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US: भारतीय मूल की गजाला हाशमी चुनी गईं वर्जीनिया की लेफ्टिनेंट गवर्नर, इस पद पर पहुंचने वाली पहली मुस्लिम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: नितिन गौतम
Updated Wed, 05 Nov 2025 10:37 AM IST
सार
हाशमी चार साल की थीं जब वह अपनी मां और बड़े भाई के साथ भारत से अमेरिका आईं और जॉर्जिया में अपने पिता के साथ रहने लगीं, जहां उनके पिता इंटरनेशनल रिलेशन्स में PhD कर रहे थे और बतौर शिक्षक अपना करियर शुरू कर रहे थे।
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गजाला हाशमी
- फोटो : फेसबुक/हाशमी
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विस्तार
अमेरिका के वर्जीनिया प्रांत में भारतीय मूल की गजाला हाशमी लेफ्टिनेंट गवर्नर चुनी गई हैं। राज्य के इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाली गजाला हाशमी पहले मुस्लिम और दक्षिण एशियाई मूल की महिला हैं। 61 वर्षीय डेमोक्रेट नेता गजाला हाशमी ने लेफ्टिनेंट गवर्नर पद के चुनाव में रिपबल्किन पार्टी के नेता जॉन रीड को हराया। वर्जीनिया में मंगलवार को मतदान हुआ था।
लोकतंत्र समर्थक और बंदूक हिंसा की विरोधी
अमेरिका की राजनीति में भारतीय मूल के लोगों की बढ़ती हिस्सेदारी का ही नतीजा है कि साल 2025 में हो रहे चुनाव में अमेरिका में अहम पदों पर 30 से ज्यादा भारतीय अमेरिकी और दक्षिण एशियाई उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। गजाला हाशमी एक शिक्षक रही हैं और समावेशी मूल्यों और सामाजिक न्याय की पैरोकार हैं। गजाला हाशमी ने सार्वजनिक शिक्षा, वोटिंग अधिकार और लोकतंत्र की सुरक्षा, बंदूक हिंसा की रोकथाम, पर्यावरण, आवास और किफायती स्वास्थ्य सेवा जैसे मुद्दों को अपनी प्राथमिकता बताया।
भारतीय सामुदायिक संगठन ने गजाला हाशमी की जीत को बताया ऐतिहासिक
सामुदायिक संगठन 'द इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड' ने वर्जीनिया के लेफ्टिनेंट गवर्नर के लिए आम चुनाव में हाशमी की ऐतिहासिक जीत पर उन्हें बधाई दी। इम्पैक्ट ने कहा कि उसने हाशमी के अभियान में 175,000 अमेरिकी डॉलर का निवेश किया था ताकि मतदाताओं को एकजुट किया जा सके और सरकार के हर स्तर पर प्रतिनिधित्व को मजबूत किया जा सके। इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड के कार्यकारी निदेशक चिंतन पटेल ने हाशमी की जीत को समुदाय और लोकतंत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया।
ये भी पढ़ें- Zohran Mamdani: पहले रैपर, फिर विधायक और अब न्यूयॉर्क के अगले मेयर; कौन हैं भारतवंशी जोहरान ममदानी? जानें
भारत से अमेरिका शिफ्ट हुआ था परिवार
हाशमी पहली बार नवंबर 2019 में वर्जीनिया सीनेट के लिए चुनी गई थीं। हाशमी चार साल की थीं जब वह अपनी मां और बड़े भाई के साथ भारत से अमेरिका आईं और जॉर्जिया में अपने पिता के साथ रहने लगीं, जहां उनके पिता इंटरनेशनल रिलेशन्स में PhD कर रहे थे और बतौर शिक्षक अपना करियर शुरू कर रहे थे। गजाला हाशमी हाई स्कूल क्लास में टॉपर रहीं और उन्हें कई फुल स्कॉलरशिप और फेलोशिप मिलीं। हाशमी ने जॉर्जिया सदर्न यूनिवर्सिटी से ऑनर्स के साथ BA और अटलांटा में एमोरी यूनिवर्सिटी से अमेरिकन लिटरेचर में PhD की डिग्री हासिल की। हाशमी और उनके पति अजहर साल 1991 में शादी के बाद वर्जीनिया के रिचमंड में बस गए। गजाला हाशमी ने करीब 30 साल तक पहले यूनिवर्सिटी ऑफ रिचमंड में और फिर रेनॉल्ड्स कम्युनिटी कॉलेज में बतौर प्रोफेसर पढ़ाया।
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लोकतंत्र समर्थक और बंदूक हिंसा की विरोधी
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भारतीय सामुदायिक संगठन ने गजाला हाशमी की जीत को बताया ऐतिहासिक
सामुदायिक संगठन 'द इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड' ने वर्जीनिया के लेफ्टिनेंट गवर्नर के लिए आम चुनाव में हाशमी की ऐतिहासिक जीत पर उन्हें बधाई दी। इम्पैक्ट ने कहा कि उसने हाशमी के अभियान में 175,000 अमेरिकी डॉलर का निवेश किया था ताकि मतदाताओं को एकजुट किया जा सके और सरकार के हर स्तर पर प्रतिनिधित्व को मजबूत किया जा सके। इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड के कार्यकारी निदेशक चिंतन पटेल ने हाशमी की जीत को समुदाय और लोकतंत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया।
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भारत से अमेरिका शिफ्ट हुआ था परिवार
हाशमी पहली बार नवंबर 2019 में वर्जीनिया सीनेट के लिए चुनी गई थीं। हाशमी चार साल की थीं जब वह अपनी मां और बड़े भाई के साथ भारत से अमेरिका आईं और जॉर्जिया में अपने पिता के साथ रहने लगीं, जहां उनके पिता इंटरनेशनल रिलेशन्स में PhD कर रहे थे और बतौर शिक्षक अपना करियर शुरू कर रहे थे। गजाला हाशमी हाई स्कूल क्लास में टॉपर रहीं और उन्हें कई फुल स्कॉलरशिप और फेलोशिप मिलीं। हाशमी ने जॉर्जिया सदर्न यूनिवर्सिटी से ऑनर्स के साथ BA और अटलांटा में एमोरी यूनिवर्सिटी से अमेरिकन लिटरेचर में PhD की डिग्री हासिल की। हाशमी और उनके पति अजहर साल 1991 में शादी के बाद वर्जीनिया के रिचमंड में बस गए। गजाला हाशमी ने करीब 30 साल तक पहले यूनिवर्सिटी ऑफ रिचमंड में और फिर रेनॉल्ड्स कम्युनिटी कॉलेज में बतौर प्रोफेसर पढ़ाया।
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