{"_id":"68d14e945118d0b47407aa9e","slug":"uk-visa-fee-waiver-reports-british-govt-global-talent-may-reduce-cost-after-us-h1b-visa-fee-hike-know-details-2025-09-22","type":"story","status":"publish","title_hn":"UK Visa Fee: युवाओं को लुभाने की ताक में ब्रिटिश सरकार, अमेरिकी वीजा शुल्क 88 लाख होने के बाद जीरो फीस पर मंथन","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
UK Visa Fee: युवाओं को लुभाने की ताक में ब्रिटिश सरकार, अमेरिकी वीजा शुल्क 88 लाख होने के बाद जीरो फीस पर मंथन
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन।
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Mon, 22 Sep 2025 06:56 PM IST
सार
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में सरकार ने एच-1बी वीजा का शुल्क बढ़ाने का एलान किया है। इस फैसले के बाद कई देशों में वैश्विक प्रतिभाओं को बुलाने की होड़ सी मची है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन की सरकार वीजा फीस में कटौती या पूरी तरह माफ करने पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि सरकार की ये नई पहल देश की अर्थव्यवस्था को नई गति देने की कोशिश है। पढ़िए ये रिपोर्ट
विज्ञापन
वीजा शुल्क में कटौती कर सकती है ब्रिटिश सरकार (सांकेतिक)
- फोटो : अमर उजाला प्रिंट
विज्ञापन
विस्तार
युवाओं को लुभाने की ताक में ब्रिटिश सरकार वीजा संबंधी फीस में कटौती पर विचार कर रही है। एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया जा रहा है। खास बात ये है कि अमेरिकी वीजा शुल्क के 88 लाख रुपये होने के बाद यूके की सरकार ने वीजा फीस घटाने के संकेत दिए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन की सरकार वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए अपने 'ग्लोबल टैलेंट वीजा' को और आकर्षक बनाने की तैयारी में है।
दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों को प्रोत्साहित करने का प्रयास
यूके की वीजा फीस से जुड़ी एक रिपोर्ट में कहा गया कि प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और वित्त मंत्री रैचल रीव्स के नेतृत्व वाली 'ग्लोबल टैलेंट टास्कफोर्स' वीजा शुल्क पूरी तरह समाप्त करने (फीस वेवर) पर विचार कर रही है। इस रिपोर्ट के अनुसार, स्टार्मर सरकार की इस पहल का मकसद दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों, जिनमें बड़ी संख्या भारतीयों की भी है, को ब्रिटेन में स्थानांतरित होने के लिए प्रोत्साहित करना है।
विज्ञापन
विज्ञापन
ब्रिटेन की सरकार उठाएगी खर्च
इस रिपोर्ट में कहा गया कि ब्रिटेन ने इसी वर्ष 54 मिलियन पाउंड का 'ग्लोबल टैलेंट फंड' शुरू किया है। इसका इस्तेमाल शोधकर्ताओं और उनकी टीमों के स्थानांतरण और अनुसंधान का खर्च वहन करने के लिए किया जाएगा। पांच वर्षों तक सरकार इस फंड का इस्तेमाल कर सकेगी। ब्रिटेन के विज्ञान मंत्री लॉर्ड पैट्रिक वलेंस और पीएम के बिजनेस सलाहकार वरुण चंद्रा इस टास्कफोर्स का संचालन कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि यह कदम ब्रिटेन की वैश्विक नेतृत्व स्थिति को मजबूत करेगा और दवाओं, नई तकनीकों और भविष्य के आविष्कारों में नवाचार को गति देगा।
ये भी पढ़ें- H- 1B Visa: अमेरिका के फैसले का फायदा उठाने की तैयारी में चीन, वैश्विक पेशेवरों को दिया काम करने का न्योता
UK का ग्लोबल टैलेंट वीजा तंत्र बेहद जटिल, अब आसान बनाई जा रही प्रक्रिया
ब्रिटेन की वीजा नीति से परिचित एक सरकारी अधिकारी ने कहा, वीजा शुल्क शून्य करने का विचार ऐसे लोगों के लिए किया जा रहा है, जिन्होंने दुनिया के शीर्ष पांच विश्वविद्यालयों से पढ़ाई की हो या प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हों। इस रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन का मौजूदा ग्लोबल टैलेंट वीजा तंत्र बेहद जटिल माना जाता है। इस मुद्दे की अहमियत को समझते हुए सरकार ने इसी साल जून में टास्कफोर्स की स्थापना की थी। बता दें कि जुलाई में प्रधानमंत्री बनने के बाद कीर स्टार्मर ने वीजा प्रक्रिया को आसान बनाने का काम तेज किया है।
सरकार की योजना का विरोध कर रहा विपक्षी राजनीतिक दल
ब्रिटेन के व्यापार सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने देश की वीजा नीति को लेकर कहा था कि ग्लोबल टैलेंट टास्कफोर्स ब्रिटेन को विश्व की श्रेष्ठ प्रतिभाओं की पहली पसंद बनाएगा और नवाचार तथा आर्थिक विकास को तेज करेगा। हालांकि, देश की विपक्षी राजनीतिक पार्टी 'रिफॉर्म यूके' ने कहा है कि अगर वह सत्ता में आई तो अनिश्चितकालीन निवास (ILR) का विकल्प समाप्त हो जाएगा। इस पार्टी ने कहा है कि वे पांच वर्षीय प्रक्रिया को सख्त शर्तों वाले नवीकरणीय वर्क वीजा से बदलेंगे। 'रिफॉर्म यूके' के प्रमुख नाइजेल फराज ने दावा किया कि आईएलआर पाने वालों में से आधे से अधिक लोग काम नहीं कर रहे हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय- डाउनिंग स्ट्रीट ने इस प्रस्ताव को 'अवास्तविक, अव्यवहारिक और विभाजनकारी' बताकर खारिज कर दिया।
ये भी पढ़ें- H-1B Visa: 'अमेरिका में नवाचार-नौकरियों की रीढ़ हैं भारतीय वीजा धारक', ट्रंप के फैसले पर इंडियास्पोरा का बयान
अमेरिका में कब बढ़ाया गया वीजा शुल्क, भारत पर कितना असर
बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नीत प्रशासन ने एच-1बी वीजा का शुल्क बढ़ाकर एक लाख डॉलर कर दिया है। अब भारतीय राशि में करीब 88 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। माना जा रहा है कि इसका खर्च कंपनियों को वहन करना पड़ेगा। भारत के आईटी पेशेवरों और इंजीनियर्स की नौकरी पर बड़ी संख्या पर खतरा मंडरा रहा है।