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Bihar News : डेढ़ सौ बीघा फसल बर्बाद, NTPC प्लांट से निकले रासायनिक पानी का बुरा असर

न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, पटना / मोकामा Published by: कृष्ण बल्लभ नारायण Updated Sun, 21 Dec 2025 07:30 PM IST
सार

NTPC : NTPC से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी से न सिर्फ फसलें बर्बाद हो रही हैं, बल्कि जमीनें भी बंजर हो रही हैं। यह समस्या बिहार के उन सभी क्षेत्रों में हैं, जहां-जहां NTPC  हैं। लेकिन इसके बाद भी हर्जाना के तौर पर NTPC किसानों को एक चवन्नी देने को तैयार नहीं है। 

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Bihar : Many acres of crops destroyed by chemical water of NTPC badh patna bihar
पानी भरे खेत से धान निकालते किसान - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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पटना जिले के बाढ़ के एनटीपीसी प्लांट से निकलने वाले पानी के कारण सैकड़ो बीघा तैयार घान की फसल बर्बाद हो गई है। इस वजह से किसान धान की फसल को काटकर खाट पर रखते हैं और फिर घर ले जाते है। कई बीघा में तैयार धान की फसल बर्बाद हो गई है। वहीं पच्चास एकड़ दलहन की फसल भी डूब गई है। किसानों को भीषण ठंढ़ में भी घुटने भर पानी में घुसकर फसल काटना पड़ता है, जिसके कारण कई किसान बीमार भी हो चुके हैं। एनटीपीसी प्लांट की लापरवाही का खामियाजा किसानों को लगातार भुगतना पड़ रहा है, लेकिन इसके बाद भी एनटीपीसी उन पीड़ित किसानों को मुआवजा के नाम पर एक चवन्नी भी देना मुनासिब नहीं समझती है। यह मामला न सिर्फ बाढ़ के एनटीपीसी का है, बल्कि यह कहानी उन सभी जगहों पर हैं जहाँ-जहां बिहार में एनटीपीसी हैं। भागलपुर के एनटीपीसी की भी यही कहानी है।

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Bihar : Many acres of crops destroyed by chemical water of NTPC badh patna bihar
खाट पर फसल लाने को हैं किसान मजबूर - फोटो : अमर उजाला

खाट पर फसल ले जाने को मजबूर हैं किसान
इस संबंध में पीड़ित किसानों का कहना है कि लगभग सात वर्षों से यह समस्या अनवरत जारी है। फसल तैयार करने या काटने के दौरान केमिकल युक्त पानी के कारण बीमारी और पैर में समस्या होती है। दो किसान खाट के सहारे दो कट्ठा फसल काटने के बाद बीमार हो गए जिसके बाद से अन्य किसान भी डरे हुए है। उनका कहना है कि 15-20 मिनट पानी में घान काटने के बाद ठंड असर कर जाता है जिससे कई किसान बीमार हो चुके है।
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बिमारी को गले लगाने को मजबूर हैं किसान महिलाएं - फोटो : अमर उजाला

केमिकल युक्त रिसाइकल पानी से बंजर हो रही जमीन
इस केमिकल युक्त रिसाइकल पानी से जमीन भी धीरे-धीरे बंजर हो रही है। कुछ सक्षम किसान ही घान की फसल काट कर ले जा रहे है, बाकी अस्सी फीसदी फसल बर्बाद हो रहे हैं। वहीं लगभग अस्सी फीसदी से ज्यादा किसानो की फसल बर्बाद हुई है।
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आवेदन दिखाते किसान। - फोटो : अमर उजाला

थक गए एनटीपीसी को आवेदन देते-देते किसान
इस मामले को लेकर एनटीपीसी के पीआरओ विकाश धर द्विवेदी का कहना है कि किसानों की समस्या के बाद जांच टीम बनाई गई, लेकिन अभी तक पानी निकलने वाले स्थल का पता नही चल सका है। वहीं कई सवालों के जवाब देने में टाल-मटोल करते रहे।


 

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खेत में बर्बाद हो गई फसलें - फोटो : अमर उजाला

बर्बाद हो गई फसलें 
ढीबर, सहनौरा, रैली ईंग्लिश, लक्ष्मीपुर, बरियारपुर मौजा में परसावां और मंगरचक के किसान खेती करते है। उन किसानों का कहना है कि पानी की निकासी के लिए रेल की पटरी के किनारे पईन बना हुआ था लेकिन एनटीपीसी के द्वारा डंप में पाईप ले जाने के लिए उसे बाधित कर दिया गया। किसानों ने पिछले सोमवार को इसकी लिखित शिकायत एनटीपीसी के अधिकारी और पंडारक सीओ से की है। किसानों की मांग है कि एनटीपीसी से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी को कहीं और गिराया जाए और उनके नुकसान का मुआवजा दिया जाए।
इनपुट : गोविंद कुमार, बाढ़ पटना 

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