Bihar: तेजस्वी यादव ने यह क्या किया? गिरिराज सिंह को कूदना पड़ा मैदान में, शिवराज सिंह चौहान को लिखी चिट्ठी
Giriraj Singh : बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पिछले साल की एक चिट्ठी वायरल कर ऐसा हंगामा खड़ा कर दिया कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह लपेटे में आ गए। उन्हें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को आननफानन में एक बात लिखित देनी पड़ गई।


विस्तार
राष्ट्रीय जनता दल की ओर से बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव ने बड़ा बम फोड़ दिया है। ऐसा हंगामा मचा है कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को ललकार की ताकत देख मैदान में कूदना पड़ा। यहां तक कि उन्हें लिखित में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील करनी पड़ गई। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पिछले साल की केंद्र सरकार की एक चिट्ठी को सोशल मीडिया पर डालते हुए सवाल खड़ा किया था कि बेगूसराय में राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के प्रयास से पिछली शताब्दी में शुरू हुए मक्का अनुसंधान केंद्र को देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश से कर्नाटक शिफ्ट किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी लिख दिया कि बेगूसराय के भाजपा सांसद गिरिराज सिंह के केंद्रीय मंत्री रहते यह हो रहा है। यह पत्र ऐसा वायरल हुआ कि भाजपा नेताओं के बार-बार यह बताने पर कि जनवरी में ही वह आदेश वापस हो गया है, हंगामा शांत नहीं हुआ। आखिरकर अब गिरिराज सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखकर याद दिलाया है कि इस बारे में उनकी जनवरी में जो बात हुई थी, उसे कागज पर भी लाया जाए। मक्का अनुसंधान केंद्र बिहार के बेगसूराय से शिफ्ट नहीं किया जाए। हालांकि, ग्राउंड पर मक्का अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
भाजपा विधायक समेत जिसने भी दिया तर्क, वह हुए ट्रोल
दरअसल, बेगूसराय में स्थित बिहार का एकमात्र मक्का अनुसंधान केंद्र कर्नाटक में शिफ्ट होने की खबर ने न सिर्फ बेगूसराय के लोगों की नींद उड़ा दी है, बल्कि इस पर बड़ा विवाद भी पैदा हो गया है। उस पत्र के वायरल होने के बाद बेगूसराय के नगर भाजपा विधायक कुंदन सिंह ने स्पष्ट किया कि मक्का अनुसंधान केंद्र कहीं नहीं जा रहा है और बेगूसराय में ही रहेगा। उन्होंने दावा किया कि जो पत्र वायरल हो रहा है, वह गलत है। वह पत्र 2024 के नवम्बर महीने का है, जिसमें कहा गया है कि बेगूसराय के मक्का अनुसंधान केंद्र को कर्नाटक में शिफ्ट किया जाएगा। पत्र के सामने आने के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है और लोग विभिन्न तरीकों से अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। हालत यह हो गई कि भाजपा के जिस नेता ने वायरल पत्र की बात का खंडन किया, उसे सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाने लगा।

तेजस्वी यादव ने क्या लिखा कि मच गया हंगामा
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मामले पर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि केंद्र सरकार ने भारतीय मक्का अनुसंधान केंद्र (IIMR) के बेगूसराय स्थित मक्का अनुसंधान एवं बीज उत्पादन केंद्र को कर्नाटक के शिवमोग्गा में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी लिखा कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद इस बात की जानकारी दी है। चौहान ने बीवाई राघवेंद्र को लिखे पत्र में बताया कि 15वें वित्त आयोग की अवधि (2021-22 से 2025-26) के दौरान मक्का अनुसंधान केंद्र को लुधियाना से बेगूसराय शिफ्ट किया जाएगा। इस पत्र के बाद बिहार की राजनीति में इस मुद्दे को लेकर बहस शुरू हो गई है। कुछ लोग इसे बिहार और बेगूसराय के लिए दुर्भाग्यपूर्ण तो कुछ इसे बिहार के साथ नाइंसाफी मान रहे हैं।
बेगूसराय में मक्का रिसर्च केंद्र की स्थापना 4 मई 1997 को हुई थी, जब देश के प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल थे। अब केंद्र सरकार इसे कर्नाटक शिफ्ट करने जा रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार और बिहार के किसानों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, NDA और भाजपा को क्या समस्या है? उन्होंने कहा कि पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया और समस्तीपुर जिलों के किसानों की आय का मुख्य स्रोत मक्का की खेती है। नीलगाय और बाढ़ की समस्याओं का सामना करते हुए भी मक्का उत्पादन में बिहार के किसान देश में अव्वल हैं। यह निर्णय किसान और बिहार विरोधी है, और बिहार के अन्नदाता इसका हिसाब लेंगे।
पप्पू यादव ने भी शेयर की वही चिट्ठी, भाजपा ने कहा- भ्रम फैला रहे
इसके बाद पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने भी सोशल मीडिया पर यह पत्र साझा करते हुए सरकार पर निशाना साधा। इसपर नगर भाजपा विधायक कुंदन कुमार सिंह ने कहा कि यह पत्र 2024 में जारी हुआ था, लेकिन उस समय केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कृषि मंत्री से मिलकर इस निर्णय को रोकने का प्रयास किया। उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर विपक्ष द्वारा वायरल किया जा रहा पत्र सही नहीं है और यह जनता को भ्रमित कर रहा है।
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मक्का अनुसंधान केंद्र बेगूसराय को हटाए जाने की बातें वायरल होने को लेकर 'अमर उजाला' ने सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से संपर्क का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो सकी। बाद में सांसद की ओर से उनके कार्यालय ने बयान जारी किया। बेगूसराय के भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने कहा- ''पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर मक्का अनुसंधान केंद्र, बेगूसराय को अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने को लेकर भ्रामक अफवाहें फैलाई जा रही थीं। इस संबंध में पहले भी स्पष्ट जवाब दिया जा चुका था, बावजूद इसके कुछ लोग लिखित स्पष्टीकरण की मांग कर रहे थे। इस संबंध में 17 जनवरी 2025 को ही कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से टेलीफोन पर वार्ता हो चुकी थी, जिसमें मक्का अनुसंधान केंद्र को बेगूसराय में ही बनाए रखने की बात रखी गई थी। उन्होंने इसपर आश्वासन दिया था। इसके अतिरिक्त कृषि सचिव से भी इस विषय में चर्चा की थी।" इस बयान के साथ 18 मार्च 2025 को लिखे पत्र को संलग्न करते हुए बताया गया है कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट रूप से आश्वासन दिया है कि इस संबंध में जो भी पत्र पूर्व में जारी किया गया था, उसे अगले सप्ताह के भीतर निरस्त कर दिया जाएगा। सांसद गिरिराज सिंह ने बिहार व बेगूसराय की जनता से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह या गलत सूचना पर ध्यान न दें और निश्चिंत रहें कि मक्का अनुसंधान केंद्र बेगूसराय में ही रहेगा।