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Road Safety: देश में 74% ट्रैफिक टू-व्हीलर्स का, फिर भी सुरक्षा में अनदेखी, विशेषज्ञों ने की अलग लेन की मांग

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Mon, 07 Jul 2025 04:26 PM IST
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सार

सड़क सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञों ने सोमवार को दोपहिया वाहनों के लिए अलग लेन और कानूनों के सख्त पालन की सिफारिश की। उनका कहना है कि अभी तक देश में दोपहिया वाहनों के लिए कोई अलग लेन नहीं बनाई गई है और ना ही ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन होता है।

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Representative Image - फोटो : Freepik

विस्तार
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सड़क सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञों ने सोमवार को दोपहिया वाहनों के लिए अलग लेन और कानूनों के सख्त पालन की सिफारिश की। उनका मानना है कि ऐसा करने से सड़क हादसों को काफी हद तक रोका जा सकता है। साथ ही टू-व्हीलर चालकों की सुरक्षा बेहतर हो सकेगी। 
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IRTE अध्यक्ष का सुझाव
इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (IRTE) के अध्यक्ष रोहित बालूजा ने एक रोड सेफ्टी सेमिनार में कहा कि दोपहिया वाहन चालकों के लिए डेडिकेटेड ड्राइविंग लेन बनाना बेहद जरूरी है। उनका कहना है कि अभी तक देश में दोपहिया वाहनों के लिए कोई अलग लेन नहीं बनाई गई है और ना ही ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन होता है। अगर यह दोनों पहलू लागू किए जाएं, तो सड़क हादसों में कमी लाई जा सकती है। क्योंकि टू-व्हीलर और पैदल चलने वाले लोग सबसे ज्यादा जोखिम में रहते हैं।

भारतीय सिस्टम की जरूरत
बालूजा ने यह भी कहा कि भारत को दूसरों की नकल करने के बजाय अपने हिसाब से वाहन सुरक्षा प्रणाली तैयार करनी चाहिए। ताकि यहां के खास हालातों के मुताबिक बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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SIAM की चेतावनी
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चर्स (SIAM) के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रशांत के. बनर्जी ने बताया कि भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में मौतें होती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यात्री वाहनों में तो अत्याधुनिक सुरक्षा फीचर्स मौजूद हैं और वे बेहतरीन सुरक्षा मानकों का पालन करते हैं। लेकिन इसके बावजूद देश में एक मजबूत निगरानी प्रणाली, बराबरी का कानून और लोगों में जागरूकता की भारी कमी है।

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IRF की सिफारिशें
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (IRF) के अध्यक्ष (एमेरिटस) के.के. कपिला ने कहा कि टू-व्हीलर्स में ABS ब्रेक जैसे तकनीकी सेफ्टी सिस्टम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि टू-व्हीलर्स के लिए एयरबैग्स अनिवार्य किए जाने चाहिए। और ऐसे हेलमेट आने चाहिए जो तब तक वाहन स्टार्ट न होने दें जब तक वो पहने न जाएं।

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देश में टू-व्हीलर्स की बड़ी संख्या, फिर भी नजरअंदाज
एक अहम तथ्य यह भी सामने आया कि देश में 74 प्रतिशत ट्रैफिक सिर्फ टू-व्हीलर्स का है। इसके बावजूद जब सड़कों का विकास होता है या ट्रैफिक इंजीनियरिंग के नियम बनाए जाते हैं। तो दोपहिया वाहनों के लिए कोई अलग इंतजाम नहीं किया जाता। उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे हादसों की संभावना बढ़ जाती है।

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