बांग्लादेश में सियासी उलटफेर: अवामी लीग पर प्रतिबंध से अमेरिकी सांसद परेशान, युनूस सरकार को क्यों लिखी चिट्ठी?
फरवरी 2026 में होने वाले बांग्लादेश चुनाव से पहले हिंसा और अवामी लीग पर पूर्ण प्रतिबंध ने अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका के कई सांसदों ने अंतरिम सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि किसी एक पार्टी पर रोक लगाकर निष्पक्ष और समावेशी चुनाव संभव नहीं हैं। हालांकि यूनुस सरकार ने साफ किया है कि अवामी लीग चुनाव नहीं लड़ सकेगी।
विस्तार
बांग्लादेश एक बार फिर हिंसा की आग में चल रहा है। ये तब हो रहा है जब फरवरी 2026 में बांग्लादेश में आम चुनाव होने है। ऐसे में अब इस चुनाव को लेकर चिंता अमेरिका तक फैल गई है। इस चिंता का बड़ा कारण पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना है। इस बात ऐसे समझा जा सकता है कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर अमेरिका के कई सांसदों ने चिंता जताई है। यह प्रतिबंध ऐसे समय लगाया गया है, जब देश में फरवरी 2026 में आम चुनाव होने हैं।
अवामी लीग को 12 मई को मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आधिकारिक रूप से भंग कर दिया था। इसके बाद अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने यूनुस को पत्र लिखकर कहा है कि बांग्लादेश की जनता को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के जरिए अपनी सरकार चुनने का अधिकार मिलना चाहिए और इसके लिए समावेशी चुनाव कराए जाने जरूरी हैं।
अंतरिम सरकार ने क्या जवाब दिया?
यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने बुधवार को कहा कि उन्हें अभी इस पत्र की जानकारी नहीं है, लेकिन अवामी लीग को लेकर सरकार का रुख पहले जैसा ही है। उन्होंने साफ कहा कि अवामी लीग की गतिविधियों पर रोक है और चुनाव आयोग ने उसकी राजनीतिक पार्टी के रूप में मान्यता रद्द कर दी है। इसलिए वह चुनाव नहीं लड़ सकती।
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कौन-कौन से अमेरिकी सांसदों ने जताई आपत्ति और क्यों?
बता दें कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को लिखे पत्र पर अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति के वरिष्ठ सदस्य ग्रेगरी मीक्स, दक्षिण और मध्य एशिया उपसमिति के प्रमुख बिल हुइजेंगा, सांसद जुली जॉनसन, टॉम सूओजी समेत कई नेताओं के हस्ताक्षर हैं। सांसदों का कहना है कि अगर किसी एक राजनीतिक पार्टी की गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगाई जाती है, तो निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईटीसी) को फिर से पुराने तरीके से चलाना हालात को और बिगाड़ सकता है।
पहले के चुनावों पर भी सवाल
इतना ही नहीं अमेरिकी सांसदों ने कहा कि अमेरिका और कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने पहले ही यह माना है कि 2018 और 2024 के बांग्लादेशी चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि पिछले साल जुलाई-अगस्त के विरोध प्रदर्शनों में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में करीब 1,400 लोगों की मौत हुई थी।
मानवाधिकार और लोकतंत्र पर चिंता
सांसदों ने आगे इस बात पर भी जोर दिया कि राजनीतिक दलों पर सामूहिक प्रतिबंध लगाने की बजाय, दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। संगठन बनाने की आजादी और व्यक्तिगत जिम्मेदारी मानवाधिकारों का मूल हिस्सा हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यूनुस सरकार या भविष्य की कोई निर्वाचित सरकार इस फैसले पर फिर से विचार करेगी।
बांग्लादेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति
गौरतलब है कि बांग्लादेश में एंटी-टेररिज्म कानून 2025 में बदलाव कर अवामी लीग और उससे जुड़े संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया है। पांच अगस्त 2024 को छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना की सरकार गिर गई थी। इसके बाद अंतरिम सरकार ने अवामी लीग को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया। हाल ही में बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में, अनुपस्थिति में, मौत की सजा सुनाई है।
अवामी लीग के राजनीतिक मैदान से बाहर होने के बाद खालिदा जिया की बीएनपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जबकि जमात-ए-इस्लामी उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानी जा रही है। अवामी लीग के कई नेता या तो जेल में हैं, फरार हैं या देश से बाहर चले गए हैं। इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि बांग्लादेश में चुनाव से पहले राजनीतिक तनाव और अंतरराष्ट्रीय दबाव दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं।
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बांग्लादेश में अब-तक क्यों जारी है हिंसा?
बीते कुछ दिनों से बांग्लादेश में हिंसा बदस्तूर जारी है। ढाका से लेकर चटगांव तक भीड़ के प्रदर्शन और उससे जुड़ी हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं। 12 दिसंबर को इंकलाब मंच के छात्र नेता उस्मान हादी को गोली मार दी गई थी। इसके बाद 18 दिसंबर को हादी का सिंगापुर में निधन हो गया और तब से लेकर अब तक बांग्लादेश में लगातार माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। इसके ठीक बाद चटगांव में एक हिंदू शख्स की लिंचिंग की घटना ने पूरी दुनिया को चौंका दिया।
अब बांग्लादेश के नए राजनीतिक दल नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) के एक नेता पर भी हमला हुआ है। सोमवार को एनसीपी के मोहम्मद मुतालिब सिकदर को खुलना में गोली मार दी गई। इस हमले में सिकदर के सिर पर चोट आई है। बताया गया है कि उसे गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।