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Bihar News : न ऐसी नाव देखी होगी, न ऐसा सवार; दो कड़ाही को बांस से जोड़ बनाया जुगाड़, प्रसव के लिए गई महिला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेतिया
Published by: आदित्य आनंद
Updated Wed, 09 Aug 2023 03:01 PM IST
सार
Flood News : पूरा गांव बाढ़ के पानी से टापू में तब्दील हो गया है। गांव की सड़कें डूब चुकी हैं। आवागमन ठप पर गया है। प्रशासनिक स्तर पर इस समस्या को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है।
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बेतिया से यह तस्वीर अब वायरल हो रही है।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बिहार में नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। लोग परेशान हैं। कई तो पलायन कर ऊंचे स्थानों पर जाकर रह रहे हैं। इन्हें काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा रहा है। ऐसी ही एक तस्वीर बेतिया से सामने आई है। इसमें एक गर्भवती महिला को जुगाड़ वाले नाव से अस्पताल तक पहुंचाया जा रहा है। बुधवार को बाढ़ इस महिला के लिए आफत बन गई। प्रसव पीड़ा होने के बाद उसके परिजनों ने करीब 3 फीट गहरे पानी को पार करते हुए जुगाड़ की नाव से पीड़िता को अस्पताल ले जाने के लिए मजबूर हो गए। मामला बेतिया के योगापट्टी प्रखंड के जररपुर पंचायत के जररपुर गांव की है।
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दो कराह को बांस में बांधकर नाव बना दिया
परिजनों का कहना है कि योगापट्टी प्रखंड के जररपुर पंचायत के जररपुर गांव निवासी इंद्रजीत चौधरी की पत्नी बबीता देवी (30) को आज सुबह करीब 11:30 बजे प्रसव पीड़ा होने लगी। बाढ़ के कारण अस्पताल जाने का कोई रास्ता नहीं होने से परेशान परिजन ने अस्पताल ले जाने का जुगाड़ बना लिया। उन्होंने गुड़ बनाने वाले दो कराह को बांस में बांधकर नाव बना दिया।
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इस इलाके के 600 घरों के लोग बाढ़ की चपेट में
बबीता देवी के ससुर सत्यदेव चौधरी ने बताया कि उसके बहू को बुधवार को प्रसव का पीड़ा होने लगा। गांव में बाढ़ आने के बाद अस्पताल मे इलाज कराने के ले जाने का कोई साधन नहीं था। इसके बाद उन्होंने गुड़ बनाने वाले कराह को जुगाड़ नाव बनाया और प्रसव के लिए बहू को इसी जुगाड़ नाव में बैठाकर घर से 2 किलोमीटर दूर अस्पताल ले आया। उन्होंने बताया कि पूरा गांव बाढ़ के पानी से टापू में तब्दील हो गया है। लेकिन, प्रशासनिक स्तर पर समस्या को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है। लोगों को आने जाने की समस्या से निजात मिल सके। बता दें कि योगापट्टी प्रखंड के खुटवनिया, जररपुर, गजना, शाही बाजार, बईसीया आदि गांव के लोग गंडक नदी में लगातार वृद्धि होने से बाढ़ की चपेट में हैं। इससे 600 घरों के लोग परेशान हैं।