US Sanctions on China: चीन पर अमेरिकी प्रतिबंधों से नुकसान अमेरिकी, जापानी और कोरियाई कंपनियों को भी
US Sanctions on China: जापान में सेमीकंडक्टर क्षेत्र के एक जानकार ने निक्कईएशिया से कहा- ‘इन प्रतिबंधों का चिप इंडस्ट्री पर बहुत गहरा असर होगा।’ दक्षिण कोरियाई कंपनियों सैमसंग और एसके हायनिक्स को इन प्रतिबंधों से काफी नुकसान होने का अनुमान है। उन्हें फिलहाल यह राहत जरूर मिली है कि अमेरिका ने उन्हें एक साल तक चीन से कारोबार की छूट दी है...
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उन्नत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में चीन से कारोबार पर अमेरिका के लगाए प्रतिबंधों का खराब असर अब खुद अमेरिकी कंपनियां महसूस करने लगी हैं। इनमें से कई कंपनियों की फैक्टरियां चीन में हैं और चीन उनके उत्पादों का बड़ा बाजार है। कैलिफोर्निया स्थित कंपनी एप्लाइड मैटेरियल्स ने अब अपनी अगस्त-अक्तूबर तिमाही की कमाई का अनुमान घटा दिया है। इसकी वजह उसकी सहयोगी कंपनियों- लैम रिसर्च और केएलए का चीन की चिप निर्माता कंपनियों को सप्लाई रोकने का फैसला है।
एप्लाइड मैटेरियल्स ने अगस्त- अक्टूबर तिमाही में पहले अपनी कमाई 6.65 बिलियन डॉलर रहने का अनुमान लगाया था। अब उसने इसे घटा कर 6.4 बिलियन डॉलर कर दिया है। कंपनी अधिकारियों के मुताबिक चीन से कारोबार लगे सख्त प्रतिबंधों के कारण वहां उसकी बिक्री 55 करोड़ डॉलर से घट कर 25 करोड़ डॉलर पर आ जाएगी।
इसके पहले अमेरिकी मीडिया में यह खबर आई थी कि लैम रिसर्च, केएलए और कई अन्य कंपनियों ने चीन की प्रमुख चिप निर्माता कंपनी- यांगत्जी मेमरी टेक्नोलॉजीज को हर तरह के उपकरणों की सप्लाई रोकने का फैसला किया है। साथ ही उन्होंने चीनी कंपनी में तैनात अपने कर्मचारियों को वापस बुलाना भी शुरू कर दिया है। यांगत्जी मेमरी चीन में फ्लैश मेमरी की प्रमुख निर्माता कंपनी है। इस चिप का इस्तेमाल स्मार्टफोन और दूसरे उपकरणों में होता है। वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम की एक खबर के मुताबिक ये चीनी हाल में तेजी से आगे बढ़ी है। उसे चीन सरकार की तरफ से मिली वित्तीय सहायता भी इसकी एक खास वजह है। समझा जाता है कि इसी कारण अमेरिका ने इस कंपनी को खास निशाना बनाया है।
अमेरिका चीन पर सेमीकंडक्टर संबंधी प्रतिबंधों को हाल में लगातार अधिक सख्त बनाता गया है। इस महीने घोषित प्रतिबंधों को अब तक की सबसे सख्त पाबंदी माना गया है। इसके तहत ‘उन्नत’ शब्द की परिभाषा व्यापक कर दी गई है और चीन के साथ तमाम तरह की उन्नत तकनीक के कारोबार पर रोक लगा दी गई है। पहले 10 नैनोमीटर से कम सर्किट चौड़ाई वाले चिप उन्नत की श्रेणी में आते थे। अब 14 से 16 नैनोमीटर वाले चिप भी इस दायरे में आ गए हैं।
जापान में सेमीकंडक्टर क्षेत्र के एक जानकार ने निक्कईएशिया से कहा- ‘इन प्रतिबंधों का चिप इंडस्ट्री पर बहुत गहरा असर होगा।’ दक्षिण कोरियाई कंपनियों सैमसंग और एसके हायनिक्स को इन प्रतिबंधों से काफी नुकसान होने का अनुमान है। उन्हें फिलहाल यह राहत जरूर मिली है कि अमेरिका ने उन्हें एक साल तक चीन से कारोबार की छूट दी है, ताकि इस अवधि में वे वहां से अपना कारोबार समेट सकें। इन कंपनियों के अधिकारियों ने कहा है कि इस अवधि में वे अपने संयंत्र चीन से हटा लेंगी, लेकिन चीन का बाजार छूटने से उन्हें जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई आसान नहीं है।
निक्कईएशिया के मुताबिक जापानी कंपनियां भी इन प्रतिबंधों से चिंतित हैं। उनके अधिकारियों ने कहा है कि प्रतिबंध के उल्लंघन में भारी जोखिम है, जबकि इस समय हाथ से चीन का कारोबार निकलना बहुत हानिकारक है, जब दुनिया पर आर्थिक मंदी का साया मंडरा रहा है।