Wagner: पुतिन की मुट्ठी में वैगनर ग्रुप! प्रिगोझिन की मौत के बाद लीबिया में समूह के लड़ाकों से मिले रूसी अफसर
वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन की मौत से ठीक एक दिन पहले रूस के अधिकारी अफ्रीका के लीबिया के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने एलान किया था कि वैगनर के जवान एक नए कमांडर को रिपोर्ट करेंगे।
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वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन की मौत के बाद सवाल उठने लगे हैं कि आखिर अब वैगनर समूह का क्या होगा। यह रूस का हिस्सा रहेगा या नहीं? रूसी राष्ट्रपति पुतिन इस समूह को अपनी मुट्ठी में करेंगे? अफ्रीका में इन लड़ाकों का क्या होगा? ऐसे में, एक बड़ी जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि प्रिगोझिन की मौत से ठीक एक दिन पहले रूस के अधिकारी अफ्रीका के लीबिया के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने कहा था कि वैगनर के जवान एक नए कमांडर को रिपोर्ट करेंगे।
बुधवार को हुई थी मौत
गौरतलब है, बुधवार शाम को रूस की राजधानी मॉस्को के उत्तर में एक निजी विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। इस विमान में वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन भी सवार थे। प्रिगोझिन की मौत को लेकर लोगों में अलग-अलग संदेह है। किसी का मानना है कि रूस झूठ बोल रहा है, तो किसी का कहना है कि वैगनर प्रमुख की मौत की साजिश रची गई थी। अब ऐसे में बैठक की बात सामने आने से और भी सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि, बैठक एक दिन पहले होना मात्र संयोग बताया जा रहा है।
मॉस्को के नियंत्रण में वैगनर
बैठक की जानकारी रखने वाले लीबिया के एक अधिकारी के अनुसार, बेंगाजी में हुई बैठक में रूस के उप रक्षा मंत्री यूनुस-बेक येवकुरोव ने मंगलवार को पूर्वी लीबिया के कमांडर खलीफा हफ्तार से कहा कि वैगनर के लड़ाके एक नए कमांडर को रिपोर्ट करेंगे। साथ ही आश्वस्त किया कि वैगनर लड़ाके देश में रहेंगे, लेकिन मॉस्को के नियंत्रण में रहेंगे। हालांकि, बैठक इस समय होना मात्र संयोग माना जा रहा है। फिर भी, रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट के लीबिया शोधकर्ता जलेल हरचौई ने कहा कि येवकुरोव की यात्रा से पता चलता है कि लीबिया में रूस के पदचिह्न कम होने की बजाय और गहरे हो सकते हैं।
पुतिन के खिलाफ की थी बगावत
वैगनर ग्रुप क्रेमलिन-सहयोगी भाड़े का बल है और इसका प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन है। येवगेनी प्रिगोझिन ने जून में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत कर दी थी और अपने सैनिकों के साथ मॉस्को की तरफ चढ़ाई कर दी थी, हालांकि बेलारूस के मध्यस्था करने के बाद वह पीछे हट गए थे। इससे पहले येवगेनी प्रिगोझिन का निजी सैन्य बल वैगनर यूक्रेन के खिलाफ रूस की नियमित सेना के साथ लड़ चुका है।
अधर में लटका समूह का भाग्य
जून में हुए विद्रोह के बाद एक सैन्य बैठक होना यह संकेत था कि मॉस्को का इरादा वैगनर समूह को छोड़ने का नहीं है। अब जब प्रिगोझिन को मरा हुआ मान लिया गया है, तो वैगनर और उसके द्वारा पूरे यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका में रूस के लिए बनाए गए सैन्य अभियान का भाग्य अधर में लटक गया है। हालांकि, वैगनर ने खुद को स्थापित करने के लिए यूक्रेन में कई बड़ी लड़ाइयां लड़ी हैं। उसने सीरिया, लीबिया, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और माली में गृह युद्ध लड़े और विद्रोह भी किया। इस दौरान उसने सोने की खदानों और तेल क्षेत्रों पर भी कब्जा किया।
वहीं, पुतिन ने पहले ही सीरिया में वैगनर ऑपरेशन शुरू कर दिया था। विद्रोह के बाद, वैगनर के कुछ लड़ाकों को बेलारूस के एक सेना शिविर में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उनमें से कितने वहां हैं।
अफ्रीका सबसे ज्यादा चिंता में!
अफ्रीका की बात करें तो वैगनर समूह नए प्रबंधन के तहत यहां काम कर सकता है, नहीं तो वह किसी अन्य रूसी भाड़े के समूह में शामिल हो सकता है। हालांकि, रूस के लिए वैगनर समूह एक अमूल्य औजार है। क्योंकि यह ऐसी जगहों पर भी काम करता है, जहां मॉस्को की कोई औपचारिक या कानूनी उपस्थिति नहीं होती है।
प्रिगोझिन पर किताब लिख रहे अमेरिकी शोधकर्ता जॉन लेचनर ने कहा कि वैगनर पर चिंता बनी हुई है। यह एक व्यापार है। इसे लेकर कई अनुबंध हैं। इसलिए इसे बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्वसनीयता के नजरिए से वैगनर यह दिखाने की कोशिश करेंगे कि चीजें सामान्य रूप से चल रही हैं और वे अभी भी भागीदार हैं।
'प्रिगोझिन को कैसे बदला जाए'
वैगनर समूह के विद्रोह के बाद ऐसी खबरें आई थीं कि क्रेमलिन वैगनर परिचालन को संभालने के लिए वैकल्पिक कंपनियां बना रहा है, हालांकि अभी तक कोई भी ऐसा करने में सक्षम नहीं दिखा है। उन देशों में जहां वैगनर मॉस्को के साथ एक आधिकारिक समझौते के माध्यम से काम करता है, वहां फिलहाल ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है।
हरचौई ने कहा कि रूस की लीबिया में कोई आधिकारिक सैन्य भूमिका नहीं है और वह संयुक्त राष्ट्र के हथियार प्रतिबंध को तोड़े बिना सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकता है, इसलिए वहां उसकी भागीदारी अभी भी वैगनर या इसी तरह के संगठन के माध्यम से होगी।
हफ्तार के प्रवक्ता ने रूसी अधिकारी के साथ बैठक के बारे में सवालों का जवाब नहीं दिया, लेकिन पहले कहा गया था कि रूसी हथियारों के प्रशिक्षण पर समन्वय सहित सैन्य सहयोग पर चर्चा होगी। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि वार्ता में आतंकवाद से लड़ने में सहयोग पर विचार किया जाएगा।
प्रिगोझिन का जन्म 1961 में हुआ था
प्रिगोझिन का जन्म 1 जून 1961 में लेलिनग्राद में हुआ था। इस शहर को अब सेंट पीटर्सबर्ग के नाम से जाना जाता है। प्रिगोझिन के बचपन में ही उसके पिता की मौत हो गई थी और इसका पालन-पोषण इसकी मां ने किया। मां के बारे में बार बता करते हुए प्रिगोझिन बताया था कि उसकी मां एक अस्पताल में काम करती थीं। प्रिगोझिन ने प्राथमिक शिक्षा के बाद खेल अकादमी ज्वाइन कर ली थी, वह खेल में काफी अच्छा था लेकिन स्कूल खत्म होने के बाद येवगेनी प्रिगोझिन छोटे-मोटे अपराधियों की भीड़ में शामिल हो गया था।