोप लगाया कि वह अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहा है। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और वियतनाम के राष्ट्रपति टो लाम की बैठक पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'यह बैठक बहुत शानदार है। जैसे कि वह यह सोच रहे हों कि अमेरिका को कैसे नुकसान पहुंचाया जाए।'
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इस बीच, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग वियतनाम, मलयेशिया और कंबोडिया की यात्रा पर हैं। वियतनाम में उन्होंने बयान दिया कि चीन और वियतनाम को 'एकतरफा दबाव और धमकी' का मिलकर विरोध करना चाहिए और वैश्विक मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना चाहिए। यह बयान अमेरिका के खिलाफ चीन के रुख को और स्पष्ट करता है।
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