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Indrajaal Ranger: भारत का पहला AI-आधारित एंटी-ड्रोन पेट्रोल वाहन लॉन्च, जानें क्या बनाता है इसे खास
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Thu, 27 Nov 2025 10:18 PM IST
सार
हैदराबाद की इंड्राजाल ड्रोन डिफेंस कंपनी ने भारत का पहला एआई-आधारित एंटी-ड्रोन पेट्रोल वाहन Indrajaal Ranger (इंद्रजाल रेंजर) आधिकारिक रूप से पेश किया है।
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Anti-Drone Patrol Vehicle Indrajaal Ranger
- फोटो : Indrajaal
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विस्तार
हैदराबाद की इंड्राजाल ड्रोन डिफेंस कंपनी ने भारत का पहला एआई-आधारित एंटी-ड्रोन पेट्रोल वाहन Indrajaal Ranger (इंद्रजाल रेंजर) आधिकारिक रूप से पेश किया है। यह एक पूरी तरह मोबाइल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-संचालित कॉम्बैट वाहन है। जो चलते-फिरते ड्रोन को पहचानने, ट्रैक करने और निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है। पारंपरिक सिस्टम जहां वाहन के स्थिर रहने पर ही काम करते हैं, वहीं Ranger को खास तौर पर मोबाइल काउंटर-ड्रोन ऑपरेशंस के लिए डिजाइन किया गया है।
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डिजाइन और क्षमताएं: 10 किमी दूर तक ड्रोन का पता लगाने की ताकत
Indrajaal Ranger को मजबूत Toyota Hilux 4×4 प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया है, जो इसे कठिन इलाकों में भी प्रभावी बनाता है। यह वाहन 10 किलोमीटर तक ड्रोन का पता लगा सकता है और 4 किलोमीटर की दूरी पर खतरे को निष्क्रिय कर सकता है। यह सिस्टम 5 किमी तक कैप्चर और कंट्रोल, 3 किमी तक सॉफ्ट किल, और 2 किमी तक हार्ड किल की क्षमता प्रदान करता है।
गाड़ी की शानदार काबिलियत का श्रेय एक इंटीग्रेटेड साइबर टेकओवर यूनिट, GNSS (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) स्पूफिंग टेक्नोलॉजी, RF (रेडियो फ्रीक्वेंसी) जैमिंग कैपेबिलिटी, और एक स्प्रिंग-लोडेड ऑटोनॉमस किल स्विच को जाता है।
यह न केवल छोटे क्वाडकॉप्टर ड्रोन बल्कि स्वार्म अटैक जैसे एडवांस्ड खतरों से भी सुरक्षा प्रदान करता है।
यह भी पढ़ें - Mahindra XEV 9S Vs Kia Carens Clavis EV: दोनों में कौन-सी 7-सीटर ईवी है बेहतर? जानें डिटेल्स
Indrajaal Ranger को मजबूत Toyota Hilux 4×4 प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया है, जो इसे कठिन इलाकों में भी प्रभावी बनाता है। यह वाहन 10 किलोमीटर तक ड्रोन का पता लगा सकता है और 4 किलोमीटर की दूरी पर खतरे को निष्क्रिय कर सकता है। यह सिस्टम 5 किमी तक कैप्चर और कंट्रोल, 3 किमी तक सॉफ्ट किल, और 2 किमी तक हार्ड किल की क्षमता प्रदान करता है।
गाड़ी की शानदार काबिलियत का श्रेय एक इंटीग्रेटेड साइबर टेकओवर यूनिट, GNSS (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) स्पूफिंग टेक्नोलॉजी, RF (रेडियो फ्रीक्वेंसी) जैमिंग कैपेबिलिटी, और एक स्प्रिंग-लोडेड ऑटोनॉमस किल स्विच को जाता है।
यह न केवल छोटे क्वाडकॉप्टर ड्रोन बल्कि स्वार्म अटैक जैसे एडवांस्ड खतरों से भी सुरक्षा प्रदान करता है।
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AI सिस्टम SkyOS: वाहन का 'दिमाग'
Ranger को पावर मिलता है SkyOS से, जो कि इंड्राजाल का AI-पावर्ड कमांड सिस्टम है, और वाहन का मुख्य नियंत्रण केंद्र है। SkyOS विभिन्न सेंसरों, कैमरों, और डिटेक्शन यूनिट्स से डेटा लेकर एकीकृत ऑपरेशन तैयार करता है, जिससे वाहन चलते हुए भी रियल-टाइम निर्णय ले सकता है।
यह सिस्टम सीमावर्ती क्षेत्रों, सैन्य काफिलों और संवेदनशील इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लगातार निगरानी और तेज प्रतिक्रिया के लिए सक्षम है।
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यह सिस्टम सीमावर्ती क्षेत्रों, सैन्य काफिलों और संवेदनशील इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लगातार निगरानी और तेज प्रतिक्रिया के लिए सक्षम है।
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क्यों जरूरी था ऐसा वाहन
हाल के वर्षों में ड्रोन का इस्तेमाल हथियारों की तस्करी, ड्रग्स ड्रॉप और अन्य अवैध गतिविधियों में तेजी से बढ़ा है, खासकर पाकिस्तान-प्रायोजित ISI नेटवर्क द्वारा। इसने भारत के सुरक्षा ढांचे को एक उन्नत, मोबाइल और सक्रिय रक्षा प्रणाली की जरूरत का एहसास कराया।
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इंड्राजाल का Ranger इन चुनौतियों का जवाब है। यह उन क्षेत्रों में कवरेज देता है जहां स्थिर या टावर-आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम सीमित साबित होते हैं। कंपनी के अनुसार, यह वाहन बॉर्डर रोड्स, नहरों, खेतों, सैन्य ठिकानों, महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर और घनी आबादी वाले शहरी इलाकों में भी प्रभावी सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
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