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CoP30: भारत की विकसित देशों को नसीहत- जलवायु वित्त में अरबों नहीं खरबों डॉलर दें और वादों को पूरा करें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेलेम
Published by: नितिन गौतम
Updated Tue, 18 Nov 2025 09:14 AM IST
सार
भूपेंद्र यादव ने कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-30) को ऐसे सम्मेलन के रूप में याद करने की अपील की, जिसमें वादों को लागू किया गया और वादों को पूरा करने वाले कॉप के रूप में याद रखने का आह्वान किया है।
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सम्मेलन में बोलते केंद्रीय पर्यावरण मंत्री
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
ब्राजील में आयोजित किए जा रहे कॉप30 सम्मेलन में भारत की तरफ से केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शिरकत की। इस सम्मेलन में अपने संबोधन में भूपेंद्र यादव ने विकसित देशों को नसीहद दी कि वे नेट जीरों के लक्ष्य को तय समय से पहले हासिल करें। साथ ही उन्होंने विकसित देशों से जलवायु वित्त में खरबों डॉलर देने की भी मांग की। भूपेंद्र यादव ने तंज कसते हुए कहा कि कॉप30 सम्मेलन को वादों को लागू करने वाले सम्मेलन के तौर पर याद किया जाना चाहिए।
'जलवायु तकनीक की जरूरत'
भूपेंद्र यादव ने अमेजन में कॉप30 सम्मेलन के आयोजन के लिए ब्राजील सरकार की तारीफ की। उन्होंने अमेजन को पृथ्वी की पर्यावरणीय दौलत का जीवित प्रतीक बताया। यादव ने अपने संबोधन में विकसित देशों से अपील की कि वे अपने वादों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि अब किफायती, हर किसी की पहुंच वाली जलवायु तकनीक की जरूरत है और ये सभी के लिए सुगम होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने साल 2005 के बाद से गैर जीवाश्म ईंधन हम अपने कुल बिजली क्षमता के आधे का उत्पादन कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें- Bangladesh: 'ये पहले से ही तय था', शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाए जाने पर अवामी लीग ने यूनुस सरकार को कोसा
विकसित देशों से अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की अपील
भूपेंद्र यादव ने कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-30) को ऐसे सम्मेलन के रूप में याद करने की अपील की, जिसमें वादों को लागू किया गया और वादों को पूरा करने वाले कॉप के रूप में याद रखने का आह्वान किया है। उन्होंने विकसित देशों से अधिक जलवायु महत्वाकांक्षा प्रदर्शित करने और अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने का आग्रह किया। भूपेंद्र यादव ने कहा कि 2005 के बाद से भारत की उत्सर्जन तीव्रता में 36% से अधिक की गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि गैर-जीवाश्म स्रोत अब देश की कुल बिजली स्थापित क्षमता के आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं। यादव ने यह भी कहा कि पेरिस समझौते के उद्देश्यों के तहत देश में केवल सोलह महीनों में 2 अरब से अधिक पौधे लगाए गए।
ब्राजील ने विभिन्न देशों को भेजा पत्र
संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के मेजबान देश ब्राजील ने देशों को एक सीधा पत्र भेजकर ग्लोबल वार्मिंग का हल खोजने की अपील की है। सोमवार देर रात भेजा गया यह पत्र ब्राजील के बेलेम में आयोजित किए जा रहे ऐतिहासिक जलवायु शिखर सम्मेलन के बीच भेजा गया है। पत्र में नेताओं से मंगलवार रात तक संभावित समझौते के कई पहलुओं पर चर्चा करने का अनुरोध किया गया है ताकि शुक्रवार को सम्मलेन से समापन से पहले बहुत कुछ तय हो जाए।
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'जलवायु तकनीक की जरूरत'
भूपेंद्र यादव ने अमेजन में कॉप30 सम्मेलन के आयोजन के लिए ब्राजील सरकार की तारीफ की। उन्होंने अमेजन को पृथ्वी की पर्यावरणीय दौलत का जीवित प्रतीक बताया। यादव ने अपने संबोधन में विकसित देशों से अपील की कि वे अपने वादों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि अब किफायती, हर किसी की पहुंच वाली जलवायु तकनीक की जरूरत है और ये सभी के लिए सुगम होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने साल 2005 के बाद से गैर जीवाश्म ईंधन हम अपने कुल बिजली क्षमता के आधे का उत्पादन कर रहे हैं।
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विकसित देशों से अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की अपील
भूपेंद्र यादव ने कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-30) को ऐसे सम्मेलन के रूप में याद करने की अपील की, जिसमें वादों को लागू किया गया और वादों को पूरा करने वाले कॉप के रूप में याद रखने का आह्वान किया है। उन्होंने विकसित देशों से अधिक जलवायु महत्वाकांक्षा प्रदर्शित करने और अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने का आग्रह किया। भूपेंद्र यादव ने कहा कि 2005 के बाद से भारत की उत्सर्जन तीव्रता में 36% से अधिक की गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि गैर-जीवाश्म स्रोत अब देश की कुल बिजली स्थापित क्षमता के आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं। यादव ने यह भी कहा कि पेरिस समझौते के उद्देश्यों के तहत देश में केवल सोलह महीनों में 2 अरब से अधिक पौधे लगाए गए।
ब्राजील ने विभिन्न देशों को भेजा पत्र
संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के मेजबान देश ब्राजील ने देशों को एक सीधा पत्र भेजकर ग्लोबल वार्मिंग का हल खोजने की अपील की है। सोमवार देर रात भेजा गया यह पत्र ब्राजील के बेलेम में आयोजित किए जा रहे ऐतिहासिक जलवायु शिखर सम्मेलन के बीच भेजा गया है। पत्र में नेताओं से मंगलवार रात तक संभावित समझौते के कई पहलुओं पर चर्चा करने का अनुरोध किया गया है ताकि शुक्रवार को सम्मलेन से समापन से पहले बहुत कुछ तय हो जाए।
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