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Year 2024: इन 10 आपदाओं ने दुनिया में मचाया कहर, US से लेकर भारत तक सहमे लोग; जानें कहा हुई सबसे ज्यादा तबाही
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला
Published by: शुभम कुमार
Updated Tue, 31 Dec 2024 06:34 AM IST
सार
साल 2024 में विनाशकारी प्रकृतिक आपदाओं से भरा रहा। दुनियाभर में कई जगहों पर समय-समय पर आए आपदाओं से सैकड़ों लोगों की जान चली गई। वहीं इन आपदाओं के चलते पूरी दुनिया को करीब 228 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान का सामना करना पड़ा।
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वायनाड भूस्खलन (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : PTI
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विस्तार
आज साल का आखिरी दिन, कल से हम नए साल में प्रवेश लेंगे। उर्जा भी एकदम नई होनी चाहिए। हां लेकिन जहां हम नए साल में प्रवेश कर रहे है इस साल के कुछ विनाशकारी प्रकृतिक अपदाओं पर एक नजर डालता तो बनता है। इस वर्ष की कई ऐसे विनाशकारी आपदाओं ने दुनियभर की नीव हिलाकर रख दी। इस वर्ष 10 सबसे भयावह जलवायु आपदाओं के कारण दुनिया भर में दो हजार से अधिक लोगों की जान चली गई। इन आपदाओं के चलते करीब 228 बिलियन डॉलर (करीब 24.6 लाख करोड़ रुपये) से अधिक का नुकसान हुआ।
यह जानकारी काउंटिंग दि कॉस्ट 2024
ए इयर ऑफ क्लाइमेट ब्रेकडाउन रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया का कोई भी हिस्सा विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं से अछूता नहीं रहा, लेकिन उत्तरी अमेरिका में चार और यूरोप में हुई तीन घटनाएं आर्थिक रूप से काफी तबाही मचाने वाली थीं। बाकी तीन चीन, ब्राजील और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में दर्ज की गई हैं। क्रिश्चियन एड की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय नुकसान का अनुमान मुख्य रूप से बीमा पर आधारित नुकसान से संबंधित हैं। यानी वास्तविक धन हानि और भी अधिक हुई है।
वायनाड भूस्खलन पर एक नजर
इसीलिए रिपोर्ट में केरल के वायनाड में भूस्खलन को सबसे महंगी आपदाओं की सूची में शामिल नहीं किया गया है। साल 2024 में सबसे बड़ी धन हानि अक्तूबर में अमेरिका में आए तूफान मिल्टन के कारण हुआ। इसमें 25 लोगों की जान चली गई और 60 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। इसे सूची में सबसे ऊपर रखा गया है। इसके बाद सितंबर में अमेरिका, क्यूबा और मैक्सिको में आए तूफान हेलन ने 55 बिलियन डॉलर का नुकसान किया और 232 लोगों की जान ले ली।
यागी ने फिलीपीन, वियतनाम में मचाई तबाही
दक्षिण-पश्चिम एशिया में आए तूफान यागी ने 800 से अधिक लोगों की जान ले ली। यागी ने दो सितंबर को फिलीपीन में दस्तक दी। उसके बाद लाओस, म्यांमार, वियतनाम और थाईलैंड में तबाही मचाई। इसकी वजह से भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण सैकड़ों, हजारों घरों और खेती की जमीन का भारी विनाश हुआ। चीन में बाढ़ से 15.6 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ और 315 लोगों की मौत हुई।
यूरोप में तीन विनाशकारी आपदाएं
यूरोपीय देशों में आर्थिक रूप से तबाही मचाने वाली तीन आपदाएं आईं। इनमें मध्य यूरोप में तूफान बोरिस तथा स्पेन और जर्मनी में भीषण बाढ़ जैसी घटनाएं हुईं। इनके कारण 13.87 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ और 258 लोग मौत के मुंह में समा गए। इनमें से 226 लोग तो वालेंसिया की बाढ़ में मारे गए। ब्राजील के रियो ग्रांडे डो सुल राज्य में बाढ़ से 183 लोगों की जान चली गई और पांच बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
गरीब देशों पर सबसे ज्यादा मार
रिपोर्ट के अनुसार गरीब देशों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी। इन देशों में ज्यादातर लोगों के पास बीमा नहीं है, इसलिए नुकसान के सही आंकड़े भी उपलब्ध नहीं हो पाए। हालांकि अनुमान के अनुसार, इन देशों में जलवायु परिवर्तन जनित आपदाओं ने अरबों डॉलर का आर्थिक नुकसान पहुंचाया। आम तौर पर यहां व्यापक सार्वजनिक सेवाओं को आंधी, तूफान और अतिवृष्टि के कारण आई बाढ़ ने तहस-नहस कर दिया। तूफान के अलावा भी अनेक ऐसी आपदाएं हैं, जिन्होंने दुनिया को झकझोर दिया।
चेतावनी...नहीं संभले तो अकल्पनीय तबाही होगी
क्रिश्चियन एड के सीईओ पैट्रिक वॉट का कहना है कि यदि दुनिया ने जीवाश्म ईंधन से दूरी बनाने की प्रक्रिया में तेजी नहीं लाई, तो विनाशकारी जलवायु आपदाएं अकल्पनीय तबाही मचाएंगी। जो विनाश दुनिया देख रही है, वह चेतावनी की तरह हैं। नए वर्ष में सरकारों को चाहिए कि पर्यावरणीय समाधानों में तेजी लाएं।
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ए इयर ऑफ क्लाइमेट ब्रेकडाउन रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया का कोई भी हिस्सा विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं से अछूता नहीं रहा, लेकिन उत्तरी अमेरिका में चार और यूरोप में हुई तीन घटनाएं आर्थिक रूप से काफी तबाही मचाने वाली थीं। बाकी तीन चीन, ब्राजील और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में दर्ज की गई हैं। क्रिश्चियन एड की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय नुकसान का अनुमान मुख्य रूप से बीमा पर आधारित नुकसान से संबंधित हैं। यानी वास्तविक धन हानि और भी अधिक हुई है।
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वायनाड भूस्खलन पर एक नजर
इसीलिए रिपोर्ट में केरल के वायनाड में भूस्खलन को सबसे महंगी आपदाओं की सूची में शामिल नहीं किया गया है। साल 2024 में सबसे बड़ी धन हानि अक्तूबर में अमेरिका में आए तूफान मिल्टन के कारण हुआ। इसमें 25 लोगों की जान चली गई और 60 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। इसे सूची में सबसे ऊपर रखा गया है। इसके बाद सितंबर में अमेरिका, क्यूबा और मैक्सिको में आए तूफान हेलन ने 55 बिलियन डॉलर का नुकसान किया और 232 लोगों की जान ले ली।
यागी ने फिलीपीन, वियतनाम में मचाई तबाही
दक्षिण-पश्चिम एशिया में आए तूफान यागी ने 800 से अधिक लोगों की जान ले ली। यागी ने दो सितंबर को फिलीपीन में दस्तक दी। उसके बाद लाओस, म्यांमार, वियतनाम और थाईलैंड में तबाही मचाई। इसकी वजह से भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण सैकड़ों, हजारों घरों और खेती की जमीन का भारी विनाश हुआ। चीन में बाढ़ से 15.6 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ और 315 लोगों की मौत हुई।
यूरोप में तीन विनाशकारी आपदाएं
यूरोपीय देशों में आर्थिक रूप से तबाही मचाने वाली तीन आपदाएं आईं। इनमें मध्य यूरोप में तूफान बोरिस तथा स्पेन और जर्मनी में भीषण बाढ़ जैसी घटनाएं हुईं। इनके कारण 13.87 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ और 258 लोग मौत के मुंह में समा गए। इनमें से 226 लोग तो वालेंसिया की बाढ़ में मारे गए। ब्राजील के रियो ग्रांडे डो सुल राज्य में बाढ़ से 183 लोगों की जान चली गई और पांच बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
गरीब देशों पर सबसे ज्यादा मार
रिपोर्ट के अनुसार गरीब देशों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी। इन देशों में ज्यादातर लोगों के पास बीमा नहीं है, इसलिए नुकसान के सही आंकड़े भी उपलब्ध नहीं हो पाए। हालांकि अनुमान के अनुसार, इन देशों में जलवायु परिवर्तन जनित आपदाओं ने अरबों डॉलर का आर्थिक नुकसान पहुंचाया। आम तौर पर यहां व्यापक सार्वजनिक सेवाओं को आंधी, तूफान और अतिवृष्टि के कारण आई बाढ़ ने तहस-नहस कर दिया। तूफान के अलावा भी अनेक ऐसी आपदाएं हैं, जिन्होंने दुनिया को झकझोर दिया।
चेतावनी...नहीं संभले तो अकल्पनीय तबाही होगी
क्रिश्चियन एड के सीईओ पैट्रिक वॉट का कहना है कि यदि दुनिया ने जीवाश्म ईंधन से दूरी बनाने की प्रक्रिया में तेजी नहीं लाई, तो विनाशकारी जलवायु आपदाएं अकल्पनीय तबाही मचाएंगी। जो विनाश दुनिया देख रही है, वह चेतावनी की तरह हैं। नए वर्ष में सरकारों को चाहिए कि पर्यावरणीय समाधानों में तेजी लाएं।