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Khelo India Games: मां एसपी...और बेटा तीरंदाजी में स्वर्ण पर निशाना साधने को तैयार, जानें किससे हुए प्रेरित
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, भागलपुर
Published by: अरविंद कुमार
Updated Tue, 06 May 2025 06:42 PM IST
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सार
Archer Smran Sarvesh: खेलो इंडिया गेम्स 2025 में मिलने वाले स्कॉलरशिप ने एसपी के बेटे को तीरंदाजी में आने के लिए प्रेरित किया। तीरंदाजी अंडर-18 प्रतियोगिता भागलपुर में आयोजित की जा रही है।

तीरंदाज स्मरण सरवेश
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
बिहार में जारी खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में तीरंदाजी अंडर-18 प्रतियोगिता भागलपुर में आयोजित किए जा रहे हैं। सैंडिस कंपाउंड में जारी इन खेलों में तमिलनाडु के युवा तीरंदाज स्मरण सरवेश भी अपनी चुनौती पेश कर रहे हैं। वह तमिलनाडु के इकलौते खिलाड़ी हैं जोकि खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में इस कटेगरी में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
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सरवेश खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में तीरंदाजी में पुरुषों के रिकर्व व्यक्तिगत स्पर्धा फाइनल के प्रवेश कर लिया है और अब गुरुवार को वह अपने खिताबी मुकाबले में स्वर्ण पर निशाना साधने उतरेंगे। सरवेश की मां तमिलनाडु में सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस यानी के एसपी की पद पर कार्यरत हैं और अब उनका बेटा तीरंदाजी में स्वर्ण पर निशाना साधने के लिए तैयार हैं. फाइनल में गुरुवार को सरवेश का सामना महाराष्ट्र के उज्जवल भरत ओलेकर से होना है।
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सरवेश ने कहा, '' मुझे उम्मीद है कि पिछले दो टूर्नामेंटों में मैंने जो गलती की थी वो यहां नहीं दोहराउंगा। पहले राउंड में मेरा प्रदर्शन उतना बेहतर नहीं था, लेकिन आज मैं एक अलग माइंडसेट के साथ उतरा था। मैंने पूरे मन से आज अपना खेल खेला। मुझे उम्मीद है कि फाइनल में मैं इस बार गोल्ड जीतकर ही लौटूंगा।''
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16 साल के सरवेश अब तक तीन चैंपियनशिप में भाग ले चुके हैं। पहली बार उन्होंने सितंबर 2024 में ताइपे में आयोजित यूथ इंटरनेशनल चैंपियनशिप में भाग लिया था, जहां वो चौथे स्थान पर रहे थे। इसके बाद उन्होंने इस साल फरवरी में थाइलैंड के बैंकॉक में आयोजित एशिया कप भी अपनी चुनीती पेश की थी। साथ वह फरवरी में देहरादून में अपने कटेगरी में टॉप-8 में थे।
उन्होंने कहा, ''जब मैं पांच साल का था तभी से मेरी मां चाहती थी कि मैं शूटिंग में खेलूं। लेकिन इसे शुरू करने के लिए आपको कम से कम आठ साल उम्र होना चाहिए। मेरी मां को लगता था कि शूटिंग शुरू करने के लिए कुछ प्रैक्टिस हो जाए। दोनों एक जैसा ही खेल है इसलिए मैं प्रैक्टिस करने के लिए तीरंदाजी करना शुरू कर दिया।''
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खेलो इंडिया स्कीम के तहत खिलाड़ियों को हर महीने 10,000 रुपये मिलते हैं और सरवेश भी उस स्कीम में शामिल हैं। सरवेश ने हाल में 10वीं कक्षा का एग्जाम दिया है। उन्हें अपने राज्य तमिलनाडु से तो स्कॉलरशिप मिल ही रहा है, साथ ही रिलायंस फाउंडेशन से भी स्कॉलरशिप मिलना शुरू हो गया है।
तमिलनाडु के इस युवा खिलाड़ी ने स्कॉलरशिप से मिलने वाली फायदे के बारे में बात करते हुए कहा, '' मैं भी खेलो इंडिया के स्कीम का हिस्सा हूं। एक युवा खिलाड़ी को इससे काफी मदद मिलती है। स्कीम के अलावा भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) और खेल महासंघ से हमें फुल सपोर्ट मिल रहा है। जब स्कॉलरशिप मिलने लगा तो मेरा मन इस खेल में लगने लगा। इस उम्र में जब आप करियर बनाना शुरू करते हैं तो स्कॉलरशिप काफी मदद करती है।''
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यह पूछे जाने पर कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के बाद आपका अगला लक्ष्य क्या है? तो उन्होंने कहा, '' मेरा अगला टारगेट इस साल कनाडा में अगस्त में होने वाले यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतना है। इस चैंपियनशिप के लिए 22 तारीख को पुणे में ट्रॉयल्स होनी है। मेरा अगला लक्ष्य इस टूर्नामेंट में चैपियन बनना है। लेकिन फिलहाल अभी मेरा सारा ध्यान खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 पर है और मैं इसमें पदक जीतकर अगले इवेंट में जाना चाहता हूं।''