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Auto Sales: अक्तूबर में टू-व्हीलर बिक्री ने बनाया रिकॉर्ड, त्योहारों, ग्रामीण मांग और जीएसटी 2.0 से बाजार उछला
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Thu, 27 Nov 2025 04:51 PM IST
सार
भारत के ऑटोमोबाइल बाजार ने अक्तूबर 2025 में उल्लेखनीय वापसी की, जहां त्योहारों की मजबूत मांग, ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार और जीएसटी 2.0 के लागू होने से उपभोक्ता विश्वास में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली।
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Two-Wheelers
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
भारत के ऑटोमोबाइल बाजार ने अक्तूबर 2025 में उल्लेखनीय वापसी की, जहां त्योहारों की मजबूत मांग, ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार और जीएसटी 2.0 के लागू होने से उपभोक्ता विश्वास में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली। ICRA की नई रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने दोपहिया वाहनों और वाणिज्यिक वाहनों (कमर्शियल व्हीकल्स) (CV) (सीवी) दोनों की रिटेल बिक्री में बड़ी छलांग दर्ज की गई, जिसने उद्योग को नए उत्साह के साथ आगे बढ़ाया।
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LCV सेगमेंट में सबसे ज्यादा बढ़त
अक्तूबर में वाणिज्यिक वाहन सेगमेंट ने मजबूत प्रदर्शन दिखाया। रिटेल बिक्री में 17.7 प्रतिशत सालाना बढ़ोतरी और सितंबर की तुलना में 49.5 प्रतिशत बढ़त दर्ज की गई। हल्के वाणिज्यिक वाहनों (LCV) (एलसीवी) ने सबसे ज्यादा रफ्तार पकड़ी, जिसमें 29.8 प्रतिशत साल-दर-साल (YoY) ग्रोथ और 64.3 प्रतिशत माह-दर-माह (MoM) उछाल देखा गया।
ICRA के अनुसार, ग्रामीण भारत से बढ़ती लॉजिस्टिक जरूरतें, जीएसटी सुधार और त्योहारों से संबंधित खरीदारी ने एलसीवी बिक्री को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
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अक्तूबर में वाणिज्यिक वाहन सेगमेंट ने मजबूत प्रदर्शन दिखाया। रिटेल बिक्री में 17.7 प्रतिशत सालाना बढ़ोतरी और सितंबर की तुलना में 49.5 प्रतिशत बढ़त दर्ज की गई। हल्के वाणिज्यिक वाहनों (LCV) (एलसीवी) ने सबसे ज्यादा रफ्तार पकड़ी, जिसमें 29.8 प्रतिशत साल-दर-साल (YoY) ग्रोथ और 64.3 प्रतिशत माह-दर-माह (MoM) उछाल देखा गया।
ICRA के अनुसार, ग्रामीण भारत से बढ़ती लॉजिस्टिक जरूरतें, जीएसटी सुधार और त्योहारों से संबंधित खरीदारी ने एलसीवी बिक्री को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
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इसके विपरीत, मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों (M&HCV) की बिक्री में 1.4 प्रतिशत की सालाना गिरावट दर्ज हुई। क्योंकि कई बेड़े संचालकों ने नए BS-VII उत्सर्जन मानकों से पहले खरीदारी को टाल दिया। हालांकि, 26 प्रतिशत की माह-दर-माह वृद्धि दर्शाती है कि जीएसटी 2.0 के बाद पेंडिंग मांग बाजार में लौटने लगी है।
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थोक बाजार में भी बिक्री में उछाल
थोक बिक्री (होलसेल) ने भी इसी मजबूती को दोहराया। अक्तूबर 2025 में घरेलू सीवी थोक बिक्री में 11.4 प्रतिशत साल-दर-साल और 7.8 प्रतिशत माह-दर-माह बढ़ोतरी दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2026 की पहली सात महीनों में सीवी थोक बिक्री 4.5 प्रतिशत बढ़ी। जिसका श्रेय भारी माल परिवहन में बढ़ोतरी और अवसंरचना विकास के तेज कदमों को जाता है।
अगले वित्त वर्ष के लिए ICRA का अनुमान है कि सीवी उद्योग 3-5 प्रतिशत की स्थिर वृद्धि दर्ज करेगा। जिसे अवसंरचना परियोजनाओं, स्थिर अर्थव्यवस्था और बढ़ती माल ढुलाई की मांग से समर्थन मिलेगा।
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थोक बिक्री (होलसेल) ने भी इसी मजबूती को दोहराया। अक्तूबर 2025 में घरेलू सीवी थोक बिक्री में 11.4 प्रतिशत साल-दर-साल और 7.8 प्रतिशत माह-दर-माह बढ़ोतरी दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2026 की पहली सात महीनों में सीवी थोक बिक्री 4.5 प्रतिशत बढ़ी। जिसका श्रेय भारी माल परिवहन में बढ़ोतरी और अवसंरचना विकास के तेज कदमों को जाता है।
अगले वित्त वर्ष के लिए ICRA का अनुमान है कि सीवी उद्योग 3-5 प्रतिशत की स्थिर वृद्धि दर्ज करेगा। जिसे अवसंरचना परियोजनाओं, स्थिर अर्थव्यवस्था और बढ़ती माल ढुलाई की मांग से समर्थन मिलेगा।
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टू-व्हीलर सेगमेंट में रिकॉर्ड तोड़ बिक्री
अक्तूबर 2025 दोपहिया वाहनों के लिए ऐतिहासिक महीना साबित हुआ। रिटेल बिक्री में 51.8 प्रतिशत साल-दर-साल उछाल आया। जो किसी भी एक महीने में दर्ज की गई अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है।
इलेक्ट्रिक दोपहिया (E2W) की बिक्री भी बढ़त पर रही-
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अक्तूबर 2025 दोपहिया वाहनों के लिए ऐतिहासिक महीना साबित हुआ। रिटेल बिक्री में 51.8 प्रतिशत साल-दर-साल उछाल आया। जो किसी भी एक महीने में दर्ज की गई अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है।
इलेक्ट्रिक दोपहिया (E2W) की बिक्री भी बढ़त पर रही-
- इस महीने 1,44,365 यूनिट्स बिकीं, जो सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की वृद्धि है।
- इलेक्ट्रिक दोपहिया की बाजार हिस्सेदारी 6-7 प्रतिशत के बीच स्थिर बनी रही।
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ऑटो उद्योग के लिए सकारात्मक संकेत
त्योहारों और जीएसटी 2.0 के प्रभाव ने अक्तूबर को भारतीय ऑटो उद्योग के लिए बेहद सशक्त महीना बना दिया है। मजबूत ग्रामीण मांग, उपभोक्ता विश्वास में सुधार और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की तेजी ने बाजार को गति दी है।
टू-व्हीलर और वाणिज्यिक वाहन सेगमेंट दोनों की मजबूती इस बात का संकेत है कि आने वाले महीनों में उद्योग में स्थिरता और विकास की संभावनाएं बनी रहेंगी।
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त्योहारों और जीएसटी 2.0 के प्रभाव ने अक्तूबर को भारतीय ऑटो उद्योग के लिए बेहद सशक्त महीना बना दिया है। मजबूत ग्रामीण मांग, उपभोक्ता विश्वास में सुधार और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की तेजी ने बाजार को गति दी है।
टू-व्हीलर और वाणिज्यिक वाहन सेगमेंट दोनों की मजबूती इस बात का संकेत है कि आने वाले महीनों में उद्योग में स्थिरता और विकास की संभावनाएं बनी रहेंगी।
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