Bihar: घने कोहरे से ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक, लंबी दूरी की स्पेशल ट्रेनें हो रहीं लेट; यात्रियों में मायूसी
घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के कारण मुजफ्फरपुर जंक्शन से होकर गुजरने वाली कई लंबी और स्पेशल ट्रेनें घंटों विलंब से चल रही हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
विस्तार
बिहार में घने कोहरे और कड़ाके की ठंड का असर अब रेल परिचालन पर भी साफ दिखने लगा है। कोहरे के कारण ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है, जिससे रेल यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मुजफ्फरपुर जंक्शन से होकर गुजरने वाली कई ट्रेनें लगातार विलंब से चल रही हैं।
लंबी दूरी की ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है, वहीं कम दूरी के यात्रियों को भी भीड़ और देरी का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार, कई लंबी दूरी की क्लोन सुपरफास्ट एक्सप्रेस 7 से 10 घंटे तक की देरी से चल रही हैं।
विलंब से चलने वाली प्रमुख ट्रेनों में हावड़ा-रक्सौल मिथिला एक्सप्रेस करीब 2 घंटे, नई दिल्ली–दरभंगा बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 3.20 घंटे, काठगोदाम-हावड़ा बाघ एक्सप्रेस 2.5 घंटे, न्यू जलपाईगुड़ी-अमृतसर एक्सप्रेस 4 घंटे तथा दरभंगा-नई दिल्ली क्लोन एक्सप्रेस सहित कई अन्य ट्रेनें शामिल हैं।
यात्रियों को प्लेटफॉर्म और शेड के नीचे समय बिताना पड़ रहा
दरअसल, उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में घने कोहरे के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र की ओर जाने वाली ट्रेनें प्रभावित हो रही हैं। गुजरात की ओर जाने वाली ट्रेनों के विलंब से भी यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। हालांकि, दिन चढ़ने के बाद कुछ ट्रेनें अपनी देरी को पाटने का प्रयास कर रही हैं और समय-सीमा में लौटने की कोशिश में जुटी हुई हैं।
ये भी पढ़ें- Bihar News: इंटरनेशनल स्मगलर का ट्रांजिट जोन बना मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी, विदेशी सामग्री जब्त; तीन किए गए डिटेन
इसके अलावा रक्सौल-आनंद विहार सद्भावना एक्सप्रेस भी लगभग एक घंटे की देरी से चल रही है। ट्रेनों के इंतजार में यात्रियों को प्लेटफॉर्म और शेड के नीचे समय बिताना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन का निर्माण विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में किया जा रहा है। निर्माण कार्य के कारण यात्रियों को अस्थायी (टेम्परेरी) शेड में इंतजार करना पड़ रहा है। कई यात्रियों ने बताया कि स्टेशन पहुंचने के बाद उन्हें ट्रेनों के विलंब की जानकारी मिलती है, जिसके कारण घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ती है।