Bihar: जदयू की बैठक में 220 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य, भूमिहारों के खिलाफ बोलने वाले मंत्री का हुआ विरोध
राज्य कार्यकारिणी में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार सहित 118 सदस्य बनाए गए। इसमें पहले नंबर पर सीएम नीतीश कुमार, दूसरे पर कार्यकारी अध्यक्ष संजय और तीसर पर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह को रखा गया था।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी की आज राज्य कार्यकारिणी की बैठक हुई। 2025 विधानसभा चुनाव को लेकर हुए इस बैठक में सीएम नीतीश कुमार, जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा समेत सभी मंत्री, सांसद और विधायक समेत पार्टी 400 सदस्य शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री और सीएम नीतीश कुमार के करीबी ललन सिंह आज की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हुए। बैठक में सीएम नीतीश कुमार करीब आधा घंटा तक अपना संबोधन दिया। सबसे अधिक फोकस आगामी विधानसभा चुनाव पर था।
220 सीट से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए का लक्ष्य है कि 2025 में 220 सीट से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल हो। 2010 में 206 सीटें एनडीए ने जीती थीं। उन्होंने सहयोगी दलों के नेताओं के साथ समन्वय बनाने के लिए संगत-पंगत कार्यक्रम शुरू करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि उनकी हमेशा से कोशिश रही है बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष आर्थिक सहायता मिले। केंद्र सरकार की तरफ से जो विशेष आर्थिक सहायता दी गई है। इसके लिए नीतीश कुमार ने अपनी कार्य समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धन्यवाद किया है।
गाली देने वालों को पार्टी का महासचिव बना दिया
सूत्रों की मानें तो बैठक में इस बात पर भी मुहर लगी कि आगामी दिनों जदयू की ओर सम्मान संवाद कार्यक्रम की शुरुआत होगी। इसमें समता पार्टी के दौरान जुड़े रहे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से पार्टी के नेता संवाद करेंगे। जदयू के नेता नीतीश कुमार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाएंगे और इस पर चर्चा करने का निर्णय लिया गया। इधर, भूमिहारों के खिलाफ बोलने के मामले पर जदयू विधायक डॉ. संजीव ने मंत्री अशोक चौधरी का विरोध किया। कहा कि पार्टी के भीतर एक-दो लोग जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करते हैं। भूमिहारों के लिए बयान देते हैं। इसका सख्त विरोध मैं पहले भी करता था और आज भी कर रहा हूं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भूमिहारों को गाली देने वालों को पार्टी का महासचिव बना दिया जाता है।
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग फिर से उठने लगी है। जदयू कार्यालय के बाहर सीएम नीतीश कुमार के समर्थकों ने इसको लेकर पोस्टर भी लगाया है। जदयू के महासचिव और सीएम नीतीश कुमार के करीबी छोटू सिंह ने कहा कि बिहार के विकास पुरुष कहे जाने वाले नीतीश कुमार को भारत रत्न मिलना चाहिए। केंद्र सरकार से मांग हैं कि उन्हें भारत रत्न दिया जाए।
जनता दल यूनाईटेड में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि जनता दल यूनाईटेड में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी के अंदर गुटबाजी चल रही है। शीर्ष के कुछ नेताओं के बीच तनाव के है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि केंद्रीय मंत्री ललन सिंह इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे। अब तक उनके पटना आने की जानकारी नहीं है। उनका विभागीय काम से बाहर रहेंगे। बताया जा रहा है कि पार्टी के अंदर की गतिविधियों के कारण ललन सिंह नाराज हैं।
राजद ने सीएम नीतीश पर साधा निशाना
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने जदयू के प्रदेश कार्यकारिणी के राजनीतिक प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रस्ताव में विरोधाभासी तथ्यों के साथ हीं केवल एक व्यक्ति विशेष के स्तुति गान तक ही सिमटी है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि राजनीतिक प्रस्ताव देखने से तो यही लगता है कि वैचारिक दृष्टिकोण से पार्टी खुद अस्पष्ट और भ्रमित है। पार्टी का एकमात्र लक्ष्य किसी प्रकार की सौदेबाजी कर सत्ता में बने रहना है। प्रस्ताव में जदयू ने अपने को महात्मा गांधी, डॉ अम्बेडकर, लोहिया, जेपी, युसूफ मेहर अली और कर्पूरी जी के वैचारिक विरासत का वाहक होने का दावा किया गया है। पर व्यवहारिक रूप इस दल का आचरण उन पुरुषों के वैचारिक सोच के विपरित हीं रहा है। राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर साम्प्रदायिक और विभाजनकारी शक्तियों के साथ हीं प्रभुत्ववादी ताकतों को स्थापित करने में जदयू का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। प्रस्ताव में दावा किया गया है कि यदि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज मिला रहता तो बिहार अबतक विकसित राज्यों की श्रेणी में आ जाता। वहीं यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री जी की कृपा से विशेष पैकेज मिल भी रहा है। इससे स्पष्ट है कि यदि मुख्यमंत्री की कुर्सी सुरक्षित रहे तो जदयू बिहार के वाजिब हिस्से के लिए भी केन्द्र से कोई मांग नहीं करेगा।