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Bihar: बोधगया में 20वां अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक जप समारोह, 28 देशों के 25 हजार भिक्षु और श्रद्धालु शामिल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बोधगया
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Tue, 02 Dec 2025 10:19 PM IST
सार
बोधगया के महाबोधी मंदिर में 2 से 12 दिसंबर तक 20वां वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक जप समारोह आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने किया।
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संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत
- फोटो : अमर उजला
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विस्तार
महाबोधी मंदिर में 2 दिसंबर से 12 दिसंबर तक आयोजित होने वाले 20वें वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक जप समारोह का शुभारंभ संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने किया। यह 10 दिवसीय जप समारोह में 28 विभिन्न देशों से आए 25 हजार बौद्ध भिक्षु, भिक्षुणी और श्रद्धालु सामूहिक रूप से त्रिपिटक जप में भाग लेंगे।
शुभारंभ के बाद संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि बुद्धिस्ट देशों से 25 हजार से अधिक बौद्ध भिक्षु और श्रद्धालु इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। ये सभी 10 दिनों तक सामूहिक रूप से पाठ करेंगे और ज्ञान की धरती बोधगया के बोधि वृक्ष के नीचे एक साथ प्रार्थना करेंगे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान विश्व परिदृश्य में भूराजनीतिक अशांति है। ऐसे समय में शांति और एकात्मकता का भाव स्थापित करने की दिशा में यह अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश का भी हवाला देते हुए बताया कि पीएम ने आयोजकों को धन्यवाद दिया और इसे करुणा, शांति और प्रेम स्थापित करने की दिशा में एक बेहतर कदम बताया।
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गजेन्द्र सिंह शेखावत ने यह भी बताया कि भारत सरकार ने पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है। पाली भाषा में भगवान बुद्ध के संदेशों को अन्य भाषाओं में भी अनूदित किया जाएगा, ताकि उनके उपदेश और शिक्षाएँ व्यापक रूप से फैल सकें।
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शुभारंभ के बाद संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि बुद्धिस्ट देशों से 25 हजार से अधिक बौद्ध भिक्षु और श्रद्धालु इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। ये सभी 10 दिनों तक सामूहिक रूप से पाठ करेंगे और ज्ञान की धरती बोधगया के बोधि वृक्ष के नीचे एक साथ प्रार्थना करेंगे।
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उन्होंने कहा कि वर्तमान विश्व परिदृश्य में भूराजनीतिक अशांति है। ऐसे समय में शांति और एकात्मकता का भाव स्थापित करने की दिशा में यह अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश का भी हवाला देते हुए बताया कि पीएम ने आयोजकों को धन्यवाद दिया और इसे करुणा, शांति और प्रेम स्थापित करने की दिशा में एक बेहतर कदम बताया।
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गजेन्द्र सिंह शेखावत ने यह भी बताया कि भारत सरकार ने पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है। पाली भाषा में भगवान बुद्ध के संदेशों को अन्य भाषाओं में भी अनूदित किया जाएगा, ताकि उनके उपदेश और शिक्षाएँ व्यापक रूप से फैल सकें।