{"_id":"67667d68593b75c2f806f8e3","slug":"electric-vehicle-sales-records-36-39-lakh-units-in-5-years-captures-3-38-percent-of-market-2024-12-21","type":"story","status":"publish","title_hn":"Electric Vehicles: देश में तेजी से बढ़ी इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री, पांच साल में बिके 36.39 लाख वाहन","category":{"title":"Auto News","title_hn":"ऑटो न्यूज़","slug":"auto-news"}}
Electric Vehicles: देश में तेजी से बढ़ी इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री, पांच साल में बिके 36.39 लाख वाहन
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Sat, 21 Dec 2024 04:31 PM IST
विज्ञापन
सार
देश में पांच साल में कुल 10,75,31,040 वाहन बिके जिनमें ई-वाहनों की बिक्री 36.39 लाख यूनिट्स दर्ज की गई. वहीं, ई-वाहनों की सबसे ज्यादा बिक्री यूपी में हुई.

देश में तेजी से बढ़ी इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री
- फोटो : Freepik

Trending Videos
विस्तार
पिछले कुछ साल के आंकड़ों को देखें तो भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री तेजी से बढ़ी है। देश में पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों के अलावा, बैटरी, सीएनजी और अन्य वैकल्पिक वाहनों को भी खूब पसंद किया जा रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहित करने के लिए चलाई जा रही फेम स्कीम, पीएलआई और पीएम ई-ड्राइव जैसी विभिन्न योजनाओं का भी सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है। परिवहन मंत्रालय के वाहन डेटा के अनुसार, देश में पिछले 5 साल में 36.39 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराया गया है।
1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2024 तक भारत में कुल 10,75,31,040 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इनमें 36,39,617 वाहन इलेक्ट्रिक हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले पांच साल में इलेक्ट्रिक वाहनों का मार्केट शेयर 3.38% रहा।
इलेक्ट्रिक वाहनों की दौड़ में यूपी सबसे आगे
पांच साल में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों क उत्तर प्रदेश में दर्ज किया गया। वहीं, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और राजस्थान जैसे राज्य टाॅप-5 राज्यों में शामिल रहे। इलेक्ट्रिक वाहनों का सबसे कम रजिस्ट्रेशन सिक्किम में दर्ज किया गया जहां एक भी इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर नहीं हुआ। वहीं, लक्षद्वीप में 0.69%, नागालैंड में 0.02% और अरुणाचल प्रदेश में 0.03% ही ई-वाहन रजिस्टर हुए। लद्दाख में यह आंकडा केवल 0.45% का रहा।
सरकार की इन योजनाओं से बढ़ी ई-वाहनों की बिक्री
1. फेम स्कीम : केंद्र सरकार की फेम (फाॅस्टर अडाॅप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) स्कीम देश का देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ाने में अहम योगदान है। इस योजना को 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2023 तक 5 सालों के लिए लागू किया गया था, जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों पर बैटरी कैपिसीटी के अनुसार सब्सिडी प्रदान की जा रही थी। सरकार ने इस योजना के लिए 11,500 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया था।
2. पीएलआई स्कीम : इस स्कीम को खासतौर पर वाहन और ऑटो कंपोनेंट्स बनाने वाली कंपनियों के लिए लाया गया है। प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत सरकार इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को टैक्स में छूट और कई तरह के लाभ देती है। इस स्कीम के तहत सरकार ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए 25,938 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
3. पीएम ई-ड्राइव : केंद्र सरकार ने फेम स्कीम के समाप्त होने के बाद पीएम ई-ड्राइव (PM E-Drive) स्कीम को लाॅन्च किया था। यह स्कीम देश में इस साल 29 सितंबर से लागू है। इस स्कीम के तहत देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहीया और चार-पहिया वाहनों समेत इलेक्ट्रिक बस, ट्रक और एंबुलेंस जैसे वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसका लक्ष्य देश में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन और वाहन टेस्टिंग एजेंसियों को भी अपग्रेड करना है। केंद्र सरकार ने पीएम ई-ड्राइव के लिए 10,900 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
विज्ञापन
Trending Videos
1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2024 तक भारत में कुल 10,75,31,040 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इनमें 36,39,617 वाहन इलेक्ट्रिक हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले पांच साल में इलेक्ट्रिक वाहनों का मार्केट शेयर 3.38% रहा।
विज्ञापन
विज्ञापन
इलेक्ट्रिक वाहनों की दौड़ में यूपी सबसे आगे
पांच साल में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों क उत्तर प्रदेश में दर्ज किया गया। वहीं, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और राजस्थान जैसे राज्य टाॅप-5 राज्यों में शामिल रहे। इलेक्ट्रिक वाहनों का सबसे कम रजिस्ट्रेशन सिक्किम में दर्ज किया गया जहां एक भी इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर नहीं हुआ। वहीं, लक्षद्वीप में 0.69%, नागालैंड में 0.02% और अरुणाचल प्रदेश में 0.03% ही ई-वाहन रजिस्टर हुए। लद्दाख में यह आंकडा केवल 0.45% का रहा।
सरकार की इन योजनाओं से बढ़ी ई-वाहनों की बिक्री
1. फेम स्कीम : केंद्र सरकार की फेम (फाॅस्टर अडाॅप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) स्कीम देश का देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ाने में अहम योगदान है। इस योजना को 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2023 तक 5 सालों के लिए लागू किया गया था, जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों पर बैटरी कैपिसीटी के अनुसार सब्सिडी प्रदान की जा रही थी। सरकार ने इस योजना के लिए 11,500 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया था।
2. पीएलआई स्कीम : इस स्कीम को खासतौर पर वाहन और ऑटो कंपोनेंट्स बनाने वाली कंपनियों के लिए लाया गया है। प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत सरकार इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को टैक्स में छूट और कई तरह के लाभ देती है। इस स्कीम के तहत सरकार ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए 25,938 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
3. पीएम ई-ड्राइव : केंद्र सरकार ने फेम स्कीम के समाप्त होने के बाद पीएम ई-ड्राइव (PM E-Drive) स्कीम को लाॅन्च किया था। यह स्कीम देश में इस साल 29 सितंबर से लागू है। इस स्कीम के तहत देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहीया और चार-पहिया वाहनों समेत इलेक्ट्रिक बस, ट्रक और एंबुलेंस जैसे वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसका लक्ष्य देश में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन और वाहन टेस्टिंग एजेंसियों को भी अपग्रेड करना है। केंद्र सरकार ने पीएम ई-ड्राइव के लिए 10,900 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।