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Bihar Politics : जातीय जनगणना का गणित होगा बहाना या विधानसभा भंग करेंगे नीतीश; बिहार में यह होने वाला है?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Published by: कृष्ण बल्लभ नारायण Updated Thu, 25 Jan 2024 08:59 PM IST
सार

Bihar Political News : दिल्ली में बिहार भाजपा के नेता बैठक कर भी कुछ नहीं बोलेंगे, यह लगभग पक्का है। सीएम नीतीश कुमार विधानसभा भंग की ओर जाएं या 2020 के जनादेश में जातिगत जनगणना के गणित को लेकर कुर्सी बदलने की बात करें तो क्या होगा? 

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Bihar News : Bihar Political News after Karpuri Thakur Rohini Acharya issue, bjp and nitish kumar next step
जो भाजपा भी चाह रही और नीतीश भी जिस रास्ते बढ़ सकते हैं, उसमें यह चेहरे होंगे सक्रिय। - फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के बाद से बिहार की राजनीति में जो लक्षण दिख रहे हैं, उसका कुछ-न-कुछ परिणाम तो आएगा। भारतीय जनता पार्टी या हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा ने अपने विधायकों को पटना बुलाया, लेकिन दिनभर ऐसा कुछ हुआ नहीं। कल, शुक्रवार को गणतंत्र दिवस है। मतलब, इस दिन कुछ होने की संभावना कम है। दोपहर बाद गतिविधि दिखे, यह संभव है। लेकिन, कमरों में खिचड़ी पक रही है। इस समय भी। दिल्ली में बिहार भाजपा के नेताओं के साथ केंद्रीय नेतृत्व बैठक कर कुछ बोलेगा, इसकी संभावना कम है। जो संभावनाएं बन रहीं, उनमें 'जातिगत जनगणना' और 'स्पष्ट जनादेश'- इन दो शब्दों पर आगे खेल हो सकता है।

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जातिगत जनगणना का हिसाब क्या होगा
सबकुछ संभावनाओं पर है। उससे भी ज्यादा चर्चा पर। चर्चा आधारित संभावना एक यह बन रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी जनता दल यूनाईटेड को पूरा का पूरा बचाते हुए कहें कि 2023 में जातिगत जनगणना हुई तो जिसकी 'जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी' के लिए वह राज्यहित में मजबूर हुए। ऐसे में वह यह भी कह सकते हैं कि 2020 का जनादेश भाजपा के साथ था, इसलिए वह अपनी गलती मानते हुए वापस आ गए हैं। इस वापसी के साथ वह यह भी कह सकते हैं कि जब जनादेश मिला था, तभी वह भाजपा को अपना सीएम बनाने के लिए कह रहे थे। ऐसा कुछ हुआ तो सबसे ज्यादा 14.26 प्रतिशत आबादी वाली यादव जाति के भाजपा नेता के लिए वह जदयू की ओर से समर्थन दे सकते हैं। इसके लिए सुशील कुमार मोदी का नीतीश कुमार के आसपास रहना जरूरी है और यह भाजपा भी समझ चुकी है। और अंत में, ऐसा हुआ तो नित्यानंद राय का नाम सामने आना भी एक तरह से पक्का है।
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स्पष्ट जनादेश का क्या मतलब है, समझें
जदयू में तोड़फोड़ के प्रयास का आरोप पहले भाजपा पर लग रहा था, फिर यह आरोप राजद पर लगा। अब वह समय आ गया है, जब पता चले कि आखिर तोड़फोड़ कौन करना चाह रहा था। अगले 48 घंटे में सामने आ जाएगा, अगर तोड़फोड़ का प्रयास किसी पार्टी ने किया हो तो। ऐसे में क्या हो सकता है? इस सवाल के जवाब में भाजपा और जदयू के नेता एक ही बात कह रहे हैं कि नीतीश कुमार स्पष्ट जनादेश के लिए लोकसभा चुनाव के साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव का रास्ता चुन सकते हैं। इससे वह पाक-साफ भाजपा के साथ रहे भी तो उनपर पलटने का आरोप नहीं लगेगा।

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