Automotive Layoffs: बस-ट्रक बनाने वाली जर्मन कंपनी 2300 लोगों को नौकरी से निकालेगी, जानिए क्या है इसका कारण
German auto crisis 2025: फॉक्सवैगन की सहायक कंपनी ने 2030 तक 2300 नौकरियां समाप्त करने की घोषणा की। इसपर कर्मचारियों ने नाराजगी वक्त करते हुए इसे करारा झटका बताया।
विस्तार
जर्मनी की मशहूर ट्रक निर्माता कंपनी और फॉक्सवैगन की सहायक इकाई MAN ट्रक एंड बस ने बृहस्पतिवार को बड़ा एलान किया। उन्होंने कहा कि कंपनी 2030 तक जर्मनी में 2,300 नौकरियों में कटौती करेगी। यह कदम उत्पादन लागत कम करने और प्रतिस्पर्धा की बढ़ती चुनौती के बीच लिया गया है।
कंपनी अब अपनी कई मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों को कम लागत वाले पोलैंड में स्थानांतरित करने की योजना पर काम कर रही है। MAN का कहना है कि जर्मनी में उच्च बिजली शुल्क, महंगी श्रम लागत और एशियाई ट्रक कंपनियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा उद्योग पर भारी दबाव बना रही है।
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कंपनी के अधिकारिक बयान में कहा गया कि जर्मनी में ट्रक बाजार लगातार कमजोर है। मौजूदा लागत संरचना के साथ प्रतिस्पर्धा बने रहना बेहद मुश्किल हो रहा है। हालांकि नौकरी कटौती की घोषणा बड़ी है, लेकिन कंपनी ने यह स्पष्ट किया कि इसमें किसी भी कर्मचारी को जबरन नहीं हटाया जाएगा। वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, प्रोत्साहन पैकेज और नौकरी छोड़ने के विकल्प दिए जाएंगे। इससे कंपनी में कर्मचारियों की संख्या में लगभग 20 प्रतिशत की कमी होगी।
कर्मचारियों के लिए यह करारा झटका
कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले को उनके साथ अन्याय बताया। MAN वर्क्स काउंसिल की प्रमुख करीना श्नूर ने कहा यह फैसला कर्मचारियों के लिए एक करारा झटका है। कंपनी ने विकल्पों पर ईमानदारी से चर्चा तक नहीं की। आईजी मेटल यूनियन ने भी नाराजगी जताई और कहा कि कर्मचारियों ने उत्पादन बनाए रखने के लिए कई समझौते सुझाए थे। जिसमें हर सप्ताह दो घंटे अतिरिक्त काम बिना वेतन वृद्धि का प्रस्ताव भी शामिल था, लेकिन कंपनी ने इस पर विचार नहीं किए।
12 महीनों में 50 हजार नौकरियां खत्म
जर्मनी और पूरे यूरोप में भारी वाहनों की मांग पिछले एक साल में काफी कम हुई है। बढ़ती लागत और चीनी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा ने स्थिति और खराब कर दी है।अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले 12 महीनों में जर्मनी के ऑटो सेक्टर में 50 हजार नौकरियां खत्म हो चुकी है। यानी की 6 प्रतिशत की गिरावट।
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यह पहला मामला नहीं
प्रतिद्वंद्वी कंपनी डेमलर ट्रक भी पहले ही 2030 तक 5 हजार नौकरियां खत्म करेगी, जिससे सलाना खर्च में एक अरब यूरो की बचत हो सके।विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला यूरोप के पारंपरिक ऑटो उद्योग में बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकता है। ईवी कंपनियां विशेषकर चीन की बीवाईडी और एशियाई निर्माता, कम लागत व तेज उत्पादन मॉडल के कारण यूरोपीय बाजार में लगातार दबदबा बढ़ा है।