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बयान: भारत चीन एक दूसरे के प्रतिद्वंदी नहीं बल्कि सहयोगी, चीनी विदेश मंत्री बोले- नहीं हैं एक-दूसरे के लिए खतरा
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Tue, 29 Mar 2022 08:39 PM IST
सार
चीनी विदेश मंत्री यांग यी ने अपनी भारत यात्रा के बाद बयान दिया है। मंत्री यांग यी ने कहा कि भारत यात्रा के दौरान उन्होंने अनुभव किया कि भारत और चीन दोनों एक दूसरे के लिए खतरा नहीं है।
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चीनी विदेश मंत्री
- फोटो : FILE PHOTO
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विस्तार
चीनी विदेश मंत्री यांग यी ने अपनी भारत यात्रा के बाद बयान दिया है। मंत्री यांग यी ने कहा कि भारत यात्रा के दौरान उन्होंने अनुभव किया कि भारत और चीन दोनों एक दूसरे के लिए खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान हमने अनुभव किया कि दोनों देश शांति बनाए रखने की अपनी पूर्व सहमति पर सहमत हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश अपने मतभेदों को आपसी सहमति के आधार पर सुलझाएंगे।
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25 मार्च को अपनी अघोषित दिल्ली यात्रा के दौरान उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ लगभग तीन घंटे तक बातचीत की थी। इस दौरान उनके बीच लद्दाख गतिरोध और सीमा-विवाद जैसे कई मुद्दों पर वार्ता हुई थी।
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उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान मैने अनुभव किया कि दोनों देश सतत शांति के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश विकास की संभावनाओं पर एक दूसरे के साथ हैं। उन्होंने कहा कि वर्षों से चल रहे सीमा विवाद और अन्य मुद्दों पर सामान्य बातचीत के द्वारा सुलझाया या प्रबंधित करें। उन्होंने आगे कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों और सतत विकास को बढ़ावा दें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत और चीन प्रतिद्वंदी नहीं बल्कि सहयोगी हैं, दोनों देशों को एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।
वांग यी ने कहा है कि चीन और भारत एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं, दोनों एक-दूसरे को अवसर प्रदान करते हैं। सीमा पर मतभेदों को लेकर उन्होंने कहा है कि भारत और चीन को सीमा मुद्दे पर मतभेदों को द्विपक्षीय संबंधों में उचित स्थिति में रखना चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को सही दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए।
गौरतलब है कि भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने वांग यी से भारत-चीन के आपसी संबंधों, क्षेत्रीय, द्विपक्षीय, अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों को ध्यान में रखकर एक दूसरे के साझा हितों पर चर्चा की थी। एनएसए ने अपने समकक्ष से चीन के सैनिकों को अप्रैल 2020 की स्थिति में ले जाने की चिंता दोहराई थी। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने भी भारत और चीन के बीच में सीमा विवाद, लद्दाख क्षेत्र में चीनी सैनिकों की मौजूदगी समेत तमाम मुद्दों पर चिंताओं को साझा किया था।