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Auto Sector: ऑटो सेक्टर में अगले 2-3 वर्षों में मांग का बड़ा सुधार संभव, रिपोर्ट में जताई उम्मीद
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Mon, 24 Nov 2025 01:42 PM IST
सार
एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत के घरेलू ऑटो सेक्टर में आने वाले दो से तीन वर्षों में मांग में मजबूत रिकवरी देखने को मिल सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह सेक्टर एक मजबूत विकास चक्र के दौर में प्रवेश करेगा।
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Automobile Industry
- फोटो : PTI
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विस्तार
एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत के घरेलू ऑटो सेक्टर में आने वाले दो से तीन वर्षों में मांग में मजबूत रिकवरी देखने को मिल सकती है। इनक्रेड रिसर्च की रिपोर्ट बताती है कि आयकर दरों में कटौती, ब्याज दरों में संभावित कमी और आगामी वेतन आयोग संशोधन जैसे मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक प्रोत्साहन इस सुधार को गति देंगे।
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जीएसटी कटौती के बाद इंडेक्स में तेजी, लेकिन फिलहाल सुस्त प्रदर्शन
अगस्त-सितंबर 2025 में जीएसटी दरों में कटौती के बाद निफ्टी ऑटो इंडेक्स में 9 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली थी। हालांकि, इसके बाद के महीनों में इंडेक्स ने अपेक्षाकृत कमजोर रुझान दिखाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में परिस्थितियां बेहतर हो सकती हैं। क्योंकि ऑटो सेक्टर का फॉरवर्ड P/E मूल्यांकन पिछले 10 वर्षों के औसत से थोड़ा ही ऊपर है।
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अगस्त-सितंबर 2025 में जीएसटी दरों में कटौती के बाद निफ्टी ऑटो इंडेक्स में 9 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली थी। हालांकि, इसके बाद के महीनों में इंडेक्स ने अपेक्षाकृत कमजोर रुझान दिखाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में परिस्थितियां बेहतर हो सकती हैं। क्योंकि ऑटो सेक्टर का फॉरवर्ड P/E मूल्यांकन पिछले 10 वर्षों के औसत से थोड़ा ही ऊपर है।
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मैक्रो स्टिमुलस से तेजी की उम्मीद
रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर दरों में कमी, ब्याज दरों में कटौती और 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों से मिलने वाला वेतन संशोधन, ये सभी कारक आने वाले वर्षों में वाहन मांग को बढ़ावा देंगे। रिपोर्ट कहती है कि इन कारणों से 2-3 वर्षों की मजबूत मांग चक्र बनने की उम्मीद है। इसलिए ऑटो सेक्टर को लेकर "ओवरवेट" रेटिंग बरकरार रखी गई है।
यह भी पढ़ें - Road Safety: कर्नाटक हाईकोर्ट का आदेश- दोपहिया वाहनों पर बच्चों की सुरक्षा के लिए छह महीने में लागू हो नियम
रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर दरों में कमी, ब्याज दरों में कटौती और 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों से मिलने वाला वेतन संशोधन, ये सभी कारक आने वाले वर्षों में वाहन मांग को बढ़ावा देंगे। रिपोर्ट कहती है कि इन कारणों से 2-3 वर्षों की मजबूत मांग चक्र बनने की उम्मीद है। इसलिए ऑटो सेक्टर को लेकर "ओवरवेट" रेटिंग बरकरार रखी गई है।
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दूसरी तिमाही में मजबूत बिक्री और मार्जिन सपोर्ट
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में ऑटो सेक्टर ने ओरिजिनल इक्यूप्मेंट मैन्युफेक्चर्र के लिए साल-दर-साल बिक्री वृद्धि दोहरे अंक में दर्ज की।
इसके पीछे दो बड़े कारण रहे:
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वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में ऑटो सेक्टर ने ओरिजिनल इक्यूप्मेंट मैन्युफेक्चर्र के लिए साल-दर-साल बिक्री वृद्धि दोहरे अंक में दर्ज की।
इसके पीछे दो बड़े कारण रहे:
- त्योहार सीजन की जल्दी शुरुआत
- जीएसटी दरों में कटौती से ग्राहकों की बढ़ी आवाजाही
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दो-पहिया बिक्री तेज, लेकिन कार सेगमेंट पिछड़ा
उद्योग विश्लेषकों के अनुसार, अगस्त से मध्य नवंबर 2025 के बीच फेस्टिव पीरियड के दौरान दो-पहिया वाहनों की रिटेल बिक्री में मिड-टीन वृद्धि दर्ज हुई। इसके उलट, पैसेंजर कार सेगमेंट में केवल मिड-सिंगल-डिजिट बढ़त देखने को मिली।
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उद्योग विश्लेषकों के अनुसार, अगस्त से मध्य नवंबर 2025 के बीच फेस्टिव पीरियड के दौरान दो-पहिया वाहनों की रिटेल बिक्री में मिड-टीन वृद्धि दर्ज हुई। इसके उलट, पैसेंजर कार सेगमेंट में केवल मिड-सिंगल-डिजिट बढ़त देखने को मिली।
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वेतन आयोग और GST सुधारों से बढ़ेगी ग्राहकों की क्रयशक्ति
अक्तूबर 2025 में केंद्र सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के लिए टर्म ऑफ रेफरेंस को मंजूरी दी। वेतन संशोधन से करोड़ों सरकारी कर्मचारियों की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ेगी, जिससे कारों और दोपहिया जैसे उच्च-मूल्य वाले उत्पादों की खरीद में वृद्धि संभव है।
सितंबर 2025 में सरकार ने जीएसटी 2.0 सुधार लागू किए, जिसमें छोटे वाहनों, 350cc तक की दोपहिया और कई व्यावसायिक वाहनों पर टैक्स 28 प्रतिशत (सेस के साथ) से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया। यह नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से लागू हुईं।
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अक्तूबर 2025 में केंद्र सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के लिए टर्म ऑफ रेफरेंस को मंजूरी दी। वेतन संशोधन से करोड़ों सरकारी कर्मचारियों की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ेगी, जिससे कारों और दोपहिया जैसे उच्च-मूल्य वाले उत्पादों की खरीद में वृद्धि संभव है।
सितंबर 2025 में सरकार ने जीएसटी 2.0 सुधार लागू किए, जिसमें छोटे वाहनों, 350cc तक की दोपहिया और कई व्यावसायिक वाहनों पर टैक्स 28 प्रतिशत (सेस के साथ) से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया। यह नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से लागू हुईं।
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मध्यावधि में ऑटो सेक्टर को बड़ा सहारा मिलने की उम्मीद
रिपोर्ट के अनुसार, वेतन आयोग, जीएसटी सुधार और ब्याज दरों में संभावित कमी जैसे कारक मिलकर ऑटो उद्योग की मांग को स्थिर और दीर्घकालिक समर्थन दे सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह सेक्टर एक मजबूत विकास चक्र के दौर में प्रवेश करेगा।
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रिपोर्ट के अनुसार, वेतन आयोग, जीएसटी सुधार और ब्याज दरों में संभावित कमी जैसे कारक मिलकर ऑटो उद्योग की मांग को स्थिर और दीर्घकालिक समर्थन दे सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह सेक्टर एक मजबूत विकास चक्र के दौर में प्रवेश करेगा।
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