Bangladesh: शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, यूनुस सरकार ने लगाए ये गंभीर आरोप
Sajib Wazed Joy Arrest Warrant: बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्राइब्यूनल ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय के खिलाफ जुलाई विद्रोह से जुड़े मानवता विरोधी अपराधों के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इससे पहले हसीना और उनके गृह मंत्री को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है।
विस्तार
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जारी कानूनी कार्रवाइयों ने नया मोड़ ले लिया है। ढाका के एक विशेष अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्राइब्यूनल ने गुरुवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के विदेश में रह रहे बेटे सजीब वाजेद जॉय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। यह कार्रवाई ऐसे समय हुई है जब हसीना को पिछले महीने जुलाई विद्रोह से जुड़े मानवता विरोधी अपराधों में मौत की सजा सुनाई जा चुकी है।
ट्राइब्यूनल ने बताया कि जॉय पर भी जुलाई विद्रोह के दौरान मानवता विरोधी अपराधों में शामिल होने के आरोप हैं। इसी मामले में तत्कालीन आईसीटी राज्य मंत्री जुनैद अहमद पलक के खिलाफ भी वारंट जारी हुआ है, जो पहले से जेल में हैं। जॉय हसीना सरकार में आईसीटी मामलों के सलाहकार थे। हालांकि वो अमेरिका में रहते हैं और ट्राइब्यूनल के समन का अब तक जवाब नहीं दे रहे हैं। अभियोजकों का कहना है कि उनके खिलाफ आरोप स्पष्ट हैं और ट्रायल में अनुपस्थित रहने के कारण अब गिरफ्तारी वारंट आवश्यक हो गया।
जुलाई विद्रोह और सत्ता परिवर्तन
जुलाई 2025 में छात्रों के नेतृत्व वाले हिंसक जनआंदोलन ने शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंका। यह आंदोलन बाद में जुलाई विद्रोह के नाम से जाना गया। आंदोलन के दौरान भारी हिंसा हुई और अंतरिम सरकार ने जनवरी में 834 जुलाई योद्धाओं की मौतों की सूची जारी की। वहीं संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट में 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच 1,400 मौतों का अनुमान दिया था, जिसमें पुलिस और अवामी लीग कार्यकर्ताओं के खिलाफ बदले की हिंसा भी शामिल थी।
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मौत की सजा और अन्य बड़े फैसले
इसी विद्रोह से जुड़े मानवता विरोधी अपराधों में ट्राइब्यूनल ने पहले ही शेख हसीना और उनके तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जामान खान कमाल को मौत की सजा सुनाई है। उनका ट्रायल अनुपस्थिति में हुआ क्योंकि दोनों देश छोड़ चुके थे। अदालत ने माना कि आंदोलन को कुचलने के लिए सरकारी कार्रवाई बेहद क्रूर और योजनाबद्ध थी, जिसमें बड़े पैमाने पर हत्याएं और दमन शामिल था।
अन्य नेताओं पर भी कार्रवाई तेज
ट्राइब्यूनल ने गुरुवार को एक और मामले में पूर्व विधि मंत्री अनिसुल हक और पूर्व निवेश सलाहकार सलमान एफ. रहमान के खिलाफ भी औपचारिक आरोप स्वीकार कर लिए। यह मामला कर्फ्यू लागू होने के बाद कथित सामूहिक हत्याओं से जुड़ा है। दोनों नेता पहले से जेल में हैं और अदालत ने उन्हें 10 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। इसी मामले में पूर्व आईसीटी राज्य मंत्री पलक को भी अदालत में पेश होना होगा।
राजनीतिक भविष्य पर बड़ा सवाल
इन कार्रवाइयों के बाद बांग्लादेश की राजनीति में तनाव और गहराता दिख रहा है। हसीना और उनके सहयोगियों पर लगातार बढ़ती कानूनी कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि जुलाई विद्रोह के बाद नई व्यवस्था पुरानी सत्ता के खिलाफ व्यापक जवाबदेही की प्रक्रिया चला रही है। जॉय के खिलाफ जारी वारंट से यह संकेत मिलता है कि जांच का दायरा अब देश के बाहर बैठे नेताओं तक भी पहुंच चुका है, जिससे आने वाले दिनों में राजनीतिक उथल-पुथल और गहरी हो सकती है।
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