सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Bihar ›   Bhagalpur News ›   Pawan Yadav: BJP MLA's troubles increased in fraud allegations case Patna HC overturned lower court's decision

Pawan Yadav: धोखाधड़ी के आरोप मामले में BJP विधायक की मुश्किलें बढ़ीं, पटना HC ने पलटा निचली अदालत का फैसला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भागलपुर Published by: हिमांशु प्रियदर्शी Updated Fri, 05 Sep 2025 08:19 PM IST
विज्ञापन
सार

Bihar News: पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप कुमार ने आदेश पारित कर कहा कि निचली अदालत ने मामले के सभी पहलुओं पर विचार किए बिना ही फैसला सुना दिया था। इसके चलते हाईकोर्ट ने उस फैसले को रद्द कर दिया। पढ़ें पूरी खबर...।

Pawan Yadav: BJP MLA's troubles increased in fraud allegations case Patna HC overturned lower court's decision
भाजपा विधायक पवन यादव की मुश्किलें बढ़ीं - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

भागलपुर के कहलगांव विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक पवन कुमार यादव पर 2 करोड़ से अधिक की वित्तीय धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला 2017 से लंबित था, लेकिन पटना हाईकोर्ट के ताजा आदेश ने इसे नए मोड़ पर ला दिया है। हाईकोर्ट ने मुंगेर की निचली अदालत द्वारा दिए गए बरी करने के फैसले को पलट दिया है और विधायक समेत सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है। यह घटनाक्रम विधायक यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

loader
Trending Videos

 
हाईकोर्ट ने पलटा निचली अदालत का आदेश
जानकारी के मुताबिक, 4 अगस्त 2025 को पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप कुमार ने आदेश पारित कर कहा कि निचली अदालत ने मामले के सभी पहलुओं पर विचार किए बिना ही फैसला सुना दिया था। इसके चलते हाईकोर्ट ने उस फैसले को रद्द कर दिया और विधायक यादव व उनके सहयोगियों को नोटिस भेजने का निर्देश दिया। साथ ही निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक भी लगा दी गई है।
विज्ञापन
विज्ञापन

 
कैसे शुरू हुआ विवाद
यह मामला 2013-14 से जुड़ा है। उस समय जयमाला सागर की कंपनी ‘लाडुंगपा त्रिमूर्ति (JV)’ को रेलवे का एक बड़ा ठेका मिला था, लेकिन बाद में ठेका रद्द कर दिया गया। इसी बीच उनके बेटे आनंद सागर का निधन हुआ, जिससे वे मानसिक रूप से कमजोर हो गईं। इसी दौरान कुंदन कुमार नामक व्यक्ति उनके करीब आया और उनकी दूसरी कंपनी आनंद इंजीकॉन प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक बन गया।
 
आरोप है कि कुंदन कुमार ने जयमाला को बाबा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड से जोड़ा, जिसके निदेशकों में कहलगांव के भाजपा विधायक पवन कुमार यादव, जितेंद्र कुमार, सुचित प्रसाद सिंह, राजीव कुमार और रामलखन शामिल थे। मौखिक समझौते में तय हुआ कि रेलवे का काम जयमाला की कंपनी करेगी और भुगतान भी उसी को मिलेगा।
 
2.20 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप
जयमाला सागर ने आरोप लगाया कि इस समझौते के बाद उनकी निजी संपत्ति गिरवी रखकर एसबीआई से 54 लाख रुपये का ऋण लिया गया, जिसे सीधे बाबा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के खाते में जमा किया गया। इसके बाद उनके खाते से करीब 91 लाख रुपये निकाले गए और कुल मिलाकर 2.20 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की हेराफेरी की गई।

यह भी पढ़ें- Bihar Election: बिहार को लेकर केरल कांग्रेस की टिप्पणी पर बवाल, भाजपा ने पूछा- 'बिहारियों की तुलना बीड़ी से?'
 
उन्होंने दावा किया कि विधायक पवन कुमार यादव की मौजूदगी में ही मौखिक करार हुआ था और बाद में धोखाधड़ी का खुलासा होने पर विधायक ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर उन्हें धमकाया। यहां तक कि रेलवे अधिकारियों के सामने भी पैसे लौटाने की बात मानी गई, लेकिन अब तक कोई भुगतान नहीं हुआ।
 
निचली अदालत के फैसले में हाईकोर्ट का दखल
2017 में जयमाला सागर ने इस मामले में मुंगेर कोतवाली थाना में प्राथमिकी (संख्या 403/17) दर्ज कराई थी। इसमें आईपीसी की धाराएं 420, 406, 465, 467, 468 और 120B लगाई गई थीं। मुंगेर पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट दाखिल की और निचली अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। लेकिन जयमाला सागर ने इस फैसले को चुनौती देते हुए पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
 
हाईकोर्ट ने 4 अगस्त 2025 को अपने आदेश में कहा कि निचली अदालत ने मामले की गहराई से जांच नहीं की थी। इसलिए उस फैसले को रद्द करते हुए विधायक समेत सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया गया और मामले की आगे जांच का रास्ता साफ हुआ।

यह भी पढ़ें- Exclusive: तेज प्रताप बोले- सत्ता की चाबी हम; विधानसभा चुनाव कहां से लड़ेंगे? यह भी बताया; पढ़ें खास बातचीत
 
इस फैसले के बाद कहलगांव विधायक पवन कुमार यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मामला केवल वित्तीय धोखाधड़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें आपराधिक षड्यंत्र और धमकी देने के आरोप भी शामिल हैं। हाईकोर्ट का यह निर्णय अब आगे की सुनवाई में तय करेगा कि विधायक और अन्य आरोपी कानूनी रूप से दोषी सिद्ध होते हैं या नहीं।
 
भागलपुर और आसपास के राजनीतिक हलकों में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। विपक्ष ने इसे भाजपा सरकार की छवि से जोड़ते हुए हमला बोलना शुरू कर दिया है। वहीं, क्षेत्रीय जनता भी इस पर निगाहें गड़ाए हुए है कि आगे अदालत क्या रुख अपनाती है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed