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Bharat NCAP 2.0: अब सेफ्टी रेटिंग में 5-स्टार लाना बच्चों का खेल नहीं, NCAP 2.0 का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Sat, 22 Nov 2025 06:24 PM IST
सार

सरकार ने कारों की सुरक्षा के नियमों में बड़े बदलाव का प्रस्ताव दिया है। भारत NCAP 2.0 ड्राफ्ट नोटिफिकेशन शुक्रवार को जारी हुआ। अब रेटिंग 5 नए क्षेत्रों पर आधारित होगी। नए मानक अक्तूबर 2027 से लागू होंगे। पुराने नियम 20 सितंबर 2027 को खत्म हो जाएंगे।

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Government proposes Bharat NCAP 2.0 widens safety rating to five assessment pillars
भारत NCAP 2.0 (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : Global NCAP
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विस्तार
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सरकार ने कारों की सुरक्षा जांच के नियमों में बड़े बदलाव का प्रस्ताव दिया है। इसे भारत NCAP 2.0 कहा जाएगा। ड्राफ्ट नोटिफिकेशन शुक्रवार को जारी हुआ। 
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अब रेटिंग कैसे मिलेगी?

पहले कारों की रेटिंग सिर्फ एडल्ट सेफ्टी, चाइल्ड सेफ्टी, कुछ सेफ्टी फीचर्स पर आधारित होती थी लेकिन अब रेटिंग 5 नए क्षेत्रों पर आधारित होगी। अब टेस्ट का क्रैश प्रोटेक्शन (टक्कर के दौरान सुरक्षा) पर 55%, पैदल और दोपहिया चालकों की सुरक्षा (VRU) पर 20%, सेफ ड्राइविंग तकनीक पर 10%, दुर्घटना रोकने वाली तकनीक (एक्सीडेंट अवॉइडेंस) पर 10% और दुर्घटना के बाद की सुरक्षा पर 5% का महत्व रखेगी। मतलब अब सिर्फ क्रैश में अच्छा प्रदर्शन करने से 5-स्टार नहीं मिलेंगे।

कब लागू होंगे नए नियम?

नए मानक अक्तूबर 2027 से लागू होंगे। पुराने नियम 20 सितंबर 2027 को खत्म हो जाएंगे।

अब कितने क्रैश टेस्ट होंगे?

अभी तक 3 टेस्ट होते थे जिसे अब 5 अनिवार्य क्रैश टेस्ट के रूप में रखा जाएगा।
64 km/h फ्रंट ऑफसेट क्रैश
50 km/h सीधा फ्रंट क्रैश
50 km/h साइड बैरियर टेस्ट
32 km/h पोल साइड इम्पैक्ट
50 km/h रियर इम्पैक्ट

अपडेटेड सुरक्षा टेस्ट में एडल्ट और बच्चों की चोट का आकलन और बेहतर डमी से किया जाएगा। पैदल यात्रियों और दोपहिया चालकों पर खास ध्यान रखा जाएगा। सेफ्टी रेटिंग का 20% स्कोर सिर्फ चालकों की सुरक्षा पर होगा। पैदल यात्रियों के पैरों और सिर की सुरक्षा की जांच होगी। ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग (AEB) की टेस्टिंग पैदल और बाइक सवार दोनों के लिए शामिल हो सकती है। 
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अब एक्टिव सेफ्टी फीचर्स की भी अहम भूमिका

सेफ ड्राइविंग टेक्नोलॉजी (10%) की रेटिंग में सीट बेल्ट रिमाइंडर, ब्लाइंड स्पॉट अलर्ट, ड्राइवर नींद अलर्ट, फ्रंट कोलिजन वार्निंग, लेन डेपार्चर वार्निंग और ट्रैफिक साइन रिकग्निशन शामिल हो सकते हैं। कंपनियों को भले ज्यादा फीचर्स लगाने की आजादी होगी, लेकिन अंक सिर्फ 5 तकनीकों तक ही मिलेंगे। दुर्घटना निवारण (10%) पर मुख्य फोकस होगा। इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC) अनिवार्य किया गया, ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग (AEB) वैकल्पिक है लेकिन स्कोर बढ़ाने में मदद करेगा।

पहली बार पोस्ट-क्रैश सेफ्टी शामिल

आग और इलेक्ट्रिक खतरे की जांच, रेस्क्यू कितनी आसानी से हो सकता है आदि पर 5% स्कोर मिलेगा। मल्टी-कोलिजन ब्रेकिंग, SOS कॉल सिस्टम, रेस्क्यू शीट्स, वाहनों में ESC और कर्टेन एयरबैग होना जरूरी होगा। इन सभी फीचर्स पर अतिरिक्त अंक मिल सकते हैं।

5-स्टार रेटिंग पाने के नए नियम

नए नियम के तहत 2027-2029 में 5-स्टार रेटिंग पाने के लिए 100 में से कम से कम 70 अंक और 2029-2031 में 100 में से कम से कम 80 अंक लाना अनिवार्य होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भारतीय कारों की सुरक्षा और बेहतर होगी और उपभोक्ताओं को ज्यादा सही और पूरी जानकारी मिलेगी।
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