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Bihar News: अस्पताल में शिक्षिका और नवजात की गई जान, 12 साल बाद घर में गूंजने वाली थी किलकारी; अब पसरा मातम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेगूसराय
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Tue, 10 Jun 2025 02:37 PM IST
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सार
Bihar: शिक्षक कुमार गुलशन ने गुस्से और गम में कहा कि हमने डॉक्टर को भगवान समझा था, लेकिन वह तो राक्षस निकला। लापरवाही ने मेरी पत्नी और नवजात की जान ले ली। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा। पढ़ें पूरी खबर

मृतक
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बेगूसराय में एक निजी हॉस्पिटल में एक जज्ज़ा और बच्चा दोनों की जान चली गई। घटना शहर के सृजन नर्सिंग होम की है। जहां प्रसव के दौरान महिला और नवजात दोनों की मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया है। मामला नगर थाना क्षेत्र के डाक बंगला रोड स्थित सृजन नर्सिंग होम का है। बताया जा रहा है कि लोहिया नगर निवासी शिक्षक कुमार गुलशन ने अपनी शिक्षिका पत्नी दीपा राय को सोमवार दोपहर प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मृतका के परिजनों ने नर्सिंग होम पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि डॉक्टर ने मरीज को नर्स के भरोसे छोड़ दिया था, जिससे जच्चा और बच्चा दोनों की जान चली गई। सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। इस दौरान जब शिक्षक पति कुमार गुलशन प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन लिख रहे थे, तभी अस्पताल का एक कर्मचारी इलाज के लिए जमा की गई राशि वापस करने पहुंचा। इससे आक्रोशित परिजनों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया।
डॉक्टर को भगवान समझा था, लेकिन वह राक्षस निकला: पीड़ित पति
शिक्षक कुमार गुलशन ने गुस्से और गम में कहा कि हमने डॉक्टर को भगवान समझा था, लेकिन वह तो राक्षस निकला। लापरवाही ने मेरी पत्नी और नवजात की जान ले ली। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा। नगर थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि परिजनों द्वारा लापरवाही का आरोप लगाया गया है, और उनके द्वारा दी गई लिखित शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पढ़ें: जल संसाधन विभाग की कार्यप्रणाली पर बक्सर सांसद का हमला, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप; जानें
पड़ोसी और भाजपा नेता का भी आरोप
मृतका की पड़ोसी और भाजपा नेता आयुष ईश्वर ने भी अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर परिसर में आराम कर रही थीं और पूरा इलाज नर्सिंग स्टाफ के हवाले था। उनका दावा है कि नवजात की मौत प्रसव के दौरान नहीं, बल्कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हुई। करीब 12 साल बाद उनके घर में एक बार फिर किलकारी गूंजने वाली थी। परिवार की खुशियों का सपना चकनाचूर हो गया और अब पूरे घर में मातम पसरा हुआ है।

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मृतका के परिजनों ने नर्सिंग होम पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि डॉक्टर ने मरीज को नर्स के भरोसे छोड़ दिया था, जिससे जच्चा और बच्चा दोनों की जान चली गई। सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। इस दौरान जब शिक्षक पति कुमार गुलशन प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन लिख रहे थे, तभी अस्पताल का एक कर्मचारी इलाज के लिए जमा की गई राशि वापस करने पहुंचा। इससे आक्रोशित परिजनों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया।
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डॉक्टर को भगवान समझा था, लेकिन वह राक्षस निकला: पीड़ित पति
शिक्षक कुमार गुलशन ने गुस्से और गम में कहा कि हमने डॉक्टर को भगवान समझा था, लेकिन वह तो राक्षस निकला। लापरवाही ने मेरी पत्नी और नवजात की जान ले ली। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा। नगर थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि परिजनों द्वारा लापरवाही का आरोप लगाया गया है, और उनके द्वारा दी गई लिखित शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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पड़ोसी और भाजपा नेता का भी आरोप
मृतका की पड़ोसी और भाजपा नेता आयुष ईश्वर ने भी अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर परिसर में आराम कर रही थीं और पूरा इलाज नर्सिंग स्टाफ के हवाले था। उनका दावा है कि नवजात की मौत प्रसव के दौरान नहीं, बल्कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हुई। करीब 12 साल बाद उनके घर में एक बार फिर किलकारी गूंजने वाली थी। परिवार की खुशियों का सपना चकनाचूर हो गया और अब पूरे घर में मातम पसरा हुआ है।