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Bihar Election: मतगणना केंद्र के स्ट्रॉन्ग रूम का कैमरा बंद होने के दावे पर हंगामा, प्रशासन ने बताया अफवाह
न्यूज डेस्क, अमर उजाला,मुजफ्फरपुर
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Thu, 13 Nov 2025 12:15 PM IST
सार
मुजफ्फरपुर विधानसभा चुनाव के स्ट्रॉन्ग रूम कैमरा बंद होने के राजद के दावे ने हंगामा मचा दिया। प्रशासन और राज्य निर्वाचन विभाग ने इसे झूठा और भ्रामक बताया। जिला प्रशासन ने सीसीटीवी वीडियो साझा कर कहा कि कैमरा एक सेकंड के लिए भी बंद नहीं हुआ।
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मुजफ्फरपुर में स्ट्रॉन्ग रूम कैमरा बंद होने के दावे पर हंगामा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुजफ्फरपुर में विधानसभा चुनाव की मतगणना से पहले स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। दावा किया गया है कि मतगणना केंद्र के स्ट्रॉन्ग रूम का कैमरा बंद कर दिया गया, जिसके बाद इसकी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। यह दावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए किया गया, जिसके बाद मामला तेजी से चर्चा में आ गया।
हालांकि, इस पूरे दावे का खंडन मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन और राज्य निर्वाचन विभाग दोनों ने किया है। प्रशासन ने अपने आधिकारिक पोस्ट में साफ कहा कि कैमरा एक सेकंड के लिए भी बंद नहीं किया गया है और सोशल मीडिया पर जो पोस्ट वायरल हो रही है, वह पूरी तरह गलत और भ्रामक है। दरअसल, मुजफ्फरपुर विधानसभा चुनाव के मतगणना केंद्र पर जिला प्रशासन लगातार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का दावा करता आ रहा है, चाहे वह सीसीटीवी निगरानी हो या पुलिस सुरक्षा। इसी बीच, राजद ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें दावा किया गया कि मुजफ्फरपुर के स्ट्रॉन्ग रूम का सीसीटीवी कैमरा बंद है। राजद ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार के कई अन्य जिलों से भी इसी तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं।
राजद ने सवाल उठाया, “चुनाव आयोग का ध्यान आखिर किधर है? क्या यह सब जानबूझकर करवाया जा रहा है?” पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह देश की सुरक्षा छोड़कर बिहार चुनाव के मतगणना केंद्रों में धांधली करवाने पर ध्यान दे रहे हैं। राजद के गंभीर आरोपों के बाद, मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने सीसीटीवी का लाइव वीडियो जारी करते हुए इस दावे को झूठा और अफवाह बताया। प्रशासन ने कहा कि स्ट्रॉन्ग रूम पूरी तरह सुरक्षित है और किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है।
यह खबर भी पढ़ें-Bihar Election 2025 : चुनाव आयोग ने तय किए मतगणना केंद्र, जानिए आपके क्षेत्र में कहां होगी मतों की गिनती
फिलहाल, यह मामला मतगणना से पहले सुरक्षा व्यवस्था और पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन केवल सफाई तक सीमित रहता है या इस मामले में कानूनी कार्रवाई भी करता है। चुनाव के दौरान अफवाह फैलाने को लेकर राज्यभर में कई एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं, और मुजफ्फरपुर का यह मामला एक बार फिर चुनाव सुरक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर रहा है। इस बीच, एक पत्र भी सामने आया है जो निर्वाची पदाधिकारी और जिला प्रशासन के बीच स्पष्टीकरण से जुड़ा है। इसमें बताया गया कि 12 नवंबर को सासाराम बाजार समिति तकिया के गेट पर एक स्टील बॉक्स से लदा ट्रक पकड़ा गया, जो शिवसागर प्रखंड से भेजा गया था।
सुरक्षा बलों ने ट्रक को रोककर जांच की, क्योंकि मतदान समाप्त होने के बाद सभी EVM और चुनाव सामग्री स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित रखी जा चुकी थी। पत्र में कहा गया कि “ऐसे में किसी भी ट्रक का परिसर में प्रवेश करना संदेह उत्पन्न करता है, जो भारत निर्वाचन आयोग की मूल भावना के प्रतिकूल है।” निर्वाचन अधिकारी ने संबंधित अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है कि बिना पूर्व अनुमति ट्रक भेजने की कार्रवाई क्यों की गई और ऐसा करने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कार्रवाई क्यों न की जाए। पत्र के अनुसार, पूरा मतगणना परिसर आयोग के निर्देशों के अनुसार सुरक्षा घेरे में है, और बिना आयोग द्वारा अधिकृत व्यक्ति के वहां प्रवेश सख्त रूप से वर्जित है।
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हालांकि, इस पूरे दावे का खंडन मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन और राज्य निर्वाचन विभाग दोनों ने किया है। प्रशासन ने अपने आधिकारिक पोस्ट में साफ कहा कि कैमरा एक सेकंड के लिए भी बंद नहीं किया गया है और सोशल मीडिया पर जो पोस्ट वायरल हो रही है, वह पूरी तरह गलत और भ्रामक है। दरअसल, मुजफ्फरपुर विधानसभा चुनाव के मतगणना केंद्र पर जिला प्रशासन लगातार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का दावा करता आ रहा है, चाहे वह सीसीटीवी निगरानी हो या पुलिस सुरक्षा। इसी बीच, राजद ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें दावा किया गया कि मुजफ्फरपुर के स्ट्रॉन्ग रूम का सीसीटीवी कैमरा बंद है। राजद ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार के कई अन्य जिलों से भी इसी तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं।
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राजद ने सवाल उठाया, “चुनाव आयोग का ध्यान आखिर किधर है? क्या यह सब जानबूझकर करवाया जा रहा है?” पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह देश की सुरक्षा छोड़कर बिहार चुनाव के मतगणना केंद्रों में धांधली करवाने पर ध्यान दे रहे हैं। राजद के गंभीर आरोपों के बाद, मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने सीसीटीवी का लाइव वीडियो जारी करते हुए इस दावे को झूठा और अफवाह बताया। प्रशासन ने कहा कि स्ट्रॉन्ग रूम पूरी तरह सुरक्षित है और किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है।
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फिलहाल, यह मामला मतगणना से पहले सुरक्षा व्यवस्था और पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन केवल सफाई तक सीमित रहता है या इस मामले में कानूनी कार्रवाई भी करता है। चुनाव के दौरान अफवाह फैलाने को लेकर राज्यभर में कई एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं, और मुजफ्फरपुर का यह मामला एक बार फिर चुनाव सुरक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर रहा है। इस बीच, एक पत्र भी सामने आया है जो निर्वाची पदाधिकारी और जिला प्रशासन के बीच स्पष्टीकरण से जुड़ा है। इसमें बताया गया कि 12 नवंबर को सासाराम बाजार समिति तकिया के गेट पर एक स्टील बॉक्स से लदा ट्रक पकड़ा गया, जो शिवसागर प्रखंड से भेजा गया था।
सुरक्षा बलों ने ट्रक को रोककर जांच की, क्योंकि मतदान समाप्त होने के बाद सभी EVM और चुनाव सामग्री स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित रखी जा चुकी थी। पत्र में कहा गया कि “ऐसे में किसी भी ट्रक का परिसर में प्रवेश करना संदेह उत्पन्न करता है, जो भारत निर्वाचन आयोग की मूल भावना के प्रतिकूल है।” निर्वाचन अधिकारी ने संबंधित अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है कि बिना पूर्व अनुमति ट्रक भेजने की कार्रवाई क्यों की गई और ऐसा करने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कार्रवाई क्यों न की जाए। पत्र के अनुसार, पूरा मतगणना परिसर आयोग के निर्देशों के अनुसार सुरक्षा घेरे में है, और बिना आयोग द्वारा अधिकृत व्यक्ति के वहां प्रवेश सख्त रूप से वर्जित है।