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Thailand Combodia Conflict: चीन में मिले थाईलैंड-कंबोडिया के विदेश मंत्री, बढ़ रहा बीजिंग का कूटनीतिक प्रभाव
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: नितिन गौतम
Updated Mon, 29 Dec 2025 01:41 PM IST
सार
चीनी की मध्यस्थता में सोमवार को थाईलैंड और कंबोडिया के विदेश मंत्रियों ने मुलाकात की। इस बातचीत में दोनों देशों ने संघर्ष विराम को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। गौरतलब है कि अमेरिका की मध्यस्थता में हुआ संघर्ष विराम जारी नहीं रह पाया और अब चीन ने बतौर मध्यस्थ एंट्री ली है।
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थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक
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विस्तार
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जारी तनाव के बीच दोनों देशों के विदेश मंत्री सोमवार को चीन के युन्नान प्रांत में चीन के विदेश मंत्री से मिले। दोनों देशों के संघर्ष में अब चीन मध्यस्थ की भूमिका में है और इसके जरिए चीन दुनिया की वैश्विक कूटनीति में अपनी मौजूदगी को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
चीनी विदेश मंत्री बोले- हम नहीं चाहते युद्ध की आग भड़के
चीन में थाईलैंड और कंबोडिया के विदेश मंत्रियों की मुलाकात, दोनों देशों के बीच ताजा संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद हो रही है। संघर्ष विराम के साथ ही दोनों देशों का संघर्ष फिलहाल थम गया है, जिसमें अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सीमा के दोनों तरफ हजारों लोगों को विस्थापन झेलना पड़ा है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने थाईलैंड और कंबोडिया के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। चीनी विदेश मंत्री वांग ने बैठक के बाद कहा, 'युद्ध की आग को फिर से भड़कने देना निश्चित रूप से दोनों देशों के लोग नहीं चाहते हैं, और न ही चीन ऐसा देखना चाहता है। इसलिए, हमें दृढ़ता से आगे देखना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।'
ये भी पढ़ें- US: यूएन की फंडिंग में अमेरिका ने की बड़ी कटौती, सिर्फ दो अरब डॉलर देने का एलान किया; ट्रंप ने दी धमकी
कंबोडिया के विदेश मंत्री प्राक सोखोन ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि नवीनतम संघर्ष विराम चलेगा और दोनों देशों के लिए अपने संबंधों पर काम करने और अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए एक सकारात्मक माहौल बनेगा। थाई विदेश मंत्री सिहासक फुंगकेटकेओ ने भी पड़ोसी देशों के साथ शांति की उम्मीदें जताईं। थाई विदेश मंत्रालय ने बाद में एक बयान में कहा कि चीन ने दोनों देशों के बीच शांति का समर्थन करने के लिए एक मंच बनने की पेशकश की है। मंत्रालय ने कहा, 'थाई पक्ष 72 घंटे की संघर्ष विराम निगरानी अवधि के बाद 18 सैनिकों की रिहाई पर विचार करेगा और अनुरोध करता है कि कंबोडिया भी सीमा पर थाई लोगों की वापसी में सुविधा प्रदान करे।'
चीन का बढ़ रहा कूटनीतिक प्रभाव
ये बैठकें चीन की एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ के तौर पर अपनी भूमिका को मजबूत करने और खासकर, एशियाई क्षेत्रीय संकटों में अपने प्रभाव को बढ़ाने की ताज़ा कोशिशों को दिखाती हैं। जैसे-जैसे चीन बढ़ रहा है और क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर एक बड़ी आर्थिक और राजनीतिक ताकत बन रहा है, बीजिंग ने पिछले एक दशक से ज़्यादा समय से कूटनीतिक मामलों में तीसरे पक्ष के तौर पर अपनी आवाज बढ़ाने के लिए कई तरीकों से काम किया है।
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चीन में थाईलैंड और कंबोडिया के विदेश मंत्रियों की मुलाकात, दोनों देशों के बीच ताजा संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद हो रही है। संघर्ष विराम के साथ ही दोनों देशों का संघर्ष फिलहाल थम गया है, जिसमें अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सीमा के दोनों तरफ हजारों लोगों को विस्थापन झेलना पड़ा है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने थाईलैंड और कंबोडिया के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। चीनी विदेश मंत्री वांग ने बैठक के बाद कहा, 'युद्ध की आग को फिर से भड़कने देना निश्चित रूप से दोनों देशों के लोग नहीं चाहते हैं, और न ही चीन ऐसा देखना चाहता है। इसलिए, हमें दृढ़ता से आगे देखना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।'
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चीन का बढ़ रहा कूटनीतिक प्रभाव
ये बैठकें चीन की एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ के तौर पर अपनी भूमिका को मजबूत करने और खासकर, एशियाई क्षेत्रीय संकटों में अपने प्रभाव को बढ़ाने की ताज़ा कोशिशों को दिखाती हैं। जैसे-जैसे चीन बढ़ रहा है और क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर एक बड़ी आर्थिक और राजनीतिक ताकत बन रहा है, बीजिंग ने पिछले एक दशक से ज़्यादा समय से कूटनीतिक मामलों में तीसरे पक्ष के तौर पर अपनी आवाज बढ़ाने के लिए कई तरीकों से काम किया है।
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