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Bangladesh Violence: हिंदू युवक की हत्या पर राज्यपाल आरिफ माेहम्मद खान बोले- यह किसी कीमत पर स्वीकार नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: आदित्य आनंद
Updated Mon, 22 Dec 2025 02:22 PM IST
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सार
Bihar News: बांग्लादेश में हिंदु युवक की हत्या की आलोचना दुनियाभर में हो रही है। अब बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इस मामले की निंदा की है। कहा कि यह किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह घटना इंसानियत के खिलाफ है।
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान
- फोटो : संवाद
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विस्तार
पटना में बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपु चंद्र दास की मॉब लिंचिंग को लेकर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उत्पीड़न, उत्पीड़न ही होता है, चाहे वह किसी के भी खिलाफ किया जाए। यह निंदनीय है और किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। राज्यपाल ने कहा कि इस तरह की घटनाओं के खिलाफ पूरी दुनिया को आवाज उठानी चाहिए और ऐसे अत्याचारों को तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंसा और नफरत के आधार पर किसी भी समुदाय को निशाना बनाना मानवता के खिलाफ है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका विरोध होना चाहिए।
दीपू चंद्र द्वारा ईशनिंदा करने का कोई सबूत नहीं मिला
बता दें कि बांग्लादेश में भीड़ द्वारा ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मार डाले गए हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या के मामले में खुलासा हुआ है कि दीपू चंद्र द्वारा ईशनिंदा करने का कोई सबूत नहीं मिला है। हाल ही में बांग्लादेश के मयमनसिंह के भालुका इलाके में दीपू चंद्र दास की गुस्साई भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और उसके शव को आग लगा दी थी और नारेबाजी की।
जानिए, कैसे हुई थी दीप चंद्र दास की हत्या
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसी अफवाह फैली की दीपू चंद्र दास ने कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। इससे फैक्ट्री में काम करने वाले लोग नाराज हो गए और उन्होंने दास को नौकरी से निकालने की मांग की। इस बीच फैक्ट्री के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई। फैक्ट्री के फ्लोर इंचार्ज आलमगीर हुसैन ने प्रोथोम आलो अखबार को बताया कि भीड़ ने दीपू को उनके हवाले करने की मांग की। पहले फैक्ट्री प्रबंधन ने दीपू को भीड़ से बचाने की कोशिश की और उसे सिक्योरिटी रूम में बचाकर रखा। इस दौरान मौके पर पुलिस नहीं पहुंची और हालात काबू से बाहर हो गए। इसके बाद फैक्ट्री प्रबंधन ने परिसर को बचाने के लिए दीपू को हिंसक भीड़ के हवाले कर दिया। इसके बाद भीड़ ने बर्बर तरीके से दीपू की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
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दीपू चंद्र द्वारा ईशनिंदा करने का कोई सबूत नहीं मिला
बता दें कि बांग्लादेश में भीड़ द्वारा ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मार डाले गए हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या के मामले में खुलासा हुआ है कि दीपू चंद्र द्वारा ईशनिंदा करने का कोई सबूत नहीं मिला है। हाल ही में बांग्लादेश के मयमनसिंह के भालुका इलाके में दीपू चंद्र दास की गुस्साई भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और उसके शव को आग लगा दी थी और नारेबाजी की।
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जानिए, कैसे हुई थी दीप चंद्र दास की हत्या
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसी अफवाह फैली की दीपू चंद्र दास ने कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। इससे फैक्ट्री में काम करने वाले लोग नाराज हो गए और उन्होंने दास को नौकरी से निकालने की मांग की। इस बीच फैक्ट्री के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई। फैक्ट्री के फ्लोर इंचार्ज आलमगीर हुसैन ने प्रोथोम आलो अखबार को बताया कि भीड़ ने दीपू को उनके हवाले करने की मांग की। पहले फैक्ट्री प्रबंधन ने दीपू को भीड़ से बचाने की कोशिश की और उसे सिक्योरिटी रूम में बचाकर रखा। इस दौरान मौके पर पुलिस नहीं पहुंची और हालात काबू से बाहर हो गए। इसके बाद फैक्ट्री प्रबंधन ने परिसर को बचाने के लिए दीपू को हिंसक भीड़ के हवाले कर दिया। इसके बाद भीड़ ने बर्बर तरीके से दीपू की पीट-पीटकर हत्या कर दी।