Bihar News: औरंगाबाद जेजे बोर्ड का अनूठा फैसला, किशोर को मिली अस्पताल में सेवा की सजा; जानें क्यों
Bihar: अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने कहा कि किशोर न्याय बोर्ड के ये फैसले नजीर साबित होंगे। इससे न केवल विधि विरुद्ध किशोरों को सुधरने का मौका मिलेगा बल्कि समाज को भी यह संदेश जाएगा कि अपराध की राह छोड़कर सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है।

विस्तार
विधि विरुद्ध किशोरों को अनूठी सजा सुनाने के लिए चर्चा में आए बिहार के औरंगाबाद किशोर न्याय बोर्ड ने सोमवार को एक और ऐतिहासिक फैसला सुनाया। बोर्ड के प्रधान दंडाधिकारी सह एसीजेएम सुशील प्रसाद सिंह ने कासमा थाना कांड संख्या-98/23 से जुड़े मामले में आरोपी किशोर को सुधरने का अवसर देते हुए सजा सुनाई।

रफीगंज अस्पताल में 10 दिन सेवा का आदेश
पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि किशोर न्याय बोर्ड ने आरोपी किशोर को रफीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 10 दिनों तक सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया है। साथ ही बोर्ड ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया है कि सेवा अवधि के दौरान किसी भी स्थिति में किशोर की पहचान और पता उजागर नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, किशोर की सेवा अवधि के दौरान उसके आचरण और व्यवहार की रिपोर्ट किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत करने का आदेश भी दिया गया है।
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देव सूर्य मंदिर के बाद यह दूसरा अनूठा फैसला
गौरतलब है कि इसी माह 20 अगस्त को बोर्ड ने एक अन्य किशोर को देव स्थित विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर में 15 दिनों की सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया था। यह दूसरा ऐसा फैसला है, जिसने समाज में सकारात्मक संदेश दिया है।
नजीर बनेगा फैसला
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने कहा कि किशोर न्याय बोर्ड के ये फैसले नजीर साबित होंगे। इससे न केवल विधि विरुद्ध किशोरों को सुधरने का मौका मिलेगा बल्कि समाज को भी यह संदेश जाएगा कि अपराध की राह छोड़कर सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक तरह का दंड है, जो अन्य किशोरों को भी अपराध से दूर रहने की प्रेरणा देगा।