Bihar News: बेटियां सुरक्षित नहीं? बॉर्डर से गायब 100 से ज्यादा लड़कियां, मामला सुप्रीम कोर्ट में
मानवाधिकार अधिवक्ता डॉ. एस.के. झा ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर बताया कि मोतिहारी सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर सक्रिय हैं, जो लड़कियों को नेपाल, चीन, ब्राजील और सऊदी अरब जैसे देशों में करोड़ों में बेच रहे हैं।
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भारत–नेपाल बॉर्डर से लगातार गायब हो रही सैकड़ों लड़कियों का मामला अब देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुँच गया है। पिछले छह महीनों में सीमावर्ती इलाकों से 100 से अधिक लड़कियों के लापता होने की घटनाओं ने मानवाधिकार संगठनों और स्थानीय परिवारों में गंभीर चिंता पैदा कर दी है।
इस मामले को लेकर पहले एनएचआरसी और बीएचआरसी में याचिका दाखिल की गई थी, जिसके बाद अब इसे सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया गया है। मानवाधिकार अधिवक्ता डॉ. एस.के. झा ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर पूरी जानकारी दी है। पत्र की एक प्रति पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राज्य महिला आयोग को भी इन घटनाओं से अवगत कराया गया है।
डॉ. झा ने अपने पत्र में बताया है कि मोतिहारी से सटे भारत–नेपाल बॉर्डर क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर सक्रिय हैं। उनके अनुसार, अपने देश के साथ-साथ नेपाल, चीन, ब्राजील और सऊदी अरब जैसे देशों में करोड़ों की राशि में बेटियों को बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर बिहार में अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी का नेटवर्क फैल चुका है, जिसे तुरंत ध्वस्त करना आवश्यक है। यदि इसे नहीं रोका गया तो आने वाले समय में स्थिति और भयावह हो सकती है।
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मानवाधिकार अधिवक्ता ने कहा कि पिछले छह महीनों में सीमा क्षेत्र से 100 से अधिक युवतियाँ गायब हो चुकी हैं। तस्करों के सिंडिकेट द्वारा इन लड़कियों को ऊँची कीमत पर विदेशों में बेचा जाता है, जिससे वे करोड़ों रुपये का अवैध मुनाफा कमाते हैं। इस तरह की लगातार हो रही घटनाएँ सीमा क्षेत्र के परिवारों में दहशत का माहौल पैदा कर रही हैं। साथ ही, यह पुलिस की कार्यशैली और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
अब इस मुद्दे पर उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई है और मामले को सर्वोच्च न्यायालय के सामने रखा गया है, ताकि इस दिशा में सरकार को आवश्यक निर्देश जारी किए जा सकें।