Delhi EV Policy 2.0: दिल्ली सरकार नई ईवी नीति लाने की तैयारी में, महिलाओं को मिलेगा खास लाभ; जानें क्या बदलेगा
Electric Vehicle Subsidy Delhi: दिल्ली सरकार ईवी पॉलिसी 2.0 लाने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत पेट्रोल–डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने पर 50 हजार रुपये की रेट्रोफिटिंग सब्सिडी दी जाएगी। जानें सरकार के आगामी नीति के बारे में विस्तार से....
विस्तार
दिल्ली सरकार शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों और को तेजी से अपनाने के लिए ईवी पॉलिसी 2.0 लाने की तैयारी में है। जिसका प्रमुख उद्देश्य प्रदूषण कम करना है। साथ ही ईवी खरीद को सस्ता बनाना और चार्जिंग व बैटरी जैसे क्षेत्रों में नवाचार बढ़ाना है। मौजूद के ईवी नीति को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है। या फिर नई नीति लागू होने तक बढ़ा दिया गया है।
नीति का सबसे बड़ा और नया प्रस्ताव ईवी रेट्रोफिटिंग सब्सिडी है। इसके तहत पेट्रोल या डीजल कार को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने पर 50 हजार तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, लेकिन ये सुविधा सिर्फ शुरुआती तौर पर पहली एक हजार कारों के लिए ही सीमित रहेगी। सरकार रेट्रोफिटिंग की ऊंची लागत को देखते हुए इसे किफायती बनाने पर काम कर रही है।
महिलाओं को ज्यादा लाभ
नई नीति में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (E2W) को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई है। इसमें सामान्य खरीददारों को 21 हजार रुपये तक सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, महिलाओं के खरीदने पर उन्हें 30 हजार रुपये तक सब्सिडी मिलेगी। सरकार का लक्ष्य ई-टू-व्हीलर को पांच लाख से बढ़ाकर 12 लाख तक पहुंचाना है। सब्सिडी का लाभ अधिकतम 1 लाख वाहनों तक सीमित हो सकता है।
इलेक्ट्रिक कारों के लिए सब्सिडी की वापसी
दिल्ली सरकार की प्रस्तावित ईवी पॉलिसी 2.0 के तहत निजी इलेक्ट्रिक कार खरीदारों के लिए सब्सिडी को एक बार फिर शुरू करने की तैयारी है, लेकिन इस बार सख्ती से नियमों को लागू किया जाएगा। नीति के अनुसार, केवल वही निजी इलेक्ट्रिक कारें सब्सिडी के लिए पात्र होंगी जिनकी एक्स-शोरूम कीमत 25 लाख रुपये से कम होगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रोत्साहन का फायदा मास-मार्केट सेगमेंट तक सीमित रहे और बजट या मिड-रेंज ईवी की बिक्री बढ़े।
सब्सिडी का लाभ पहली 27 हजार इलेक्ट्रिक कारों तक ही सीमित रहेगा। इसके तहत सरकार प्रति किलोवाट-घंटा 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव कर रही है, जिसमें अधिकतम सीमा एक लाख रुपये प्रति वाहन तय की गई है। यानी ज्यादा बैटरी क्षमता वाली कारों को भी तय सीमा से ज्यादा सब्सिडी नहीं मिलेगी।
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सरकार का मानना है कि इलेक्ट्रिक कारों के लिए सब्सिडी की ये वापसी दिल्ली में ईवी को आम ग्राहकों की पहुंच में लाने और पेट्रोल–डीजल कारों से दूरी बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा सकता है। इतना ही नहीं ईवी खरीद को और आसान बनाने के लिए सरकार पांच प्रतिशत तक ब्याज सबवेंशन योजना लाने की तैयारी में भी है। इसके तहत पात्र खरीददाराें के ईवी लोन पर ब्याज का एक हिस्सा सरकार वहन करेगी।
दिल्ली सरकार ईवी इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए आर एंड डी फंड को पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव कर रही है। यह फंड बैटरी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और नई ईवी तकनीकों में नवाचार के लिए इस्तेमाल होगा।
स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग और स्क्रैपिंग पर जोर
ईवी पॉलिसी 2.0 में स्थानीय ईवी कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन दिया जाएगा। पुराने दोपहिया, तिपहिया और हल्के कमर्शियल वाहनों के लिए स्क्रैपिंग इंसेंटिव व प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को धीरे-धीरे हटाने की योजना है।
दिल्ली बनेगी ईवी कैपिटल
सरकार के अनुसार, नीति पर उच्च-स्तरीय बैठक हो चुकी है और इसे 2026 की पहली तिमाही में सार्वजनिक परामर्श के बाद लागू किया जा सकता है। अंतिम नीति में कुछ बदलाव संभव हैं, लेकिन दिल्ली को ईवी कैपिटल बनाना संभव है।