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दक्षिण चीन सागर: विवादित समुद्री हिस्से में रसद पहुंचा रही थी फिलीपींस की सेना, चीन ने बाधित किया संचार
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, मनीला।
Published by: निर्मल कांत
Updated Tue, 18 Nov 2025 02:04 PM IST
सार
चीन दक्षिण चीन सागर में विवादित इलाके 'सेकंड थॉमस शोल' के आसपास उस समय संचार बाधित किया, जब फिलीपींस की सेना वहां रसद और अपने कर्मी पहुंचा रही थी। इस क्षेत्र के आसपास चीनी तटरक्षक कर्मा और जहाज तैनात रहते हैं।
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दक्षिण चीन सागर (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
दक्षिण चीन सागर के लंबे समय से विवादित जलमग्न हिस्से पर फिलीपींस ने खाद्य सामग्री, ईंधन और नए कर्मियों को पहुंचाया। इसी दौरान चीन के सरकारी जहाजों ने घंटों चलने वाले इस मिशन के दौरान संचार को बाधित किया। फिलीपींस के दो शीर्ष अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
फिलीपींस की सशस्त्र सेना ने शुक्रवार को 'सेकंड थॉमस शोल' पर सामान और नौसेना के नए कर्मियों को पहुंचाया। अधिकारियों ने कहा कि चीन तटरक्षक और अन्य जहाजों की मौजूदगी के बावजूद यह आपूर्ति बिना किसी अप्रिय घटना के सफलतापूर्वक पूरी हुई। ये चीनी जहाज वर्षों से इस उथले समुद्री इलाके के आसपास तैनात रहते हैं।
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पहले भी फिलीपींस को चेतावनी दे चुका चीन
हालांकि, अधिकारियों ने अधिक जानकारी नहीं दी। उन्होंने मामले की संवेदनशीलता के कारण नाम न बताने की शर्त पर बात की। वहीं, चीन की ओर से तत्काल कोई बयान नहीं आया है। लेकिन वह पहले भी इस इलाके पर दावा कर चुका है। वह पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है। चीन कई बार फिलीपींस को चेतावनी दे चुका है कि वह इस इलाके पर फंसे अपने युद्धपोत बीआरपी सिएरा माद्रे को हटा ले।
चीन ने ऐसा कदम क्यों उठाया?
एक अधिकारी ने बताया कि चीनी तटरक्षक ने इस विवादित इलाके के आसपास संचार जाम किया, जब फिलीपींस की टीम सिएरा माद्रे पर सामान पहुंचा रही थी। ऐसा लगता है कि चीन यह कदम इसलिए उठा रहा है, ताकि अमेरिका और दूसरे देशों के ड्रोन निगरानी न कर सकें, जिन्होंने दक्षिण चीन सागर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद का वादा किया है।
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फिलीपींस की सेना पिछले साल से अब तक बिना किसी टकराव के 12 बार ऐसे आपूर्ति मिशन कर चुकी है। यह भी संभव हुआ, क्योंकि चीन और फिलीपींस ने जुलाई 2024 में एक अस्थायी गैर-आक्रामक समझौता किया था ताकि इलाके में नई झड़पों को रोका जा सके। हालांकि, अगस्त में चीन ने इस हिस्से पर और अधिक तटरक्षक और संदिग्ध मिलिशिया जहाज भेजे, जिनमें कुछ पर भारी मशीनगनें थीं और साथ में एक हेलिकॉप्टर और एक मानवरहित निगरानी ड्रोन भी था।
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फिलीपींस की सशस्त्र सेना ने शुक्रवार को 'सेकंड थॉमस शोल' पर सामान और नौसेना के नए कर्मियों को पहुंचाया। अधिकारियों ने कहा कि चीन तटरक्षक और अन्य जहाजों की मौजूदगी के बावजूद यह आपूर्ति बिना किसी अप्रिय घटना के सफलतापूर्वक पूरी हुई। ये चीनी जहाज वर्षों से इस उथले समुद्री इलाके के आसपास तैनात रहते हैं।
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पहले भी फिलीपींस को चेतावनी दे चुका चीन
हालांकि, अधिकारियों ने अधिक जानकारी नहीं दी। उन्होंने मामले की संवेदनशीलता के कारण नाम न बताने की शर्त पर बात की। वहीं, चीन की ओर से तत्काल कोई बयान नहीं आया है। लेकिन वह पहले भी इस इलाके पर दावा कर चुका है। वह पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है। चीन कई बार फिलीपींस को चेतावनी दे चुका है कि वह इस इलाके पर फंसे अपने युद्धपोत बीआरपी सिएरा माद्रे को हटा ले।
चीन ने ऐसा कदम क्यों उठाया?
एक अधिकारी ने बताया कि चीनी तटरक्षक ने इस विवादित इलाके के आसपास संचार जाम किया, जब फिलीपींस की टीम सिएरा माद्रे पर सामान पहुंचा रही थी। ऐसा लगता है कि चीन यह कदम इसलिए उठा रहा है, ताकि अमेरिका और दूसरे देशों के ड्रोन निगरानी न कर सकें, जिन्होंने दक्षिण चीन सागर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद का वादा किया है।
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फिलीपींस की सेना पिछले साल से अब तक बिना किसी टकराव के 12 बार ऐसे आपूर्ति मिशन कर चुकी है। यह भी संभव हुआ, क्योंकि चीन और फिलीपींस ने जुलाई 2024 में एक अस्थायी गैर-आक्रामक समझौता किया था ताकि इलाके में नई झड़पों को रोका जा सके। हालांकि, अगस्त में चीन ने इस हिस्से पर और अधिक तटरक्षक और संदिग्ध मिलिशिया जहाज भेजे, जिनमें कुछ पर भारी मशीनगनें थीं और साथ में एक हेलिकॉप्टर और एक मानवरहित निगरानी ड्रोन भी था।