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UK: ब्रिटेन में शरण नीति में बड़ा और सख्त बदलाव, अस्थायी शरण और वीजा पेनल्टी होगी लागू; नई नीति में क्या-क्या?

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन Published by: शुभम कुमार Updated Tue, 18 Nov 2025 07:04 AM IST
सार

ब्रिटेन ने शरण नीति में सख्त बदलाव किया है। प्रधानमंत्री स्टार्मर और गृह मंत्री महमूद ने संसद में नए नियम पेश किए, जिनमें शरणार्थियों के लिए अस्थायी दर्जा, 20 साल तक सेटलमेंट की अवधि और अवैध लौटने वाले देशों के लिए वीज़ा पेनल्टी शामिल है। सरकार का कहना है कि इससे अवैध प्रवास रोका जाएगा और असली शरणार्थियों के लिए सुरक्षित रास्ते सुनिश्चित होंगे।

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UK PM Starmer Asylum reforms will tackle significant pull factor to illegal migration News In Hindi
कीर स्टार्मर - फोटो : PTI
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विस्तार
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ब्रिटेन की शरण नीति में बड़ा बदलाव करते हुए प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर और गृह मंत्री शबाना महमूद ने संसद में नए, कड़े नियम पेश किए हैं। इसके तहत अस्थायी शरण 20 साल तक सेटलमेंट की अवधि और अवैध लौटने वालों के लिए देशों पर वीजा पेनल्टी जैसी सख्त मेडिडास लागू होंगी। मामले में सरकार का कहना है कि इससे अवैध प्रवास रोका जाएगा और असली शरणार्थियों के लिए सुरक्षित, न्यायपूर्ण रास्ते खुलेंगे।

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पीएम स्टार्मर ने इस मामले में कहा कि देश की मौजूदा शरण व्यवस्था अवैध रूप से आने वाले लोगों के लिए बड़ा आकर्षण बन गई है। इसे रोकने के लिए गृह मंत्री शबाना महमूद ने संसद में नए कड़े सुधार पेश किए हैं।
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पीएम स्टार्मर ने बड़े बदलावों पर दिया जोर
संसद में बयान से पहले जारी एक विस्तृत नीति दस्तावेज में स्टार्मर ने कई बड़े बदलावों की बात कही है, जैसे कि शरण पाने वालों को स्थायी निवास (सेटलमेंट) मिलने में अब 20 साल तक इंतजार करना पड़ सकता है। वहीं जो देश ब्रिटेन में अवैध तरीके से आए अपने नागरिकों को वापस नहीं लेते, उनके लिए वीजा पेनल्टी लगेगी।

स्टार्मर ने कहा कि मौजूदा सिस्टम मानव तस्करी को बढ़ावा देता है और कई लोग, जो कानूनी तौर पर ब्रिटेन आते हैं, बाद में शरण लेने की कोशिश करने लगते हैं। उनके मुताबिक, अगर चैनल पार करके आने वालों की संख्या कम करनी है और शरण प्रणाली को न्यायपूर्ण बनाना है, तो कड़े नियम जरूरी हैं।


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नई नीति में क्या-क्या?

ऐसे में नई नीति के अनुसार शरण मिलने पर दर्जा अस्थायी होगा, जब तक कि व्यक्ति अपने देश लौटने के लिए सुरक्षित न हो जाए। जिन शरणार्थियों के पास संपत्ति है, उन्हें अपने रहने का कुछ खर्च खुद देना होगा। जब सिस्टम पर नियंत्रण स्थापित होगा, तब सुरक्षित और कानूनी रास्तों से सीमित संख्या में शरणार्थियों को आने की अनुमति दी जाएगी।

डेनमार्क जैसी मॉडल कैसे अपनाएगा ब्रिटेन?
संसद में बयान देते हुए गृह मंत्री शबाना महमूद ने कहा कि यूके अब डेनमार्क जैसी सख्त मॉडल को अपनाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब सिर्फ आने वालों की संख्या कम करना काफी नहीं है, जिन्हें रहने का अधिकार नहीं है उनकी वापसी भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि हाल के महीनों में कुछ असफल शरण मांगने वालों को स्वैच्छिक रूप से सीरिया भेजा गया है। महमूद ने घोषणा की कि अंगोला, कांगो (डीआरसी) और नामीबिया को पहली बार वीज़ा पेनल्टी वाली सूची में रखा गया है। बाद में और देशों को भी इसमें जोड़ा जाएगा।

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क्या कहते है गृह मंत्रालय के आंकड़े?

गौरतलब है कि गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 से अब तक चार लाख से ज्यादा लोग ब्रिटेन में शरण मांग चुके हैं, लेकिन अवैध रूप से आए लोगों को वापस भेजने की प्रक्रिया उसी गति से नहीं बढ़ी है। महमूद के अनुसार, इस समय एक लाख से अधिक लोग सरकारी खर्च पर शरण आवासों में रह रहे हैं, जिससे देश पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ा है।

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